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Presidential Election: बीजेपी ने SP-RLD में की बड़ी सेंधमारी, विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर द्रौपदी मुर्मू को दिया वोट
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति के चुनाव में एक बार फिर से विपक्षी एकता को जोर का झटका लगा है. एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में विपक्ष के विधायकों ने जमकर क्रॉस वोटिंग की.
Presidential Election 2022: राष्ट्रपति के चुनाव में एक बार फिर से विपक्षी एकता को जोर का झटका लगा है. एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में विपक्ष के विधायकों ने जमकर क्रॉस वोटिंग की. कई राज्यों में आंकड़े सामने आने के बाद पता चला है की बीजेपी का मुर्मू पर दांव लगाना एक दम सटीक बैठा. जिससे विपक्ष के विधायक भी पार्टी लाइन से हटकर उन्हें अपना मत दे दिया. बात उत्तर प्रदेश की करें तो देश के सबसे बड़े सूबे जहां 80 लोकसभा के सांसद और 403 विधायक हैं. वहां विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा को 121 वोट मिलने की उम्मीद थी. लेकिन क्रॉस वोटिंग के बाद उन्हें सिर्फ 111 वोट मिला है. यानी 10 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की.
जिनमें से दो नाम शिवपाल यादव, शहजिल इस्लाम के बारे सबको पहले ही मालूम पड़ गया था. लेकिन 7 से 10 और विधायकों ने भी क्रॉस वोटिंग की है. इनमें समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के विधायक शामिल हैं. अब इस पर इन दोनों दलों को पता लगाना होगा कि किन विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है.
मतदान से पहले जब यशवंत सिन्हा लखनऊ वोट मांगने आए थे. उस दौरान सपा के सहयोगी ओमप्रकाश राजभर के अलग होने के संकेत मिल गए थे. उनके छह विधायकों ने द्रोपदी मुर्मू को वोट किया है. उसके बाद भी सपा, आरएलडी और कांग्रेस के दो विधायक को मिलाकर 121 वोट हो रहे थे. गुरुवार को नतीजे आने के बाद जब विधायकों के वोट का पूरा समीकरण निकाला गया तो पता चला सपा और आरएलडी के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर दिया है. जिससे यशवंत सिन्हा को यूपी से उम्मीद के मुकाबले 10 मत कम मिले. उन्हें सिर्फ 111 वोट हासिल हुआ. ऐसे में सपा और आरएलडी में बीजेपी ने सेंधमारी कर दिया है.
राष्ट्रपति चुनाव में उत्तर प्रदेश में एक बार फिर विपक्षी एकता की पोल खुल गई है. सपा, आरएलडी, कांग्रेस भले ही बीजेपी के धुर विरोधी हों लेकिन इनके विधायक ने एनडीए के उम्मीदवार को वोट देकर अपनी पार्टी की रणनीति को कमजोर करने का कार्य किया है. वहीं एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को यूपी से 287 वोट मिले हैं. बीजेपी और उनके सहयोगी दलों को मिलाकर द्रौपदी मुर्मू को यहां जीतने वोट मिलने थे उससे भी ज्यादा वोट हासिल हुआ है. जिससे साफ जाहिर है कि सपा और आरएलडी के विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू को अपना वोट दे दिया.
कांग्रेस के पास सिर्फ दो वोट था. रालोद के 8 वोटों की स्थिति पूरी तरह से साफ नहीं है जो जयंत चौधरी के लिए अच्छा संकेत नहीं दिखाई देता. यूपी में तीन विधायकों के वोट अवैध भी घोषित हुआ है.