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PM Modi Podcast : गोधरा दंगों पर खुलकर बोले पीएम मोदी, जानिए पॉडकास्ट में और क्या-क्या कहा?

PM Modi Podcast : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उद्यमी निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट के दौरान गुजरात में 2002 के गोधरा दंगों पर खुलकर बातचीत की।

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Newstrack Network
Published on: 10 Jan 2025 10:42 PM IST (Updated on: 10 Jan 2025 10:51 PM IST)
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पीएम मोदी और निखिल कामथ (Pic - Social Media)

PM Modi Podcast : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उद्यमी निखिल कामथ के साथ पॉडकास्ट के दौरान गुजरात में 2002 के गोधरा दंगों पर खुलकर बातचीत की। इसके साथ ही उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि उस दर्दनाक दृश्य को देखा है, मैने भावनाओं से ऊपर उठकर मुख्यमंत्री के रूप में अपना कर्तव्य निभाया।

अयोध्या से गुजरात जा रही साबरमती एक्सप्रेस को गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को आग लगा दी गई थी, इसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि मैं, 24 फरवरी 2002 को पहली बार विधायक बना और 27 फरवरी को विधानसभा गया। मैं तीन दिन पुराना विधायक था, जब गोधरा में ऐसी घटना हुई। हमें सबसे पहले ट्रेन में आग लगने की खबर मिली, फिर धीरे-धीरे हमें हताहतों की खबरें मिलीं। मैं सदन में था और मैं चिंतित था। उन्होंने कहा कि जैसे ही मैं सदन से बाहर आया, मैंने कहा कि मैं गोधरा जाना चाहता हूं। वहां केवल एक हेलीकॉप्टर था, मुझे लगता है कि यह ओएनजीसी का था, लेकिन उन्होंने कहा कि चूंकि यह एक इंजन वाला हेलीकॉप्टर है, इसलिए वे इसमें किसी वीआईपी को जाने की अनुमति नहीं दे सकते। हमने बहस की और मैंने कहा कि जो कुछ भी होगा, उसके लिए मैं जिम्मेदार रहूंगा।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जब वे गोधरा पहुंचे तो उन्होंने शवों के दर्दनाक दृश्य देखे। मैं गोधरा पहुंचा और मैंने वह दर्दनाक दृश्य, वे शव देखे... मैंने सब कुछ महसूस किया, लेकिन मुझे पता था कि मैं ऐसी स्थिति में बैठा हूं जहां मुझे अपनी भावनाओं और स्वाभाविक प्रवृत्तियों से दूर रहना होगा। मैंने खुद को नियंत्रित करने के लिए जो कुछ भी कर सकता था, किया है।

अमेरिकी सरकार ने वीजा देने से किया था मना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए अमेरिका द्वारा उन्हें वीजा देने से इनकार करने की घटना को भी याद किया। उन्होंने कहा कि जब अमेरिकी सरकार ने मुझे वीजा देने से मना कर दिया था, तब मैं विधायक था। एक व्यक्ति के तौर पर अमेरिका जाना कोई बड़ी बात नहीं थी, मैं पहले भी वहां गया था, लेकिन मुझे वहां एक निर्वाचित सरकार और देश का अपमान महसूस हुआ और मेरे मन में दुविधा थी कि आखिर हो क्या रहा है? उस दिन मैंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जहां मैंने कहा कि अमेरिकी सरकार ने मेरा वीजा खारिज कर दिया है। मैंने यह भी कहा कि मैं भारत को उस जगह देखता हूं, जहां दुनिया वीजा के लिए कतार में खड़ी होगी। यह मेरा 2005 का बयान है और आज हम 2025 में खड़े हैं। इसलिए, मैं देख सकता हूं कि अब समय भारत का है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भारत पर भरोसा करती है, क्योंकि यह देश वैश्विक मामलों में दोगलापन नहीं अपनाता है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि दुनिया हम पर भरोसा करती है, क्योंकि हम में कोई दोगलापन नहीं है, हम जो भी कहते हैं, साफ-साफ कहते हैं। संकट के इस दौर में भी हमने बार-बार कहा है कि हम तटस्थ नहीं हैं। मैं शांति के पक्ष में हूं और इसके लिए जो भी प्रयास किए जाएंगे, मैं उनका समर्थन करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं यह बात रूस, यूक्रेन, ईरान, फिलिस्तीन और इजरायल से कहता हूं। उन्हें मुझ पर भरोसा है कि मैं जो कह रहा हूं, वह सही है। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गुजरात यात्रा की कहानी भी सुनाई।

जब मैं पीएम बना तो दुनियाभर के नेताओं ने शिष्टाचार भेंट की

उन्होंने जीरोधा संस्थापक से कहा कि जब मैं 2014 में पीएम बना, तो दुनिया भर के नेताओं ने शिष्टाचार भेंट की। चीनी राष्ट्रपति शी ने भी शिष्टाचार भेंट की, जिसमें उन्होंने कहा कि वह भारत आना चाहते हैं। मैंने कहा कि आपका स्वागत है, आपको अवश्य आना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं गुजरात, आपके गांव वडनगर आना चाहता हूं। आप जानते हैं क्यों? आप और मेरा एक खास रिश्ता है। उन्होंने कहा कि चीनी दार्शनिक ह्वेनत्सांग आपके गांव में सबसे लंबे समय तक रहे और जब वे चीन लौटे, तो वे 'मेरे गांव' में रहे।



Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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