TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जानें उस महिला के बारें में, जिसे पहली बार मिली जामिया के सर्वोच्च पद की कमान

नजमा अख्तर को जामिया मिलिया इस्लामिया की नई वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है। जामिया के 100 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब विश्वविद्यालय में पहली बार किसी महिला को वाइस चांसलर बनाया गया है।

Aditya Mishra
Published on: 12 April 2019 11:14 AM IST
जानें उस महिला के बारें में, जिसे पहली बार मिली जामिया के सर्वोच्च पद की कमान
X

नई दिल्ली: नजमा अख्तर को जामिया मिलिया इस्लामिया की नई वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है। जामिया के 100 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब विश्वविद्यालय में पहली बार किसी महिला को वाइस चांसलर बनाया गया है।

इस नियुक्ति के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय से मिले प्रस्ताव को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी स्वीकृति दे दी है। प्रो. नजमा अख्तर जामिया मिल्लिया इस्लामिया की नई व पहली महिला कुलपति बन गई हैं।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के साथ ही संबंधित विश्वविद्यालयों को नए कुलपति की नियुक्ति की जानकारी भेज दी गई है।

पिछले एक साल से तीनों विश्वविद्यालयों में कुलपति का पद खाली पड़ा था। तीनों केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अगले पांच सालों के लिए कुलपति पद की जिम्मेदारी दी गई है।

सौ साल में पहली बार महिला के हाथों में सर्वोच्च पद की कमान

देशभर में और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के सौ साल के इतिहास में पहली बार विश्वविद्यालय की सर्वोच्च कमान दो महिलाओं के हाथ में होगी। मोदी सरकार ने 2018 में मणिपुर की राज्यपाल व पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला को कुलाधिपति (चांसलर) नियुक्ति किया था।

अब 2019 में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (न्यूपा) की प्रमुख डॉ. नजमा अख्तर को कुलपति की जिम्मेदारी सौंपी है। फिलहाल देशभर में किसी भी विश्वविद्यालय के दोनों सर्वोच्च पदों पर महिलाएं नहीं हैं।

यहां जानें प्रो. नजमा के बारें में सबकुछ...

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकीं प्रो नजमा को चार दशक के लंबे शैक्षणिक नेतृत्व का अनुभव है। वह एनआईपीए में 130 देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक प्रशासक पाठ्यक्रम की 15 वर्षों तक सफल नेतृत्व के लिए जानी जाती हैं।

देश में शैक्षिक प्रशासक तैयार करने के लिए इलाहाबाद में पहले प्रदेश स्तर के प्रबंधन संस्थान को स्थापित व सफलतापूर्वक विकसित करने का श्रेय भी उन्ही को जाता है।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक व अकादमिक कार्यक्रमों की निदेशक सहित प्रो नजमा ने कई शीर्ष संस्थानों की अहम जिम्मेदारियां बखूबी निभाई हैं।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) में उन्होंने कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के डिस्टेंस एजुकेटर कैपेसिटी बिल्डिंग पाठ्यक्रमों की अगुवाई की है।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्वर्ण पदक विजेता प्रो अख्तर प्रतिष्ठित विद्यार्थी भी रही हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रशस्तियां अपने नाम की हैं।

प्रो नजमा ने प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संस्थानों जैसे यूनाइटेड किंगडम के वारविक विश्वविद्यालय व नाटिंघम विश्वविद्यालय के अलावा आईआईईपी पेरिस यूनेस्को से शिक्षा प्राप्त की है।

वह विकसित व विकाशशील देशों के कई साझा अनुसंधान कार्यों में भी शामिल रही हैं। सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने युवा शिक्षकों को स्वतंत्र नेतृत्वकर्ता बनने के लिए प्रोत्साहित व सहयोग किया है।

इन विश्वविद्यालयों को भी मिले नये वीसी

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा मोतीहारी विश्वविद्यालय बिहार और आईसीएचआर के मेंबर सेक्रेटरी व बीएचयू के प्रो. रजनीश शुक्ला महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति बनाए गए हैं।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार शाम एक साल से खाली पड़े कुलपति के पदों के लिए दूसरे पैनल में भेजें नामों में से चयन कर मंजूरी दे दी है।

ये भी पढ़ें...मणिपुर की गवर्नर नजमा हेपतुल्ला जामिया मिलिया इस्लामिया की चांसलर नियुक्त



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story