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Presidential Election 2022: कांग्रेस नेता ने किया द्रौपदी मुर्मू का समर्थन, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर पार्टी में खींचतान शुरू
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के सामने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा लगातार कमजोर पड़ते जा रहे हैं।
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान की तारीख नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस में भी खींचतान शुरू हो गई है। राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में विपक्षी दलों की ओर से यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को चुनाव मैदान में उतारा गया है मगर कांग्रेस के भीतर ही इसका विरोध शुरू हो गया है। पार्टी के स्टैंड से अलग रुख अपनाते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने यशवंत सिन्हा का समर्थन करने के पार्टी के फैसले का विरोध किया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी को आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने पार्टी के इतिहास की याद दिलाते हुए कहा कि मौजूदा समय में मुर्मू का समर्थन करना ही उपयुक्त होगा।
कांग्रेस के इतिहास की दिलाई याद
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के सामने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा लगातार कमजोर पड़ते जा रहे हैं। एनडीए ने आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को चुनाव मैदान में उतार कर कई विपक्षी दलों में सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की है। भाजपा को अभी तक आठ विपक्षी दलों को तोड़ने में सफलता मिली है। अब कांग्रेस के भीतर भी यशवंत सिन्हा का विरोध शुरू हो गया है।
पार्टी के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर ट्वीट करते हुए द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की मांग की है। इस बाबत किए गए अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि मोतीलाल नेहरू के समय से आज तक कांग्रेस हमेशा शोषितों वंचितों और आदिवासियों के साथ खड़ी रही है। ऐसे में कांग्रेस का आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का विरोध करना उचित नहीं है। कांग्रेस नेता ने पार्टी हाईकमान से इस बाबत पुनर्विचार करने की मांग की है।
पहले भी कसा था यशवंत सिन्हा पर तंज
वैसे यह पहला मौका नहीं है जब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के खिलाफ आवाज बुलंद की है। वे पहले भी यशवंत सिन्हा को लेकर तंज कसते रहे हैं। यशवंत सिन्हा ने लखनऊ मैं अपने दौरे के बाद ट्वीट किया था कि मैं राष्ट्रपति चुने जाने पर संविधान के संरक्षक के रूप में कार्य करूंगा। यशवंत सिन्हा के इस बयान पर तंज कसते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा था कि ना नौ मन तेल होगा और ना राधा नाचेगी।
कांग्रेस में शुरू हुई थी खींचतान
18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस खुलकर यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रही है। यशवंत सिन्हा के नामांकन के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद थे। ऐसे में आचार्य प्रमोद कृष्णम का बयान पार्टी लाइन से पूरी तरह अलग माना जा रहा है। अब यह देखने वाली बात होगी कि पार्टी इस मामले में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करती है या नहीं।
वैसे प्रमोद कृष्णन पहले भी पार्टी के लिए कई मौकों पर असहज स्थिति पैदा करते रहे हैं। पिछले दिनों उन्हें कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नसीहत जरूर दी थी मगर उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनके बयान से यह साफ हो गया है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस में खींचतान शुरू हो गई है।