TRENDING TAGS :
Maharashtra Politics: शरद पवार पर बढ़ा दबाव, महाराष्ट्र की राजनीति में नया गठबंधन संभव?
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के एक धड़े में भाजपा के साथ जाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के एक धड़े में भाजपा के साथ जाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। इस प्रयास के तहत शिवसेना (शिंदे गुट) को भी प्रभावित करने की रणनीति अपनाई जा रही है। दूसरी ओर, भाजपा भी इसका लाभ उठाकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को संदेश देने की कोशिश कर रही है।
हाल ही में शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के प्रवक्ता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। इसी क्रम में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बाबनकुले से मुलाकात की, जिसे भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले, एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शरद पवार की नजदीकियां भी चर्चा का विषय बनी थीं।
भाजपा का बढ़ता दबदबा और शिंदे की चुनौती
महाराष्ट्र विधानसभा में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में भाजपा नेतृत्व वाली महायुति ने जबरदस्त जीत दर्ज की थी। 288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति ने 234 सीटें जीतीं, जिससे विपक्ष की स्थिति कमजोर हो गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने दोनों सहयोगी दलों—शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) के साथ बेहतर तालमेल बनाया है। हालांकि, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा के बीच सामंजस्य की कमी कई बार उभरकर सामने आई है।
शिंदे गुट के कुछ मंत्रियों के निजी सहायकों की नियुक्ति पर विवाद खड़ा हुआ था, जिसे फडणवीस ने सख्ती से रोका। इस कदम की सराहना सामना में की गई, जबकि संजय राउत ने इसके जरिए शिंदे पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। इससे यह स्पष्ट होता है कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और भाजपा के बीच संभावित नए गठबंधन की संभावनाएं प्रबल हो रही हैं।
शरद पवार की घटती पकड़
एनसीपी प्रमुख शरद पवार की राज्य में पकड़ कमजोर होती दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी हालिया गर्मजोशी और भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बाबनकुले से जयंत पाटिल की मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। भाजपा, कांग्रेस को झटका देने के साथ-साथ महाविकास आघाड़ी को भी कमजोर करने की रणनीति पर काम कर रही है। इस स्थिति में शरद पवार को भी नई रणनीति बनानी पड़ सकती है।
आगामी निकाय चुनावों पर प्रभाव
महाराष्ट्र में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर भाजपा और महायुति अपने समीकरणों को और मजबूत करने में लगी हैं। फडणवीस की सक्रिय भूमिका और शिवसेना (उद्धव) की भाजपा के प्रति बदली हुई सोच इस ओर संकेत कर रही है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े फेरबदल हो सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, भाजपा एक ओर शिवसेना (शिंदे) को अपने पक्ष में बनाए रखने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट को अपने करीब लाने की रणनीति भी अपनाई जा रही है। इन सभी बदलावों के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में आगामी दिनों में और अधिक हलचल देखने को मिल सकती है।