IAS Officer Transfer: ट्रेनी महिला आईएएस के नखरों से विभाग हुआ परेशान, करती थी ऐसी-ऐसी फरमाइश फिर हुआ बड़ा एक्शन

IAS Officer Transfer: महाराष्ट्र के पुणे की चर्चित आईएएस डॉ. पूजा खेडकर का ट्रांसफर वाशिम जिले में असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर कर दिया गया है। यह एक्शन पुणे कलेक्टर द्वारा मुख्य सचिव को की गई शिकायत के बाद लिया गया है।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 10 July 2024 9:34 AM GMT
IAS Pooja Khedkar
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IAS Pooja Khedkar   (photo: social media )

IAS Officer Transfer: अपने डिमांड को लेकर चर्चा में रहने वाली ट्रेनी आईएएस अफसर इस समय फिर से चर्चा में हैं। इस बार उनकी चर्चा का करण है उनका स्थानांतरण। महाराष्ट्र सरकार ने विवादों में रहने वाली पुणे की ट्रेनी आईएएस अफसर डॉ. पूजा खेडकर का ट्रांसफर कर दिया है। अब उन्हें वाशिम जिले का असिस्टेंट कलेक्टर बनाया गया है। उनके खिलाफ यह एक्शन पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे द्वारा मुख्य सचिव को लिखे लेटर के बाद लिया गया है।

स्थानांतरण आदेश में कहा गया है कि 2023 बैच की आईएएस अफसर अपने प्रोबेशन के बचे हुए समय में वाशिम जिले में सपर न्यूमरी असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में काम करेंगी। पूजा खेडकर ने कलेक्टर कार्यालय से विशेषाधिकार मांगने के बाद विवाद खड़ा कर दिया था क्योंकि एक प्रोबेशन अफसर के लिए इसकी अनुमति नहीं होती है।

ऑडी कार पर करती हैं लाल बत्ती का इस्तेमाल

इसके अलावा आईएएस अफसर पूजा लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी पर्सनल ऑडी कार का भी इस्तेमाल करती थीं, जिसको लेकर प्रशासन में खलबली मच गई। यही नहीं उन्होंने अपनी प्राइवेट कार पर महाराष्ट्र शासन का बोर्ड भी लगाया था। डॉ. पूजा खेडकर ने कलेक्टर कार्यालय से ऐसी मांगें की थीं, जोकि पूरी तरह अनुचित थीं, जिसमें वीआईपी नंबर प्लेट वाली आधिकारिक कार, आवास, पर्याप्त कर्मचारियों वाला एक आधिकारिक कक्ष और एक कांस्टेबल शामिल था।


विवाद के बाद आई थीं चर्चा में

नियमों के अनुसार एक प्रोबेशन अफसर को ये सुविधाएं प्रदान नहीं की जाती हैं और उसे पहले राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुकत किया जाना आवश्यक है। डॉ. खेडकर यहीं नहीं रुकी जब एडिशनल कलेक्टर अजय मोरे बाहर थे तो उन्होंने उनके सामने वाले कक्ष पर भी कब्जा कर लिया और अपने नाम का एक बोर्ड भी लगवा दिया।


यूपीएससी में आई थी 841वीं रैंक

यूपीएससी में 841 रैंक लेकर आईएएस बनीं खेडकर ने एडिशनल कलेक्टर की पूर्व सहमति के बिना कुर्सियां, सोफा, टेबल समेत सभी सामग्री हटा दी। इसके बाद उन्होंने राजस्व सहायक को उनके नाम पर एक लेटरहेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, नेमप्लेट, शाही मुहर, इंटरकॉम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। बता दें कि खेडकर के पिता एक रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी हैं। उन्होंने भी कथित तौर पर अपनी बेटी की मांगों को पूरा करने के लिए जिला कलेक्टर कार्यालय पर दबाव डाला था और अधिकारियों को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी। अब डीएम द्वारा मुख्य सचिव से शिकायत के बाद आईएएस डाक्टर पूजा खेडकर का स्थानांतरण कर दिया गया है।



Monika

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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