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Kalyani Deshpande: कल्याणी देशपांडे, सबसे कुख्यात सेक्स रैकेटियर
Kalyani Deshpande: महाराष्ट्र में पहला मामला है जहां एक आरोपी को अनैतिक तस्करी रोकथाम अधिनियम के साथ-साथ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है।
Kalyani Deshpande: पुणे की सबसे कुख्यात सेक्स रैकेटियर कल्याणी उर्फ जयश्री उर्फ टीना उमेश देशपांडे (52) को पुणे की एक विशेष अदालत ने दोषी ठहराते हुए सात साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह महाराष्ट्र में पहला मामला है जहां एक आरोपी को अनैतिक तस्करी रोकथाम अधिनियम के साथ-साथ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है। कल्याणी 90 के दशक से पुणे में देह व्यापार का हिस्सा थी लेकिन उसका नाम 2000 में पुणे पुलिस रिकॉर्ड में आया। एक स्थानीय परिवार में जन्मी और पली-बढ़ी, कल्याणी पुणे में एक टॉप दलाल बन गई थी। उस पर लगभग 24 आपराधिक मामले दर्ज किए गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, माना जाता है कि अजय पाटिल, शक्ति थापा, मंगेश रुद्राक्ष और राजू बंगाली जैसे अपराधियों की तुलना में कल्याणी का नेटवर्क कहीं ज्यादा व्यापक था।
बताया जाता है कि कल्याणी पुणे के सुस इलाके में अपने बंगले से 'वीनस एस्कॉर्ट्स' नाम की एक एस्कॉर्ट एजेंसी संचालित करती थी।कल्याणी का बंगला देह व्यापार और अपराधों के लिए कुख्यात था। दिसंबर 2007 में उसके करीबी सहयोगी अनिल ढोले की इसी बंगले में हत्या कर दी गई थी।
ढोले कथित तौर पर वेश्यावृत्ति के लिए मुंबई से कॉल गर्ल्स लाने के लिए एक एजेंट के रूप में ऑपरेट करता था। ढोले की मौत के बाद भी कल्याणी की गतिविधियां बढ़ती गईं और वह कथित तौर पर पुणे और अन्य क्षेत्रों में वेश्यावृत्ति के लिए देश और विदेश से लड़कियों की सप्लाई करने में कामयाब रही।
कल्याणी ने कथित तौर पर होटल व्यवसायियों और संगठित अपराध सिंडिकेट के बीच एक मजबूत नेटवर्क बना रखा था। उसका एक विशाल ग्राहक बेस था जिसमें कुछ हाई-प्रोफाइल क्लाइंट भी शामिल हैं। अतीत में कई मौकों पर उसे गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ मुंबई में भी एक आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था।
दिसंबर 2005 में पुणे के बाहरी इलाके में एक होटल में एक सेक्स वर्कर की हत्या के मामले में कल्याणी का नाम सामने आने के बाद पहली बार मकोका के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस मामले में हवेली पुलिस स्टेशन में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी लेकिन मकोका से डिस्चार्ज कर दिया गया और बाद में बरी भी कर दिया गया।
31 मार्च 2012 को पुणे में हिंजेवाड़ी पुलिस ने देह व्यापार के एक मामले में कल्याणी को गिरफ्तार किया था। अप्रैल में राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने हिंजेवाड़ी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर बालसाहेब सुर्वे और कांस्टेबल मोहम्मद हनीफ अब्बास शेख को कथित रूप से कल्याणी के चचेरे भाई जतिन चावड़ा से 40,000 रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
कल्याणी इस मामले में जमानत पर बाहर आने में सफल रही। हर बार जमानत पर रिहा होने के बाद कल्याणी कथित तौर पर पुलिस की नाक के नीचे अपना सेक्स रैकेट संचालित करती रही।
बताया जाता है कि कल्याणी ने अपने जीवन पर आधारित फिल्म की घोषणा की थी। उसने यह भी दावा किया था कि इस फिल्म की शूटिंग पुणे, मुंबई और अहमदाबाद में की जा रही है। इस फ़िल्म का कोई पता नहीं है। उसने कहा था कि पुलिस उसका शोषण करने की कोशिश कर रही थी और वह दुनिया को बताना चाहती थी कि उसे देह व्यापार में कैसे मजबूर किया गया।
कल्याणी ने कथित तौर पर पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह एक सामान्य परिवार से थी और उसकी एक ऑटो ड्राइवर से शादी की थी। उसने पुलिस को बताया कि उसके परिवार के लिए पैसे की तत्काल आवश्यकता ने उसे सेक्स रैकेट में खींच लिया था।
बहरहाल, कल्याणी का पतन जुलाई 2016 में क्राइम ब्रांच की एक टीम के छापे के बाद हो गया। क्राइम ब्रांच ने भुसारी कॉलोनी अपार्टमेंट में एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया था।
कोथरुड पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई और पुलिस ने शुरू में कल्याणी के सहयोगियों प्रदीप गवली और रवि तापसे को गिरफ्तार किया। अगस्त में उसे सख्त धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था।