Protem Speaker: प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब का साथ नहीं देगा विपक्ष,कांग्रेस,डीएमके और टीएमसी ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव

Protem Speaker: वरिष्ठ सांसदों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी मगर इन तीनों दलों के वरिष्ठ सांसदों ने प्रोटेम स्पीकर को मदद देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है

Anshuman Tiwari
Published on: 23 Jun 2024 10:42 AM GMT
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Protem Speaker: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र कल से शुरू होने वाला है मगर उसके पहले प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान काफी तेज हो गया है। केंद्र सरकार की ओर से गत 20 जून को कटक से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया था। इसे लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने गहरी आपत्ति जताई थी। कांग्रेस का कहना था कि पार्टी के आठ बार के सांसद कोडिकुन्निल सुरेश की जगह सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करके संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया गया है।

सांसदों को शपथ दिलाने और अन्य संसदीय कार्यों में मदद के लिए कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी के वरिष्ठ सांसदों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई थी मगर इन तीनों दलों के वरिष्ठ सांसदों ने प्रोटेम स्पीकर को मदद देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इन सांसदों का कहना है कि महताब की सहायता के लिए दी गई भूमिका को इंडिया ब्लॉक खारिज करता है।


कांग्रेस सांसद सुरेश की अनदेखी पर कड़ा विरोध

प्रोटेम स्पीकर को मदद देने के मुद्दे पर कांग्रेस डीएमके और टीएमसी के बीच चर्चा हुई थी और इस चर्चा के बाद तीनों दलों की ओर से महताब को मदद देने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया है।कांग्रेस सांसद के सुरेश, तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय और डीएमके के टीआर बालू को प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की मदद करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी मगर तीनों वरिष्ठ सांसद अब महताब को किसी भी प्रकार की मदद नहीं देंगे।


इंडिया गठबंधन ने इस बात पर कड़ा विरोध जताया है कि केरल से आठ बार सांसद रहे सुरेश को नजरअंदाज कर कटक से सात बार के सांसद महताब को प्रोटेम स्पीकर की भूमिका निभाने के लिए नियुक्त किया गया। इंडिया गठबंधन में शामिल दलों का कहना है कि संसदीय परंपराओं के अनुसार सबसे वरिष्ठ सांसद को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है मगर भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए सरकार की ओर से परंपरा का उल्लंघन किया गया है।

संसद सत्र कल से,26 को स्पीकर का चुनाव

18वीं लोकसभा का सत्र कल से शुरू होने वाला है और इसमें पहले दो दिन नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाए जाने का कार्यक्रम तय किया गया है। 26 जून को लोकसभा के नए स्पीकर का चुनाव होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में नए स्पीकर के नाम का प्रस्ताव रखेंगे। भाजपा किसी भी सूरत में यह पद अपने पास रखना चाहती है।


पिछले सप्ताह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने महताब को अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा के पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए नियुक्त किया था। इसके साथ ही लोकसभा के वरिष्ठ सांसदों सुरेश, बालू, बंद्योपाध्याय और भाजपा सांसदों राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते के एक पैनल को महताब की सहायता के लिए नियुक्त किया गया था। अब विपक्ष से जुड़े तीन वरिष्ठ सांसदों ने मोदी सरकार के इस प्रस्ताव को पूरी तरह ठुकरा दिया है।

महताब को मदद नहीं देंगे विपक्ष के वरिष्ठ सांसद

तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि हमने इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करने का फैसला किया है। पार्टी के एक वरिष्ठ सांसद ने कहा कि कांग्रेस के सुरेश न केवल आठ बार के सांसद हैं बल्कि दलित भी है। संसदीय मानदंडों को दरकिनार करके भाजपा सांसद को प्रोटेम स्पीकर की जिम्मेदारी सौंपना पूरी तरह गलत है।उन्होंने बताया कि शनिवार को हुई एक संयुक्त बैठक के दौरान फैसला लिया गया है कि इंडिया गठबंधन का कोई भी सांसद प्रोटेम स्पीकर को किसी भी प्रकार की कोई मदद नहीं देगा।


भाजपा ने आरोपों को किया खारिज

दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों में किसी भी प्रकार का दम नहीं है और सरकार की ओर से संसदीय परंपराओं की अनदेखी नहीं की गई है। पार्टी ने कहा कि महताब 1998 से लगातार कटक लोकसभा सीट से चुनाव जीतते रहे हैं।उन्होंने छह बार बीजू जनता दल के टिकट पर चुनाव जीता है जबकि इस बार वे भाजपा के टिकट पर चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचे हैं। दूसरी ओर सुरेश के आठ कार्यकाल बिना किसी अंतराल के नहीं आए हैं। वे अदूर से चार बार और मावेलीकारा से चार बार सांसद चुने गए हैं। भाजपा ने विपक्ष से संसदीय कार्यवाही के संचालन में मदद की उम्मीद जताई है।

Shalini Rai

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