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Presidential Election: पवार विपक्ष का चेहरा बनने को तैयार नहीं, अब उछला इन तीन दिग्गजों का नाम
Indian Presidential Election 2022 : भारत के नए राष्ट्रपति के लिए देश में 18 जुलाई को मतदान होगा। ममता की कल होने वाली मीटिंग के बीच विपक्ष के उम्मीदवारों में शरद पवार का नाम सबसे आगे है।
Presidential Election 2022: चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम घोषित किए जाने के बाद विपक्षी खेमे के उम्मीदवार को लेकर चर्चाएं काफी तेज हो गई हैं। एनसीपी (NCP) के मुखिया शरद पवार (Sharad Pawar) के नाम अभी तक विपक्षी खेमे में सबसे आगे चल रहा था मगर अब पवार ने खुद ही साफ कर दिया है कि वे अगले राष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष का चेहरा नहीं होंगे। ऐसे में विपक्ष के चेहरे को लेकर एक बार फिर बड़ा पेंच फंसता नजर आ रहा है।
विपक्ष का चेहरा तय करने के लिए ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की ओर से बुलाई गई बैठक कल होने वाली है। वैसे विपक्षी खेमे की ओर से अब तीन दलों के बड़े नेताओं का नाम उछला है। सियासी मैदान में इन तीनों नेताओं का लंबा अनुभव रहा है।अब देखने वाली बात होगी कि विपक्षी दलों के बीच हुए इनमें से किस नेता के नाम पर रजामंदी बन पाती है।
पवार नहीं लड़ेंगे राष्ट्रपति का चुनाव
दरअसल पवार ने अपना रुख सोमवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में साफ किया। एनसीपी के कैबिनेट सदस्यों की बैठक के दौरान पवार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की रेस में शामिल नहीं हूं। उन्होंने कहा कि अगले राष्ट्रपति के चुनाव में वे विपक्ष का चेहरा नहीं होंगे। हाल के दिनों में पवार का नाम राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के चेहरे के रूप में खूब चर्चाओं में रहा है। पवार का चेहरा ऐसा माना जाता रहा है जिस पर सभी विपक्षी दल जल्द ही रजामंद हो जाएंगे मगर पवार खुद यह चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं।
राष्ट्रपति चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद पवार से फोन पर बातचीत की थी। इसके साथ ही महाराष्ट्र कांग्रेस की ओर से भी पवार के नाम का समर्थन किया गया था। आप सांसद संजय सिंह की पवार से मुलाकात के बाद भी इन चर्चाओं को बल मिला था। वैसे पवार अब खुद इस रेस से दूर हट गए हैं।
अब इन तीन दिग्गजों का नाम चर्चा में आया
पवार के इनकार करने के बाद अब विपक्षी खेमे में तीन दूसरे दिग्गजों का नाम उछल गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि अब राष्ट्रपति के महत्वपूर्ण पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला के नाम पर चर्चा होने की संभावना है। फारूक अब्दुल्ला के अलावा विपक्ष के दो और बड़े चेहरों पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का नाम इस दौड़ में शामिल बताया जा रहा है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने पिछले दिनों बेंगलुरु में देवगौड़ा से मुलाकात भी की थी। हालांकि इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। देवगौड़ा की पार्टी कर्नाटक में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार भी बना चुकी है।
गुलाम नबी आजाद का भी लंबा सियासी अनुभव रहा है। वे कई बार सांसद रहने के साथ जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और केंद्र में कई बार मंत्री रह चुके हैं। हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया था। ऐसे में उनके नाम पर भी विचार किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
ममता की कल की बैठक पर टिकीं निगाहें
अब सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से कल दिल्ली में बुलाई गई बैठक पर टिकी हुई हैं। ममता बनर्जी ने इस बैठक के लिए सभी गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं को न्योता भेजा है। ममता के प्रयास को लेकर विवाद भी पैदा हो गया है।
माकपा और भाकपा की ओर से ममता की ओर से की गई इस पहल को एकतरफा बताया गया है। दोनों पार्टियों का कहना है कि बिना कोई चर्चा किए इस तरह की बैठक बुलाने से विपक्षी दलों के बीच गलतफहमी ही पैदा होगी। अब देखने वाली बात यह होगी कि विपक्ष के कौन से चेहरे ममता की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचते हैं और इस बैठक में किन नामों पर चर्चा की जाती है।