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सवाल अमित जोगी के राजनीतिक भविष्य का

raghvendra
Published on: 10 Nov 2018 12:16 PM IST
सवाल अमित जोगी के राजनीतिक भविष्य का
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रायपुर: कांग्रेस से निकाले जाने के बाद राज्य के पहले मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता रहे अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (सीजेसी पार्टी) को बनाया था। अब उनके बेटे अमित जोगी इस पार्टी की राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। त्रिशंकु विधानसभा होने या जोड़-तोड़ की स्थिति में इन दोनों पार्टियों का महत्व एक जैसा है।

यानी किंगमेकर की भूमिका में होना। छत्तीसगढ़ में भाजपा 15 साल से सत्ता में है। अब रमन सरकार यानी चाउर बाबा से सवाल पूछा जाने लगा है कि राज्य वहीं का वहीं क्यों है। अगर जनता ने रमन सिंह पर विश्वास नहीं जताया तो जोगी की भूमिका अहम हो जाएगी। ऐसा ही कुछ कर्नाटक में हुआ था और पूर्ण बहुमत से कुछ कदम दूर रह गई कांग्रेस को जेडीएस से हाथ मिलाना पड़ा और देवेगौड़ा के पुत्र कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने।

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कर्नाटक में जेडीएस से हाथ मिलाने वाली बसपा ने छत्तीसगढ़ में ऐन वक्त पर ऐलान किया वह अजीत जोगी के साथ गठबंधन करने जा रही है। कर्नाटक में जिस स्थिति में जेडीएस थी उस स्थिति की सीजेसी के साथ उम्मीद कम है क्योंकि छत्तीसगढ़ में किसी भी पार्टी में जीत-हार का अंतर कुछ खास नहीं होता है। लेकिन अगर ऐसी स्थिति हो गई तो छोटी पार्टियों का महत्व काफी बढ़ जाएगा। जैसे जेडीएस के सर्वेसर्वा अब कुमारस्वामी हैं, वैसे ही अमित जोगी का भी हाल है।

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इस बार के चुनाव में अजीत जोगी मैदान में नहीं है और उनका स्वास्थ्य भी ज्यादा भागमभाग की इजाजत नहीं देता। अमित जोगी इस चुनाव में काफी महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं क्योंकि भाजपा के लिए भी हालात राज्य में इस बार ठीक नहीं हैं। 15 साल से सरकार चला रहे रमन सिंह से जनता अगर ऊब गई तो ऐसे में अगर किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो अमित जोगी सबसे खास बन जाएंगे और अगली सरकार बनाने का सारा दारोमदार उन्हीं पर होगा।

पहचान तो पिता से है

अमित जोगी की सबसे पहली और सबसे बड़ी पहचान यह है कि वो अजीत जोगी के बेटे हैं। वैसे, अमित जोगी के जन्म स्थान, नागरिकता और तारीख तक पर कई सालों तक एक सोच नहीं बन पाई थी। फिर खुद अमित ने इन मामलों पर सफाई देकर बात को खत्म किया था। अमित जोगी ने कहा था कि उनका जन्म अमेरिका के डलास में हुआ है और भारत की नागरिकता तत्कालीन गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने 2002 में दिलवाई थी। उनके जन्म दिन को लेकर भी संशय था, जिसे उन्होंने दूर करते हुए बताया कि वो 7 अगस्त 1977 को पैदा हुए थे।

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अमित जोगी दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन्स कॉलेज के छात्र रहे हैं। यहां से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। बाद में अमित ने जेएनयू से पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल स्टडीज में शिक्षा ग्रहण की। इसके अलावा रायपुर की एक यूनिवर्सिटी से उन्होंने एलएलबी की डिग्री भी हासिल की है। अमित पहली बार 2013 में मरवाही से छत्तीसगढ़ विधानसभा पहुंचे थे। उस समय उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को राज्य में सबसे ज्यादा मतों से हराया था। इस बार का चुनाव अमित जोगी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। खुद की सीट बचाने लेकर पार्टी के लिए कुछ नया कर गुजरने की चुनौती सामने है।

किस पाले में बैठेंगे जोगी

सवाल पार्टी के साथ-साथ अमित जोगी के भविष्य का भी है। अमित जोगी की स्थिति ये है कि उनको नई पार्टी को चलाना है और लोगों तक पहुंचना है। ऐसे में वो किसी से भी हाथ मिला सकने के लिए तैयार होंगे। अगर सरकार बनाने में किसी हिस्सेदारी का मौका आता है तो जोगी की पार्टी के कुछ लोगों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जाना तय है। जिस पार्टी के लोग सरकार में रहेंगे उन्हें अपने दल को जमीन पर बड़ा करने का पर्याप्त मौका होगा।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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