बंगाल की हीरे वाली रानी: पहनती थी करोड़ों की सैंडल, सुंदरता देख हो जाएंगे कायल

महारानी इंदिरा देवी बड़ौदा राज्य की राजकुमारी थीं। बाद में उनका विवाह कूच बिहार के महाराजा जितेंद्र नारायण से हुआ। इंदिरा देवी 1911 अपने भाई रानी हमेशा अपनी खूबसूरती और पहनावे को लेकर सावधान रहा करती थीं। देश में सिल्क, शिफॉन साड़ियों को ट्रेंड बनाने का श्रेय उनको दिया जाना चाहिए।

Shivakant Shukla
Published on: 23 Jan 2020 8:40 AM GMT
बंगाल की हीरे वाली रानी: पहनती थी करोड़ों की सैंडल, सुंदरता देख हो जाएंगे कायल
X

लखनऊ: दुनिया में भारत ही एक ऐसा देश है जहां पर राजा-महाराजों का शासन हुआ करता था। राजा के साथ उनकी रानियों के भी बहुत से किस्से आज भी हमें सुनने को मिलते हैं, आज हम आपको एक ऐसी महारानी के किस्से के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें एक ज़माने में देश की सबसे सुंदर महिला माना जाता था।

दरअसल, आज हम आपको जिस रानी के बारे में बताने जा रहे हैं वो हैं बिहार की महारानी इंदिरा देवी जो कि जयपुर की महारानी गायत्री देवी की मां थीं।

महारानी इंदिरा देवी अपने जूतों में लगवाए हीरे-

कहा जाता है कि महारानी इंदिरा देवी को बहुत ही सजने सवरने शौक था, उन्होंने 20वीं सदी की सबसे फेमस और इटली की एक जानी मानी जूता निर्माता कंपनी साल्वातोर फेरोगेमो को 100 जोड़ी जूते और सैंडल बनाने का आर्डर दिया था। इनमें से कुछ सैंडल में हीरे और बेशकीमती रत्न लगवाए थे। आज भी इस कंपनी के लग्जरी शो-रूम पूरी दुनिया में हैं।

सिल्क, शिफॉन साड़ियों का ट्रेंड महारानी इंदिरा देवी ने लाया-

महारानी इंदिरा देवी बड़ौदा राज्य की राजकुमारी थीं, बाद में उनका विवाह कूच बिहार के महाराजा जितेंद्र नारायण से हुआ। इंदिरा देवी 1911 अपने भाई रानी हमेशा अपनी खूबसूरती और पहनावे को लेकर सावधान रहा करती थीं। देश में सिल्क, शिफॉन साड़ियों को ट्रेंड बनाने का श्रेय उनको दिया जाना चाहिए।

मोती के कलेक्शन सैंडल बनवाई-

महारानी का जिक्र इटली का साल्वातोर फेरागेमो उनके पसंदीदा वेस्टर्न डिजाइनर्स में थे। साल्वातोर ने अपनी आत्मकथा में लिखा कि एक बार महारानी ने उनकी कंपनी को जूते बनाने का आर्डर दिया, इसमें एक आर्डर इस तरह की सैंडल बनाने का था जिसमें हीरे और मोती जड़े हों। उन्हें ये हीरे और मोती अपने कलेक्शन के ही चाहिए थे। लिहाजा उन्होंने आर्डर के साथ हीरे और मोती भी भेजे थे।

महारानी इंदिरा ने की बड़ौदा के गायकवाड़ राजवंश से शादी-

महारानी इंदिरा की शादी की भी रोचक कहानी है। बड़ौदा के गायकवाड़ राजवंश से ताल्लुक रखने वाली इंदिरा की सगाई बचपन में ही ग्वालियर के होने वाले राजा माधो राव सिंधिया से पक्की हो चुकी थी।

इस बीच वो अपने छोटे भाई के साथ 1911 में दिल्ली दरबार में गईं, वहीं उनकी मुलाकात कूचबिहार के तत्कालीन महाराजा के छोटे भाई जितेंद्र से हुई। कुछ ही दिनों में उन्हें उनसे प्यार हो गया और उन दोनों ने शादी का फैसला किया।

पेरेंट्स ने कहा घर छोड़कर करें पसंद की शादी-

इंदिरा और जितेंद्र ने लंदन के एक होटल में शादी की, जिसमें इंदिरा के परिवार से कोई मौजूद नहीं था। उन्होंने ब्रह्म समाज के रीतिरिवाजों से शादी की।

शादी के कुछ ही समय बाद जितेंद्र के बड़े भाई और कूच बिहार के महाराजा राजेंद्र नारायण गंभीर तौर पर बीमार पड़े और उनका निधन हो गया। फिर जितेंद्र कूच बिहार के महाराजा बने। इस दंपति का आगे का जीवन खुशनुमा रहा। उनके पांच बच्चे हुए। हालांकि बाद में ज्यादा शराब पीने से जितेंद्र का भी जल्दी ही निधन हो गया।

ज्यादा समय यूरोप में बीता था-

फिर लंबे समय तक कूच बिहार का राजकाज महारानी इंदिरा देवी ने ही पांच बच्चों के साथ संभाला। इंदिरा की प्रशासकीय क्षमता औसत थी लेकिन सोशल लाइफ उनकी सक्रियता गजब की थी। उनका ज्यादा समय यूरोप में बीता।

कहां है कूच बिहार

भारत के पश्चिम बंगाल प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित कूचबिहार ज़िले का एक नगर है, जो उस ज़िले का मुख्यालय भी है। सन् 1586 से 1949 तक यह एक छोटी रियासत के रूप में था। यह भूटान के दक्षिण में पश्चिम बंगाल और बिहार की सीमा पर स्थित एक शहर है।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story