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भारत का प्रोजेक्ट 75: जिसका नाम सुनते ही कांपने लगे चीन और पाकिस्तान, क्या है ये
भारत के रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुंबई के मझगांव डॉक पर आईएनएस वागीर को लॉन्च किया। जिसके बाद इसे देश की सुरक्षा के लिए समुद्र में उतार दिया गया।
नई दिल्ली: चीन के साथ सीमा विवाद के मसले पर बढ़ते तनाव के बीच भारत लगातार अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाने में जुटा हुआ है। वह जमीन से लेकर आकाश और समुद्र में लगातार अपने सुरक्षा घेरे को मजबूत करते जा रहा है।
जमीन और आकाश के बाद भारतीय नौसेना की ताकत अब समुद्र में और भी ज्यादा बढ़ गई है। ऐसा पांचवीं स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी मिलने के बाद हुआ है। ये पनडुब्बी भारतीय नौसेना को गुरुवार को मिली है, जिसका नाम 'आईएनएस वागीर' रखा गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के रक्षा राज्य मंत्री श्रीपाद नाइक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मुंबई के मझगांव डॉक पर आईएनएस वागीर को लॉन्च किया।
जिसके बाद इसे देश की सुरक्षा के लिए समुद्र में उतार दिया गया। गौर करने वाली बात ये है कि इसे प्रोजेक्ट 75 (P75) को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
भारत का प्रोजेक्ट 75: जिसका नाम सुनते ही कांपने लगे चीन और पाकिस्तान, क्या है ये (फोटो:सोशल मीडिया)
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भारतीय नौसेना की कई गुना बढ़ जाएगी ताकत
पनडुब्बी का निर्माण रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDSL) की तरफ से किया गया है।
स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों में से पहली, आईएनएस कलवरी को 2015 में लॉन्च किया गया था और 2017 के अंत में उसे सेवा में लगाया गया था।
बता दें कि मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ( MDSL) के प्रोजेक्ट 75 (P75) के तहत पनडुब्बियों के लिए तकनीक ट्रांसफर पर फ्रेंच सहयोगी और वहां की नौसेना के साथ मिलकर ये कंपनी काम कर रही है। 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत पर यह डील दोनों देशों के बीच हुई थी।
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भारत का प्रोजेक्ट 75: जिसका नाम सुनते ही कांपने लगे चीन और पाकिस्तान, क्या है ये (फोटो:सोशल मीडिया)
फ्रांस से 6 में से 3 पनडुब्बी मिल चुकी है
सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के तहत फ्रांस की सहायता से भारत को 6 स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बियां मिलने वाली है। जिसमें से भारत को तीन पनडुब्बी आईएनएस कलवारी, खांडेरी और करंज पहले ही मिल चुकी हैं। वहीं आज बेड़े में आईएनएस वागीर को शामिल किया गया है।
वागिर पर अभी काम चल रहा है। इन अत्याधुनिक पनडुब्बियों की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि ये समुद्र के अंदर चुपके से दुश्मुन को ठिकाने लगा सकती है।
ध्यान देने वाली बात ये है कि ये पनडुब्बी खुफिया जानकारी जुटाने में दक्ष होती हैं, इतना ही नहीं माइंस बिछाने, परमाणु हथियारों से हमला और एरिया सर्विलांस जैसी खासियतों से पूरी तरह से लैश होते हैं।
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