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Public Examination Bill 2024: सरकारी भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों की अब खैर नहीं, आ रहा बेहद सख्त कानून

Public Examination Bill 2024: लंबे समय से युवाओं की चली आ रही मांग के बाद अब केंद्र सरकार ने इन गड़बड़ियों के खिलाफ सख्ती दिखाने का निर्णय लिया है। इसके खिलाफ कानून लाया जा रहा है।

Krishna Chaudhary
Published on: 5 Feb 2024 9:09 AM GMT (Updated on: 5 Feb 2024 9:11 AM GMT)
Public Examination Bill 2024
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Public Examination Bill 2024 (photo: social media )

Public Examination Bill 2024: सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों के ही शासित राज्यों में युवा जिस एक कॉमन समस्या से परेशान हैं, वो है सरकारी भर्ती परीक्षाओं में धांधली और गड़बड़ी। जिसके कारण भर्तियां सालों तक अटक जाती हैं। कोर्ट – मुकदमों के चक्कर में अभ्यर्थियों की उम्र खप जाती है। कुछ लोगों के अनैतिक गठजोड़ के कारण उन युवाओं को खामियाजा भुगतान पड़ता है, जो काफी शिद्दत से सरकारी नौकरी से जुड़ी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।

लंबे समय से युवाओं की चली आ रही मांग के बाद अब केंद्र सरकार ने इन गड़बड़ियों के खिलाफ सख्ती दिखाने का निर्णय लिया है। इसके खिलाफ कानून लाया जा रहा है। सोमवार को प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से निपटने के लिए सरकार ने संसद एक विधेयक पेश किया है। जिसमें इस अपराध में शामिल लोगों के विरूद्द बेहद कठोर सजा का प्रावधान किया गया है।

लोकसभा में बिल किया गया पेश

31 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में कहा था कि हमारी सरकार पेपर लीक को रोकने के लिए बिल लाएगी। उनके कहे के मुताबिक, सोमवार को कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024 को लोकसभा में पेश किया। यहां से पास होने के बाद बिल को राज्यसभा में भेजा जाएगा। दोनों सदनों से पास होने के बाद राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद यह कानून का रूप धारण कर लेगा।

बिल में सजा के बेहद कड़े प्रावधान

सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रस्तावित विधेयक का मकसद विद्यार्थियों को निशाना बनाना नहीं है। इसका उद्देश्य उन व्यक्तियों, संगठित समूहों या संस्थानों को प्रभावी और कानूनी रूप से रोकना है, जो विभिन्न अनुचित साधनों में शामिल होते हैं। इस कानून के दायरे में यूपीएससी, एसएसबी, आरआरबी, बैंकिंग, नीट, जेईई और सीयूईटी जैसे एग्जाम आएंगे।

फिलहाल पेपर लीक रोकने के लिए जो कानून है, उसके मुताबिक अपराधी को तीन से पांच लाख तक का जुर्माना और एक से तीन साल तक की सजा अथवा दोनों का प्रावधान है। मगर नई न्याय संहिता के तहत इस अपराध में जुर्माना एक करोड़ तक का हो सकता है और सजा भी 10 साल तक हो सकती है। यदि धांधली के कारण परीक्षा रद्द हुई तो उस पूरी परीक्षा का खर्चा दोषी पाए गए सेवा प्रदाताओं और संस्थानों को देना होगा।

बता दें कि नवंबर में राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी समेत पूरी भाजपा ने पेपर लीक को पूर्व की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा बनाया था। प्रधानमंत्री ने युवाओं को कठोर कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। हालांकि, इस तरह की समस्या से केवल विपक्ष ही नहीं बीजेपी शासित राज्य भी परेशान है। इसलिए केंद्र सरकार ने इस पर एक केंद्रीय कानून बनाने का निर्णय लिया है। कुछ महीने पहले झारखंड सरकार ने भी इसके खिलाफ बेहद कड़ा कानून बनाया था।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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