Amritpal Singh: अब जेल से जल्दी बाहर नहीं निकल पाएगा अमृतपाल, पंजाब सरकार ने केंद्र को भेजी उसके गुनाहों की रिपोर्ट

Amritpal Singh: वारिस पंजाब दे नामक एक रैडिकल सिख संगठन का मुखिया अमृतपाल बाहर रहने के दौरान लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहा था। उसके ऊपर एनएसए, अपहरण, आर्म्स एक्ट, सरकारी काम में बाधा डालने, देश के खिलाफ साजिश रचने जैसे गई गंभीर आरोप दर्ज हैं, जिनमें अधिकतम सजा उम्रकैद है।

Krishna Chaudhary
Published on: 25 April 2023 1:25 PM GMT
Amritpal Singh: अब जेल से जल्दी बाहर नहीं निकल पाएगा अमृतपाल, पंजाब सरकार ने केंद्र को भेजी उसके गुनाहों की रिपोर्ट
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वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल अपने लोगों के साथ (फोटो: सोशल मीडिया)

Amritpal Singh Update News: पंजाब को एकबार फिर उस अशांत और खून-खराबे वाले दौर में ले जाने के लिए प्रयत्नरत अमृतपाल सिंह सलाखों के पीछे पहुंच चुका है। उसके गुनाहों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि उसका जल्द बाहर आना मुश्किल है। वारिस पंजाब दे नामक एक रैडिकल सिख संगठन का मुखिया अमृतपाल बाहर रहने के दौरान लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहा था। उसके ऊपर एनएसए, अपहरण, आर्म्स एक्ट, सरकारी काम में बाधा डालने, देश के खिलाफ साजिश रचने जैसे गई गंभीर आरोप दर्ज हैं, जिनमें अधिकतम सजा उम्रकैद है।

अमृतपाल सिंह पर सबसे गंभीर आरोप देश के खिलाफ साजिश रचने का है। पंजाब पुलिस ने जब उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो दुनियाभर में मौजूद खालिस्तान समर्थक एक्टिव हो गए और उसके समर्थन में सड़कों पर उतर गए। ये घटनाएं बताती हैं कि अमृतपाल को भारत विरोधी ताकतों ने कितने योजनाबद्ध तरीके से देश में खासकर पंजाब में फिर से अस्थिरता फैलाने के लिए प्लांट किया था।

पंजाब सरकार ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद पंजाब सरकार से इस पर रिपोर्ट मांगी थी। इसमें उसकी फरारी से लेकर गिरफ्तारी और पंजाब पुलिस के लाइन ऑफ एक्शन के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी गई थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में अमृतपाल समर्थकों की गिरफ्तारियां, विदेशी फंडिंग, विदेशी आतंकियों से नजदीकी और पनाह देने वालों के बारे में बताया गया है।

पंजाब पुलिस ने उसके आईएसआई से लिंक होने का भी दावा किया है। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी अपनी एक रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्रालय को सौंप दी है। एनआईए की रिपोर्ट में भी विदेशी फंडिंग और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से लिंक होने की बात कही गई है। इसके अलावा अमृतपाल से गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ का ब्यौरा भी दिया गया है।

अपनी आर्मी बना रहा था अमृतपाल
अमृतपाल सिंह पंजाब को एकबार फिर हिंसा के दौर में ले जाने का मन बना चुका था। राज्य में युवाओं के बीच बढ़ते नशे के लत को मुद्दा बनाकर उसे काफी लोकप्रियता मिल रही थी, जिसका इस्तेमाल वह अपने नापाक मंसूबों के लिए करना चाहता था। उसने आनंदपुर खालसा फ्रंट नामक एक निजी सेना तैयार कर रखी थी। जिसमें शामिल लोगों को बकायदा हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी। पुलिस को उसके ठिकाने से मिले कपड़ों और हथियारों पर AKF लिखा हुआ मिला था। जांच में ये भी पता चला है कि उसके नशा मुक्ति केंद्रों पर अवैध हथियार रखे जाते थे।

अमृतपाल गिरफ्तार हुआ या सरेंडर ?
रविवार सुबह पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव के एक गुरूद्वारे से भगोड़े अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार किया था। यह गांव खालिस्तानी आतंकी भिंडरावाले का जन्मस्थान है। 36 दिन बाद पुलिस की गिरफ्त में आए अमृतपाल को लेकर दो तरह की खबरें चलने लगीं। एक तरफ जहां पुलिस का दावा है कि अमृतपाल के पास अब कोई विकल्प नहीं बचा था, उसकी गिरफ्तारी पक्की थी। वहीं, उसके परिजनों का कहना है कि उनके बेटे ने सरेंडर किया है।

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