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Presidential Election 2022: अगले राष्ट्रपति के नामों पर कयासों का दौर शुरू,आखिर कौन बनेगा पीएम मोदी की पसंद
Presidential elections India: जानकारों के मुताबिक अगले राष्ट्रपति के रूप में आदिवासी महिला या कोई मुस्लिम उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद हो सकता है।
Presidential Election 2022: देश में नए राष्ट्रपति के चुनाव का बिगुल बज गया है। चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की गई है जबकि 21 जुलाई को मतगणना की जाएगी। चुनाव आयोग की ओर से घोषित कार्यक्रम के अनुसार 21 जुलाई को देश के अगले महामहिम के बारे में घोषणा हो जाएगी। चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए तारीखों के ऐलान के बाद सियासी हलकों में गहमागहमी तेज हो गई है।
राष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा मजबूत स्थिति में दिख रही है। हालांकि उसे कुछ क्षेत्रीय दलों की मदद भी लेनी पड़ेगी। राष्ट्रपति के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद अब अगले महामहिम के नाम पर कयासों का दौर शुरू हो गया है। जानकारों के मुताबिक अगले राष्ट्रपति के रूप में आदिवासी महिला या कोई मुस्लिम उम्मीदवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद हो सकता है। हालांकि यह भी सच्चाई है कि पीएम मोदी अपने फैसलों को लेकर हमेशा चौकाते रहे हैं। इसलिए उनके फसलों का पूर्वानुमान लगाना काफी मुश्किल काम होता है।
आदिवासी महिला पर लगा सकते हैं दांव
सियासी हलकों में चल रही चर्चा के मुताबिक भाजपा की ओर से किसी आदिवासी महिला या मुस्लिम उम्मीदवार पर दांव लगाया जा सकता है। आदिवासी महिला उम्मीदवार के रूप में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उनके और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का नाम लिया जा रहा है। द्रोपदी मुर्मू का नाम 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में भी उछला था मगर आखिरकार पीएम मोदी ने रामनाथ कोविंद के नाम पर मुहर लगाई थी।
छत्तीसगढ़ की राज्यपाल उइके का ताल्लुक मध्य प्रदेश से है जबकि द्रौपदी मुर्मू उड़ीसा से ताल्लुक रखत हैं। मुर्मू उड़ीसा के आदिवासी जिले मयूरभंज की रहने वाली है। झारखंड के राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल पहले ही पूरा हो चुका है। इन दोनों महिला उम्मीदवारों का नाम काफी तेजी से उछला है। माना जा रहा है कि इन दोनों में से किसी एक को उम्मीदवार बनाकर पीएम मोदी को महिला और आदिवासी समीकरण साधने में मदद मिलेगी।
मुस्लिम प्रत्याशी के रूप में नकवी का नाम उछला
देश के अगले राष्ट्रपति के चुनाव में भाजपा की ओर से मुस्लिम चेहरे पर भी बड़ा दांव लगाया जा सकता है। जानकारों का कहना है कि ऐसे में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंद बन सकते हैं। मुख्तार अब्बास नकवी को 2016 में झारखंड से राज्यसभा का सदस्य चुना गया था मगर इस बार भाजपा ने उन्हें राज्यसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया। राज्यसभा चुनाव के रूप में नकवी का कार्यकाल जुलाई के पहले सप्ताह में समाप्त हो रहा है।
राज्यसभा चुनाव में टिकट न मिलने के बाद उन्हें रामपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारने की चर्चा भी जोरों पर थी। नकवी 1998 में रामपुर से लोकसभा का चुनाव जीत भी चुके हैं मगर पार्टी ने उन्हें रामपुर से भी चुनाव मैदान में नहीं उतारा।
भाजपा की ओर से रामपुर में घनश्याम लोधी को टिकट दिया गया है। ऐसे में सियासी हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा की ओर से मुख्तार अब्बास नकवी को भी उम्मीदवार बनाया जा सकता है। वैसे नकवी को उपराष्ट्रपति बनाने की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। नकवी को उम्मीदवार बनाने से भाजपा को मुस्लिम विरोधी छवि का ठप्पा हटाने में बड़ी मदद मिलेगी।
हमेशा चौकाते रहे हैं पीएम मोदी
वैसे यह भी सच्चाई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) हमेशा अपने फैसलों से सबको चौंकाते रहे हैं। 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में भी उन्होंने रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार बनाकर सबको चौंका दिया था। 2017 में भी मीडिया की ओर से तमाम नामों को लेकर कयास लगाए जा रहे थे मगर रामनाथ कोविंद के बारे में किसी ने नहीं सोचा था।
2017 में पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात के रहने वाले कोविंद को उम्मीदवार बनाकर दलित समीकरण साधने की कोशिश की थी। कोविंद उस समय बिहार के राज्यपाल थे और एनडीए की ओर से उन्हें उम्मीदवार बनाया गया था।
कई जानकारों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी अपने फैसले से चौंका सकते हैं। हालांकि राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आखिर कौन अगले राष्ट्रपति के रूप में पीएम मोदी की पसंद बनेगा।