TRENDING TAGS :
'भारत-चीन संबंध वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए जरूरी', शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत में बोले पीएम मोदी
PM modi and xi jinping Meeting : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में द्विपक्षीय बातचीत शुरू हो गई है।
PM modi and xi jinping Meeting : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में द्विपक्षीय बातचीत हुई। दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत करीब एक घंटे तक चली है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि भारत-चीन संबंध वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति दोनों देशों के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त को लेकर भारत-चीन के बीच समझौते के बाद यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम 5 साल बाद औपचारिक बैठक कर रहे हैं। हमारा मानना है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पर पिछले 4 वर्षों में जो मुद्दे उठे हैं, उन पर बनी आम सहमति का हम स्वागत करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
सीमा विवाद पर समझौते का स्वागत किया
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पीएम मोदी ने 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में उत्पन्न विवाद के समाधान पर हाल ही में हुए समझौते का स्वागत किया। उन्होंने मतभेदों और विवादों को जिम्मेदारी से संभालने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन सीमा के सवाल पर विशेष प्रतिनिधि शांति और सौहार्द के लिए प्रबंधन करेंगे। इस मुद्दे पर निष्पक्ष और पारस्परिक स्वीकार्य समाधान की दिशा में काम करने के लिए जल्द ही बैठक करेंगे। इसके अतिरिक्त, द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्माण करने के लिए विदेश मंत्री और आधिकारिक स्तरों पर संवाद तंत्र का उपयोग किया जाएगा।
युद्ध नहीं, संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है भारत
इससे पहले पीएम मोदी ने दूसरे दिन बुधवार को ब्रिक्स समिट के पूर्ण सत्र में भाग लिया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को आतंकवाद से सख्ती से निपटना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत युद्ध नहीं, संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है। जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को हराया, उसी तरह हम आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि हमें साइबर सुरक्षा, सुरक्षित एआई के लिए वैश्विक विनियमन के लिए काम करना चाहिए।
आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट होना होगा
पीएम मोदी ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए हम सभी को एकजुट होना होगा और मजबूती से सहयोग करना होगा। ऐसे गंभीर मुद्दे पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है। हमें अपने देशों के युवाओं को कट्टरपंथी बनने से रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब दुनिया युद्ध, संघर्ष, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों से घिरी हुई है। दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है। तकनीकी युग में साइबर सुरक्षा और डीपफेक जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं। ऐसे में ब्रिक्स से कई उम्मीदें हैं। हमारा मानना है कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।
2020 में भारत-चीन के खराब हो गए थे रिश्ते
बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध खराब हो गए थे। यह दोनों पक्षों के बीच दशकों बाद गंभीर सैन्य संघर्ष था। इस संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, चीन के भी 40 से अधिक सैनिकों की मौत हुई थी लेकिन चीनी ने अपने सैनिकों की मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं की थी। हालांकि अब चार सालों बाद भारत-चीन के बीच सहमति बन गई है, जिससे चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक बड़ी सफलता मिली है।