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राष्ट्रपति चुनाव: मोदी का 'राम' स्ट्रोक, जानिए कौन हैं रामनाथ कोविंद ?
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रेसिडेंट अमित शाह ने सोमवार (19 जून) को एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर दलित समुदाय के रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा की है।
नई दिल्ली: देश के अगले राष्ट्रपति को लेकर तमाम हल्कों से कई नाम सामने आ रहे थे। इसी बीच पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला और तमाम कयासों को चकनाचूर कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रेसिडेंट अमित शाह ने सोमवार (19 जून) को एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर दलित समुदाय के रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा की है। रामनाथ कोविंद वर्तमान में बिहार के राज्यपाल हैं। कोविंद 8 अगस्त 2015 को बिहार के राज्यपाल नियुक्त हुए। माना जा रहा है कि रामनाथ कोविंद का देश का अगला राष्ट्रपति बनना तय है।
अगली स्लाइड में जानिए कौन हैं रामनाथ कोविंद
कौन हैं रामनाथ कोविंद
-रामनाथ कोविंद यूपी के कानपुर देहात में डेरापुर तहसील के झींझक कस्बे के एक छोटे से गांव परौख के रहने वाले हैं।
-उनका जन्म 01 अक्टूबर, 1945 में हुआ था।
-उनकी प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लॉक के गांव खानपुर से हुई।
-कोविंद का संबंध कोरी या कोली जाति से है जो यूपी में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है।
-कोविंद ने कानपुर के बीएनएसडी शिक्षा निकेतन से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की।
-इसके बाद डीएवी लॉ कॉलेज से ग्रेजुएशन किया।
-उन्होंने देश की सर्वोच्च सिविल सेवा में जाने के लिए आईएएस का एग्जाम दिया, लेकिन पहले और दूसरे प्रयास में वे असफल रहे।
-उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरी बार में उन्होंने एग्जाम क्लियर कर लिया।
-हालांकि, उन्होंने आईएएस की जॉब ठुकरा दी, क्योंकि उन्हें एलाइड सेवा में सर्विस मिल गई थी।
वकील भी हैं रामनाथ कोविंद
रामनाथ कोविंद वकील भी हैं। वह दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस भी कर चुके हैं। इसके साथ ही वह बीजेपी सरकार में सुप्रीम कोर्ट के जूनियर काउंसलर के पद पर भी रह चुके हैं।
साल 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वे तत्कालीन पीएम मोरार जी देसाई के निजी सचिव भी बने।
इसके बाद कोविंद बीजेपी के संपर्क में आए और पार्टी ने साल 1990 में उन्हें घाटमपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा। हालांकि, उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद साल 2007 में उन्हें प्रदेश की राजनीति में सक्रिय करने के लिए भोगनीपुर सीट से चुनाव लड़ाया गया, लेकिन इस बार भी वह हार गए।
यूपी से रहे राज्यसभा के सदस्य
-रामनाथ कोविंद को यूपी इकाई में पार्टी का बड़ा चेहरा माना जाता है।
-वे साल 1994 से 2000 तक यूपी से राज्यसभा के सदस्य रहे हैं।
-वे अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रवक्ता भी रहे।
-इसके बाद वह साल 2000 से 2006 तक एक बार फिर से यूपी से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए।
-इस तरह कोविंद लगातार 12 साल तक राज्य सभा के सदस्य रहे।
-कोविंद बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं।