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राज्यसभा में गूंजा महंगाई मुद्दा...विपक्ष को निर्मला सीतारमण का जवाब, बोलीं- वस्तुओं की कीमतों में आई कमी
Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री ने कहा कि हम इस देश में पर्याप्त मात्रा में दालें नहीं उगाते हैं। इसलिए आम तौर पर आपूर्ति में कमी के कारण दाल की कीमतें (उच्च) होती हैं। प्रत्याशा में फसल के अनुमान के आधार पर हम आयात के लिए समझौता करते हैं।
Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट सत्र के दौरान सदन में देश में महंगाई के मुद्दे पर तो करार जवाब दिया है, साथ ही, जनता को महंगाई की स्थिति से रूबरू करवाया। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि देश में महंगाई दर नियंत्रण में है। वस्तुओं की कीमतें कम हो गई हैं और यह सहनशीलता सीमा के भीतर हैं। दरअसल, वित्त मंत्री का यह जवाब तब आया, जब राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान अन्नाद्रमुक के एम थंबी दुरई ने खुदरा मुद्रास्फीति में बीते महीने आई वृद्धि पर सवाल किया।
खराब होने वाली वस्तुओं की आपूर्ति के लिए उठाए गए कदम
अन्नाद्रमुक के राज्यसभा सांसद के इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि निर्मला सीतारमण ने बताता कि मोदी सरकार मूल्य वृद्धि को नियंत्रित रखने के लिए क्या काम किये हैं। सीतारमण ने कहा कि कीमतें कम होनी शुरू हो गई हैं और सहनशीलता सीमा के भीतर हैं। सरकार द्वारा विशेष रूप से खराब होने वाली वस्तुओं की आपूर्ति में कमी को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।
जानिए क्या है खुदरा महंगाई दर
हालांकि, भारत में खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के 2-6 प्रतिशत के आरामदायक स्तर पर है, लेकिन आदर्श 4 प्रतिशत परिदृश्य से ऊपर है। दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 5.69 फीसदी थी।
इस वजह से दाल होती है महंगाी
वित्त मंत्री ने कहा कि हम इस देश में पर्याप्त मात्रा में दालें नहीं उगाते हैं। इसलिए आम तौर पर आपूर्ति में कमी के कारण दाल की कीमतें (उच्च) होती हैं। प्रत्याशा में फसल के अनुमान के आधार पर हम आयात के लिए समझौता करते हैं। भारत मोज़ाम्बिक, म्यांमार, तंजानिया, सूडान और मलावी से और कुछ हद तक केन्या और नाइजीरिया से तुअर दाल का आयात करता है। आयातकों ने 2023 में लगभग 8.79 लाख टन तुअर दाल भेजी है। मसूर के लिए पिछले कैलेंडर वर्ष में आयात 15.14 एलएमटी था।
रियायत दर पर सरकार मुहैया करवा रही दाल
उन्होंने कहा कि नागरिकों राहत देने के लिए सरकार सब्सिडी के तहत चना 1 किलोग्राम के पैक के लिए 60 रुपये प्रति किलोग्राम और 30 किलोग्राम के पैक के लिए 55 रुपये प्रति किलोग्राम पर उपलब्ध करवा रहा है। जनवरी 2024 तक करीब 2.97 लाख टन चना रियायती दरों पर बेचा जा चुका है। सीतारमण ने कहा कि रियायती कीमत पर आने वाली यह भारत दाल ओएनडीसी, ब्लिंकिट, जियो मार्ट और अन्य सभी बड़े खुदरा दुकानों पर उपलब्ध है। टमाटर और अन्य चीजों की कीमतों को नियंत्रण करने के लिए भी ऐसे कदम उठाये जा रहे हैं।
मुख्य सब्जी पर भी लगी निर्यात प्रतिबंध
मुख्य सब्जियों के वस्तुओं की कीमतों में बढ़े दाम को रोकने के लिए सीतारमण ने कहा कि हमने उनके निर्यात में कटौती की है ताकि उनकी कीमतों को उचित सीमा के भीतर रखा जा सके। भारत ने मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। हालांकि कुछ देशों द्वारा किए गए अनुरोध के आधार पर केंद्र सरकार प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।