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प्रधानमंत्री ने कहा कानून तो रहेगा, कमी और बदलाव बताने की चुनौती
मोदी ने किसान आन्दोलन में शामिल किसी नेता का नाम नहीं लिया लेकिन योगेन्द्र यादव जैसे नेताओं की ओर उनका संकेत स्पष्ट था जो हर किसी आन्दोलन में प्रमुखता से शामिल हो जाते हैं।
लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज संसद में अपने संबोधन से ये स्पष्ट कर दिया है कि कृषि संबंधी कानून तो वापस नहीं होंगे, हां अगर इसमें किन्हीं बदलावों के लिए कोई सुझाव आते हैं तो जरूर उनको सुना जाएगा। उन्होंने कहा है कि कानून लागू होने का मतलब यह कतई नहीं है कि बाद में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता। भविष्य में भी कहीं कोई कमी नजर आए तो उसे सुधारा जाएगा।
एमएसपी और मंडियां
पीएम ने मंडी व्यवस्था के बारे में कहा कि यह और बेहतर होगी और मंडियों को कतई खत्म नहीं किया जा रहा। एमएसपी पर स्थिति स्पष्ट करते हुए मोदी ने कहा कि एमएसपी को कोई खत्म नहीं कर सकता। एमएसपी था, है और रहेगा।
नेताओं पर व्यंग्य
मोदी ने किसान आन्दोलन में शामिल किसी नेता का नाम नहीं लिया लेकिन योगेन्द्र यादव जैसे नेताओं की ओर उनका संकेत स्पष्ट था जो हर किसी आन्दोलन में प्रमुखता से शामिल हो जाते हैं। पिछले कुछ सालों में एक नई जमात सामने आई है, आंदोलन जीवियों की। ये वकीलों का आंदोलन हो, छात्रों का आंदोलन हो, सब जगह पहुंच जाते हैं। ये आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं। देश को इन आंदोलनजीवियों से बचाने की जरूरत है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कही यह बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का जिक्र करते हुए कहा कि आज विपक्ष कृषि रिफॉर्म्स पर यू टर्न क्यों ले रहा है? प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि कुछ लोग नए कृषि कानूनों पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। शरद पवार, कांग्रेस और हर सरकार ने कृषि सुधारों की वकालत की है कोई पीछे नहीं है।
कांग्रेस और सभी दलों ने कृषि सुधारों की बात कही
पीएम मोदी ने कहा मनमोहन सिंह जी ने किसान को उपज बेचने की आजादी दिलाने, भारत को एक कृषि बाजार दिलाने के संबंध में अपना इरादा व्यक्त किया था और वो काम हम कर रहे हैं। आप लोगों को गर्व होना चाहिए कि देखिए मनमोहन सिंह जी ने कहा था वो मोदी को करना पड़ रहा है। कांग्रेस और सभी दलों ने कृषि सुधारों की बात कही है। पिछले 2 दशक से ये सारी बातें चल रही हैं। ये समाज परिवर्तनशील है। आज के समय हमें जो सही लगा उसे लेकर चलें, आगे नई चीजों को जोड़ेगें। रुकावटें डालने से प्रगति कहां होती है।
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आन्दोलन की चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि असदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई। किस बात को लेकर आंदोलन है उस पर सब मौन रहे। जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती।
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रिपोर्ट : नीलमणि लाल
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