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पुणे कार एक्सीडेंटः आरोपी नाबालिग और ड्राइवर के अलग-अलग बयान, मामला सुलझने के बजाय और उलझा

Pune Car Accident: पुणे अपराध शाखा 17 वर्षीय लड़के के दादा सुरेंद्र अग्रवाल से भी पूछताछ कर रही है। पुलिस बेटे विशाल और पोते के बारे में तह तक जाने के लिए पूछताछ कर रही है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 24 May 2024 9:42 AM GMT (Updated on: 24 May 2024 9:45 AM GMT)
Pune porsche Car Accident
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Pune porsche Car Accident  (photo: social media )

Pune Porsche Car Accident: पिछले दिनों पुण में हुए सड़क हादसे की चर्चा इन दिनों पूरे देश में हो रही है। यहां एक तेज रफ्तार लग्जरी कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। कार को 17 साल का नाबालिग चला रहा था, जो शराब के नशे में धुत था। वहीं कोर्ट ने उसे निबंध लिखने की सजा देकर रिहा कर दिया था। बाद में सोशल मीडिया पर पुलिस की काफी किरकिरी हुई तो पुलिस इस मामले में फिर जागी। वहीं जब विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी। इस मामले में लगातार नए-नए पहलू सामने आ रहे हैं। अब नाबालिग ने ड्राइवर द्वारा कार चलाए जाने का दावा किया गया है। वहीं ड्राइवर ने अपना बचाव करते हुए लड़के के पिता पर आरोप लगाए हैं। ऐसे में यह मामला सुलझने की जगह और उलझता जा रहा है।

नाबालिग का यह है बयान

रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के आरोपी बेटे ने दावा किया कि दुर्घटना के समय ड्राइवर गाड़ी चला रहा था। वहीं, हादसे के समय नाबालिग के जो दोस्त साथ थे उन्होंने भी इसका समर्थन किया है। उधर, दूसरी ओर ड्राइवर लगातार अपना बयान बदल रहा है। इससे मामला सुलझने की जगह उलझता जा रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया कि ड्राइवर ने शुरुआत में यह कबूल किया था कि हादसे के समय वही कार चला रहा था। इसके अलावा, विशाल अग्रवाल ने भी यह दावा किया है कि कार ड्राइवर ही चला रहा था।


जानिए ड्राइवर का क्या कहना है

हालांकि एक अन्य रिपोर्ट में डीसीपी (क्राइम) अमोल जेंडे के हवाले से बताया गया कि ड्राइवर ने नाबालिग के पिता पर आरोप लगाए हैं। ड्राइवर ने बताया कि किशोर नशे में होने के बावजूद पोर्श चलाने पर जोर दे रहा था। इस पर उसने लड़के के पिता को फोन किया और पूरी बात बताई। पिता ने बेटे को कार चलाने देने का निर्देश दिया। साथ ही उसे साथ की सीट पर बैठने को कहा। ड्राइवर ने आगे कहा, ’मैंने आदेश का पालन किया और लड़के के दो दोस्तों के साथ पीछे जाकर बैठ गया।’


दादा का यह है दावा

पुणे अपराध शाखा इस मामले में 17 वर्षीय लड़के के दादा सुरेंद्र अग्रवाल से भी पूछताछ कर रही है। पुलिस उनसे उनके बेटे विशाल और पोते के बारे में और मामले की तह तक जाने के लिए पूछताछ कर रही है। दादा सुरेंद्र ने गुरुवार को शहर की अपराध शाखा को बताया था कि उन्होंने अपने बेटे विशाल से बात करने के बाद ही अपने पोते को दो करोड़ रुपये से अधिक की इलेक्ट्रिक लक्जरी सेडान की चाबी सौंप दी थी। इस बीच, विशाल अग्रवाल का मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया है।

डीसीपी (क्राइम) अमोल जेंडे ने बताया कि मामले की सच्चाई जानने के लिए दादा का बयान लेना जरूरी था। दादा ने बताया कि नाबालिग ने बुधवार रात को परिवार को जानकारी दी थी कि वह और उसके दोस्त बारहवीं कक्षा के नतीजे आने का जश्न मना रहे हैं। अपने बेटे विशाल से सलाह लेने के बाद उन्होंने पार्टी के खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड और कार की चाबी दी थी।


दादा बोले-उन्हें नहीं पता था ऐसा हो जाएगा

डीसीपी ने बताया, दादा ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि चाबी देने से ऐसा कुछ हो जाएगा। ड्राइवर ने उन्हें बताया कि किशोर ने कार को अपने वडगांव शेरी बंगले से कॉशी और बाद में ब्लैक मारियट पब तक चलाया। उसने और एक अन्य कर्मचारी ने एक अन्य चार पहिया वाहन में उसका पीछा किया। ब्लेक मैरियट में पार्टी करने के बाद उसने पोर्श को पब के वैलेट से बाहर निकाला।

विशाल के खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज?

अपराध शाखा अपने नाबालिग बेटे को बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाने की अनुमति देने के लिए विशाल अग्रवाल के खिलाफ दूसरी एफआईआर दर्ज कर रही है। इसके अलावा, पुणे के मुंधवा में कोसी और ब्लैक मैरियट पब के छह कर्मचारियों से नाबालिगों को शराब परोसने के लिए जांच की जा रही है। ये सभी छह आरोपी अब पुलिस की हिरासत में हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला

पुणे शहर में 18-19 मई की रात को करीब तीन करोड़ रुपये की पोर्श कार को तेज गति से दौड़ाने के चक्कर में 17 साल के लड़के ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अपना संतुलन खोकर काफी दूर तक सड़क पर घिसटते चली गई, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी। कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी। हालांकि, पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शराब के नशे में था और बेहद तेज गति से कार को चला रहा था।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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