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Presidential Election 2022: द्रौपदी मुर्मू की राह हुई आसान, अकाली दल और जेडीएस ने समर्थन का किया ऐलान
Presidential Election 2022: एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को शिरोमणि अकाली दल और जेडीएस ने समर्थन देने की घोषणा की है।
Presidential Election 2022: एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (NDA candidate Draupadi Murmu) तिहास रचने के करीब पहुंचती नजर आ रही हैं। देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनने की ओर अग्रसर मुर्मू के समर्थकों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। एनडीए के अलावा विपक्ष के भी दल एक-एक कर अपने समर्थन का ऐलान कर रहे हैं। वाईएसआर, बीएसपी, जेएमएम और बीजेडी जैसी विपक्षी पार्टियों के बाद दो और गैर – एनडीए दलों ने राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू (NDA candidate Draupadi Murmu) का समर्थन करने का ऐलान किया है। ये हैं शिरोमणि अकाली दल और जेडीएस ।
शिअद ने किया समर्थन देने का ऐलान
कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए से अलग होने वाली शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए कैंडिडेट का समर्थन करने का ऐलान किया। चंडीगढ़ में पार्टी कोर कमिटी की बैठक के बाद पूर्व डिप्टी सीएम और शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने कहा कि हम कांग्रेस के साथ नहीं जा सकते, कांग्रेस ने सिखों पर बहुत जुल्म किए हैं। इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं, इसलिए हम उनका समर्थन कर रहे हैं। इसे लेकर मुर्मू का फोन भी उन्हें आया था।
बता दें कि कृषि कानूनों पर विरोध के चलते बीजेपी – शिरोमणि अकाली दल का 24 साल पुराना गठबंधन टूट गया था। दोनों ने हालिया पंजाब विधानसभा चुनाव भी अलग – अलग गठबंधन में लड़ा था। दोनों को भयानक पराजय का सामन करना पड़ा। अकाली दल लगातार पंजाब में सिमटती नजर आ रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि वह जल्द बीजेपी के साथ कमबैक कर सकती है।
कर्नाटक से जेडीएस का समर्थन
एनडीए को शिरोमणि अकाली दल के अलावा एक और विपक्ष दल ने राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने का ऐलान किया है। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) ने आगामी राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया है।
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्र यशंवत सिन्हा (Former Union Minister Yashwant Sinha) हैं। उन्हें 17 विपक्षी दलों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, जैसे – जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है, उनकी स्थिति कमजोर होती नजर आ रही है। महाराष्ट्र में हुए सियासी उठापटक के बाद उनकी स्थिति और कमजोर हुई है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा, वहीं परिणाम 21 जुलाई को आएंगे।