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Pune Porsche Case: नाबालिग के रईस बाप का आया फोन, डस्टबिन में फेंक दिया गया ब्लड सैंपल, 3 लाख में डॉक्टर ने बनाई नई रिपोर्ट
Pune Porsche Accident Case:पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि पोर्शे कार चालक आरोपी का ब्लड सैंपल लेने वाले डॉ. हैलनोर को कल रात पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन्होंने काबूल किया कि फॉरेंसिक विभागाध्यक्ष डॉ. अजय तवारे के निर्देश पर आरोपी कार चालक का ब्लड सैंपल बदला गया था।
Pune Porsche Accident Case: पुणे पोर्श कार कांड में सोमवार को पुलिस ने आरोपी के बल्ड सैंपल की हेरफेरी के मामले में सूसन अस्पातल के दो डॉक्टरों को गिरफ्तार लिया। गिरफ्तार डॉक्टरों की पहचान डॉ. अजय तावरे और श्रीहरि हरनोर के रूप में हुई है। इसमें एक फॉरेंसिंक डिपार्टमेंट के HOD है। इस गिरफ्तारी के बाद पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इस मामले पर सोमवार को जो खुलासा किया है, वह सभ्य समाज के लिए डॉक्टरी जैसे पेशे में होते हुए ठीक नहीं, इससे लोगों में गलत संदेश गया है।
विभागाध्यक्ष निर्देश पर बदला गया सैंपल, मिले 3 लाख
मामले की अपडेट के लिए पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पोर्शे कार चालक आरोपी का ब्लड सैंपल लेने वाले डॉ. हैलनोर को कल रात पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान उन्होंने काबूल किया कि फॉरेंसिक विभागाध्यक्ष डॉ. अजय तवारे के निर्देश पर आरोपी कार चालक का ब्लड सैंपल बदला गया था। इसके लिए उन्हें 3 लाख रुपये मिले थे। उन्होंने कहा कि हम यह पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि बदला गया बल्ड सैंपल किसका है। पहले बदले गए सैंपल में शराब सेवन की पुष्टि नहीं हुई थी। जब आरोपी का दूसरी बार जांच कराई गई तो अल्कोहल की पुष्टि हुई।
लगाई गईं ये धाराएं
हालांकि यह गौर करना जरूरी है कि मामला धारा 304 गैर इरादतन हत्या का है। आरोपी पता था कि उसकी हरकत से लोगों की जान को खतरा हो सकता है, इसलिए ब्लड सैंपल में अल्कोहल का कोई अंश नहीं होने से हमारे मामले पर कोई असर नहीं पड़ेगा, इसलिए यह कार्य किया गया। उन्होंने बताया कि इस मामलें में में भारतीय दंड की धारा 201 (अपराध के सबूतों को गायब करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और अन्य संबंधित धाराएं लगाई गई हैं। ससून अस्पताल का सीसीटीवी डीवीआर भी जब्त किया गया है।
आरोपी के बल्ड सैंपल को डस्टबिन में फेंक दिया
उन्होंने बताया कि जांच के समय आरोपी के ब्लड सैंपल को डस्टबिन में फेंक दिया गया था, उसकी जगह दूसरे व्यक्ति का ब्लड सैंपल उपयोग में लाया गया। पहली जांच में आरोपी के ब्लड सैंपल में अल्कोल नहीं मिला है। इससे शक पैदा हुआ। हमको खुफिया जानकारी भी मिली कि ब्लड सैंपल कलेक्शन में कुछ हेरफेर हुआ है, इसलिए हमने शाम को अस्पताल में दूसरी ब्लड सैंपल की जांच करवाई गई। इसके बाद ब्लड डीएनए पता लगाने के लिए कहा गया। इसमें सामने आया कि पहली और दूसरी ब्लड सैंपल रिपोर्ट का डीएनए मेल नहीं खा रहा है. यह दो अलग-अलग व्यक्तियों का था। यही वजह है कि पुलिस ने डॉ. हैलनोर को गिरफ्तार कर लिया।