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दीप से दीप जलाते चलो, पंच दिवसीय पर्व यमद्वितीया को सम्पन्न होता है

Newstrack
Published on: 18 Oct 2017 12:22 PM GMT
दीप से दीप जलाते चलो, पंच दिवसीय पर्व यमद्वितीया को सम्पन्न होता है
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दीपावली या दिवाली खुशी और उल्लास का पर्व है। प्रकाश का पर्व है। धनतेरस से शुरू होकर पांच दिन तक चलने वाले इस पर्व पर अलग अलग देवी देवताओं का पूजन किया जाता है। पंच दिवसीय पर्व यमद्वितीया को सम्पन्न होता है। इस दिन महिलाएं अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनके लिए मंगलकामना करती हैं।

प्रकाश के इस पर्व का मंतव्य सबके जीवन में उजाला रूपी उल्लास और धन-धान्य की पूर्णता लाना है। ज्ञान का प्रकाश फैलाना है, ताकि जगत का कल्याण हो सके। इसीलिए इसे दीप पर्व भी कहा जाता है। इस मौके पर सबके जीवन में खुशियां हों, ऐसा जतन किया जाता है। ‘सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया:’ की अवधारणा इसी पर्व पर परिलक्षित होती है। दिवाली एक दूसरे को जोड़े रखने, दूसरे के जीवन में खुशियां लाने, जीवन से अज्ञान और अभाव का अंधकार दूर करने का भी पर्व है।

दीप पर्व पर लोग धन की देवी लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। घर में अच्छे व्यंजन बनाते-खाते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में जोश और उत्साह रहता है। इसलिए कुछ सावधानियां भी जरूरी होती हैं। हफ्ते भर पहले से ही घर में रौनक शुरू हो जाती है। काम का बोझ तो बढ़ता है पर उसमें भी जोश बरकरार रहता है।

रोशनी के इस त्योहार में हर तरफ खुशियां डोलने लगती हैं। घर का हर सदस्य अपने अंदाज में दीपावली मनाने की तैयारी करता रहता है। पटाखे कितने फोडऩे हैं, बच्चे इसकी तैयारी में रहता है। इसकी पूरी सूची तैयार रखते हैं। इसी जोश में कई बार बच्चों से चूक भी हो जाती है।

इसलिए रोशनी के इस पर्व में उत्साह के साथ सावधानी भी जरूरी है। हमारे देश में ऐसी मान्यता है कि दिवाली पर लक्ष्मी जी की पूजा करने से लक्ष्मी पूरे साल घर में निवास करती हैं। फिर भी कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें इस दिन नहीं करना चाहिए। हम आपको बताते हैं कि दिवाली पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए-

साफ सफाई का रखें ध्यान

वैसे तो दिवाली पर साफ सफाई होती है। फिर भी अगर किन्?हीं कारणों से सफाई न हो पाए तो याद करके करनी चाहिए। कहते हैं कि उसी घर पर सबसे पहले आती हैं जहां साफ सफाई रहती है। इसलिए घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

रंगोली बनाएं

इस दिन आप घर की दीवारों से लेकर फर्श तक साफ रखें। और घर के बाहर रंगोली बनाएं। साथ ही साथ फूल की मालाओं से भी घर को सजाएं।

बड़ों को दें सम्मान

पर्व के दिन अपने घर या बाहर के भी बड़े लोगों का सम्मान करें। उनसे सम्मानपूर्वक बात करें। ऐसे व्यवहार से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।

विवाद न करें

दिवाली पर प्रसन्नता का बोध होना चाहिए, तनाव और झगड़ा उचित नहीं। सब आपस में मिलजुल कर रहें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

गुस्से पर रखें नियंत्रण

वैसे क्रोध करना कभी भी अच्छा नहीं होता। इससे मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की परेशानी होती है। पर्व पर तो क्रोध बिल्कुल नहीं करना चाहिए। आपको क्रोध करने से एैसा करने से लक्ष्मी रूठती हैं और घर पारिवारिक माहौल खराब होता है और घर की संपन्नता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

सुबह-शाम देर तक न सोएं

ऐसी मान्यता है कि दिवाली के दिन सुबह देर तक ना सोएं। इस दिन आप सुबह यानी ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इस उपाय से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और और घर को धन से भर देती हैं। वैसे तो कभी भी शाम के समय में नहीं सोना चाहिए। इससे दरिद्रता आती है। कहते हैं लक्ष्मी जी शाम के समय घर आती हैं। ऐसे में किसी को सोते देख नाराज होकर लौट जाती है। अगर कोई बीमार है तो उसके विश्राम के लिए मनाहीं नहीं है।

नशे से दूर रहें

दिवाली पर उल्लास रहता है इसलिए कुछ लोग उल्लास में उस दिन नशा करके खुशी मनाते हैं। लक्ष्मी को प्रसन्न रखने के लिए इस दिन भूलकर भी नशा न करें। इस दिन नशा करने से पूरे घर में दरिद्रता आती है।

प्रस्तुति - डॉ.नीरा कुशवाहा

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