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पुलिस ने बताई रौंगटे खड़े करने वाली बात, राव की जमानत अर्जी खारिज

विशेष अदालत ने सोमवार को कार्यकर्ता और कवि पी वरवर राव की अस्थायी जमानत अर्जी खारिज कर दी। वह यहां की एक जेल में हैं। राव अपनी एक रिश्तेदार के निधन के बाद होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए अपने गृह नगर जाना चाहते थे।

Rishi
Published on: 29 April 2019 2:47 PM GMT
पुलिस ने बताई रौंगटे खड़े करने वाली बात, राव की जमानत अर्जी खारिज
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पुणे : विशेष अदालत ने सोमवार को कार्यकर्ता और कवि पी वरवर राव की अस्थायी जमानत अर्जी खारिज कर दी। वह यहां की एक जेल में हैं। राव अपनी एक रिश्तेदार के निधन के बाद होने वाले कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए अपने गृह नगर जाना चाहते थे। उनकी रिश्तेदार का 22 अप्रैल को निधन हो गया था।

हालांकि, अभियोजन ने राव की अस्थायी जमानत का विरोध किया। अभियोजन ने हैदराबाद पुलिस अधीक्षक (विशेष खुफिया शाखा) द्वारा पुणे के संयुक्त पुलिस आयुक्त को भेजे गए एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि अपराध की गंभीरता पर विचार करते हुए ऐसी आशंका है कि अगर आरोपी को रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने दिया गया तो वह फरार हो सकता है।

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पत्र में कहा गया है, ‘‘इसके साथ ही सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस दल पर नक्सलियों द्वारा हमले का भी खतरा है।’’

दलीलें सुनने और अभियोजन के लिखित बयान पर गौर करने के बाद न्यायाधीश वडाने ने अस्थायी जमानत अर्जी खारिज कर दी ।

एल्गार परिषद मामले में राव को सबसे पहले पिछले साल 28 अगस्त को सुधा भारद्वाज, अरूण फरेरा, वरनोन गोंजाल्वेस और गौतम नवलखा के साथ गिरफ्तार किया गया था । हालांकि उच्चतम न्यायालय ने बाद में पुलिस से उन्हें नजरबंद रखने को कहा। 17 नवंबर को पुणे पुलिस ने राव को फिर से गिरफ्तार किया।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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