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#Me Too: एमजे अकबर मानहानि केस में पत्रकार प्रिया रमानी को मिली जमानत
प्रिया रमानी उन पत्रकारों में शामिल हैं, जिन्होंने एमजे अकबर पर मी टू के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। जिसकी वजह से केद्रीय विदेश राज्य मंत्री के पद से 17 अक्टूबर को अकबर को इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी पर मानहानि का केस दर्ज कराया था।
नई दिल्ली: एमजे अकबर मानहानि मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दे दी है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 8 मार्च की तारीख तय की है।
बता दें कि यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद एमजे अकबर ने विदेश राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। रमानी के खिलाफ उन्होंने मानहानि का केस दायर कर रखा है। कोर्ट ने महिला पत्रकार को बतौर आरोपी तलब किया था।
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क्या है मामला
पत्रकार प्रिया रमानी के 8 अक्टूबर के एक ट्वीट के बाद से ही अकबर के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों का सिलसिला शुरू हुआ था। एमजे अकबर की कानूनी टीम में शामिल गीता लूथरा और वकील संदीप कपूर ने अदालत से कहा है कि रमानी ने झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाकर प्रिया रमानी ने एमजे अकबर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है। पत्रकार एमजे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में अमेरिका की रहने वाली पत्रकार भी शामिल हैं, जिन्होंने कहा था कि 23 साल पहले जयपुर के होटल में एमजे अकबर ने उनका यौन शोषण किया था।
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जब केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि उनका संबंध एक सहमति का मामला रहा तो जवाब में पत्रकार ने कहा था कि संबंध जबरदस्ती और सत्ता के दुरुपयोग पर आधारित रहा। उसे शब्दों में बया नहीं किया जा सकता। अकबर के इस्तीफे के बाद प्रिया रमानी ने ट्वीट कर कहा था- हम सही साबित हो रहे हैं। अब उस दिन का इंतजार है, जब हमें अदालत में न्याय मिलेगा।
प्रिया रमानी उन पत्रकारों में शामिल हैं, जिन्होंने एमजे अकबर पर मी टू के तहत यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। जिसकी वजह से केद्रीय विदेश राज्य मंत्री के पद से 17 अक्टूबर को अकबर को इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी पर मानहानि का केस दर्ज कराया था। पत्रकार प्रिया रमानी ने अपने एक ट्वीट में कहा है- कहानी में अपना पक्ष रखने का समय आ गया है।
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