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राफेल डील पर संसद में घमासान, कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने दिया ये जवाब

राफेल डील पर लोकसभा में सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोर्चा संभाला। अब तक रक्षा मंत्री के जवाब की मांग कर रही कांग्रेस पर रक्षा मंत्री ने तीखे वार किए। हर सवालों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।

Aditya Mishra
Published on: 5 Jan 2019 4:25 PM IST
राफेल डील पर संसद में घमासान, कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने दिया ये जवाब
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नई दिल्ली: राफेल डील पर लोकसभा में सरकार की तरफ से रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोर्चा संभाला। अब तक रक्षा मंत्री के जवाब की मांग कर रही कांग्रेस पर रक्षा मंत्री ने तीखे वार किए। हर सवालों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। सीतारमण ने कांग्रेस ताबड़तोड़ हमले बोलते हुए कहा कि HAL पर कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहा रही है।

रक्षा मंत्री ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि 'डिफेंस डीलिंग' और 'डीलिंग इन डिफेंस' में अंतर है। हम 'डिफेंस डीलिंग' नहीं करते हैं। हम लोग 'डील इन डिफेंस' करते हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। निर्मला ने राफेल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 'AA' के आरोप पर पलटवार करते हुए उन्हें 'RV' और Q की याद दिला दी।

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राहुल को दिया 'RV' से जवाब

दरअसल, रक्षा मंत्री के भाषण के दौरान जब कांग्रेस ने सवाल पूछा कि सौदा 'AA' के लिए किया गया? इस पर सीतारमण ने कांग्रेस को जवाब दिया कि अगर आप 'AA' की बात करते हैं तो हर AA के जवाब में एक RV (रॉबर्ट वाड्रा) और Q (ओत्तावियो क्वात्रोक्की) का नाम आ जाता है। साथ ही उन्होंने कहा कि RV पीएम नहीं देश के दामाद हैं।

'2022 तक आ जाएंगे सभी 36 विमान'

निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए कहा कि असल में वह सौदा करना ही नहीं चाहती थी। कांग्रेस पर राफेल डील को लटकाए रखने का आरोप लगाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार के दौरान रक्षा मंत्रालय से दलालों से मुक्त हो गया। उन्होंने कहा कि पहला राफेल विमान इस साल आ रहा है और 2022 तक सभी विमान आ जाएंगे।

विपक्ष पर कसा तंज

सदन में विपक्ष के हंगामा करने पर रक्षा मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष के नेता मेरे जवाबों को नहीं सुनना चाहते हैं। यह काफी परेशान करने वाला है। उन्होंने कहा, 'इस देश को समझना होगा कि रक्षा खरीद राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है और यह काफी महत्वपूर्ण है, चाहे हम सरकार में हों या वे।' रक्षा मंत्री ने कहा, 'हमारे पड़ोसी देशों के पास का माहौल सब जानते हैं। उन्होंने कहा, देश में कोई भी सरकार शांति चाहती है। चीन और पाकिस्तान अपनी वायु सेना को और मजबूत कर रहे हैं और हम अभी उससे काफी पीछे हैं। चीन के पास चौथी और पांचवी पीढ़ी के एयरक्राफ्ट हैं।'

HAL पर राहुल के बयान को बताया घड़ियाली आंसू

रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस जेट खरीदने की इच्छा ही नहीं रखती थी। रक्षा मंत्री ने अपने जवाब में कहा, 'राहुल गांधी ने बेंगलुरु में एचएएल कर्मचारियों के बीच में कहा कि राफेल उनका अधिकार है। राफेल उन्हें प्रॉड्यूस करना चाहिए था।' रक्षा मंत्री ने कहा, 'खड़गे जी जो स्टैंडिंग कमिटी के सदस्य भी हैं, ने कहा था कि स्टैंडिंग कमिटी को यह जानकर दुख हुआ कि 3 दशक के बाद भी एचएएल को यह एयरक्राफ्ट नहीं बनाने दिया गया।'

सीतारमण ने पूछा, HAL को क्यों नहीं दिया अगुस्टा

रक्षा मंत्री ने कहा, 'कांग्रेस अब एचएएल के लिए मगरमछ के आंसू बहा रही है। कांग्रेस सरकार ने एचएएल को एक या दो नहीं बल्कि 53 वीवर दिए हैं। हमने भी करीब एक लाख करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट दिए हैं। मैं पूछती हूं कि आपने हेलिकॉप्टर की डील अगुस्टा के साथ क्यों की? आपने एचएएल को कॉन्ट्रैक्ट क्यों नहीं दिया। क्योंकि जो आपको अगुस्टा के साथ डील में मिला, वह एचएएल के साथ डील में नहीं मिलता। वहां से तो सिर्फ हेलिकॉप्टर ही मिलते।

संसद के अंदर और बाहर देश को गुमराह कर रही है कांग्रेस'

रक्षा मंत्री ने कहा, 'एक कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस भारत की डिफेंस डील किसी विदेशी प्रमुख के साथ डिस्कस नहीं करेगी। यह चर्चा सरकार को फ्रांस के साथ करनी चाहिए हमारे साथ नहीं। इसके बाद राहुल गांधी ने सदन में कहा कि उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति से डील में गोपनीयता की शर्त के बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। राहुल ने यह भी कहा कि उन्हें डील की कीमत को सार्वजनिक करने को लेकर भी कोई दिक्कत नहीं है। कौन सच बोल रहा है? इन दोनों कांग्रेस नेताओं में से कोई एक देश को भ्रमित कर रहा है। मैं यह साबित करना चाहती हूं।'

प्राइसिंग पर बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सदन में हमने राफेल का बेसिक प्राइस बताया 670 करोड़, कांग्रेस ने कहा कि उन्हें 520 करोड़ में मिल रहा है। लेकिन कांग्रेस के पास इसे लेकर कोई डॉक्युमेंट नहीं है। हमने कांग्रेस की कीमत के मुकाबले 9 प्रतिशत सस्ती डील की है।

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रक्षा मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया जिक्र

सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को पढ़ते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 34 में कहा गया कि सभी तथ्यों की जांच के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि डील में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं है। किसी का व्यक्तिगत धारणा के आधार जांच नहीं की जा सकती है।' उन्होंने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 33 में कहा गया कि डील में सरकार की भूमिका कहीं भी ऐसी नहीं दिख रही कि सरकार ने किसी को कमर्शल फायदा पहुंचाने की कोशिश की है।'

कीमतों को गोपनीय बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 26 में कहा गया कि एयरक्राफ्ट की कीमत सार्वजनिक करने का कोई औचित्य नहीं है।' उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पैराग्राफ 25 में कहा गया कि सरकार ने एयरक्राफ्ट की कीमत नहीं बताई क्योंकि यह संवेदनशील मुद्दा है। यह दो देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन होता।

राहुल ने पूछा- अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट किसने दिलाया

रक्षा मंत्री के जवाब के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2-3 मिनट का स्पष्टीकरण दिया और एक बार फिर सरकार पर हमला बोला। गांधी ने कहा, 'मैक्रों से मैंने पूछा था कि क्या राफेल डील में कीमत का मसला भी गोपनीयता के दायरे में है। मुझे आश्चर्य हुआ कि जो पैसा हिंदुस्तान की जनता का है, उसके बारे में जनता को ही नहीं बताया जा रहा है। मैक्रों ने बताया था कि कीमत गोपनीयता के दायरे में नहीं आती। इसी तरह ओलांद ने कहा था कि अनिल अंबानी का नाम मुझे भारत के प्रधानमंत्री की तरफ से दिया गया था। ओलांद का बयान यह बताता है कि भारत के पीएम ने एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाया। मेरी सलाह है कि प्रधानमंत्री फोन मिलाए ओलांद को और उनसे पूछना चाहिए कि वह ऐसा क्यों कह रहे हैं।'

राफेल में सीधे-सीधे PM शामिल: राहुल

राहुल गांधी ने कहा, 'मैं रक्षा मंत्री पर आरोप नहीं लगा रहा हूं, पर्रिकर पर आरोप नहीं लगा रहा हूं, मैं प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगा रहा हूं। प्रधानमंत्री सीधे-सीधे इसमें शामिल हैं। रक्षा मंत्री ने ढाई घंटे बोला, अनिल अंबानी को ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट मिला। और रक्षा मंत्री ने एक बार भी उनका नाम तक नहीं मिला। अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट किसने दिलवाया, यह फैसला किसने किया, यह नहीं बताया। रक्षा मंत्री ने कहा कि पुराने कॉन्ट्रैक्ट को बदलकर नया कॉन्ट्रैक्ट डिवेलप किया गया। नए कॉन्ट्रैक्ट में HAL को हटाकर अनिल अंबानी को लाया गया। बताएं कि AA को किसने लाया? एक सवाल और, अगर पड़ोसी इतना खतरनाक है तो 126 की जगह 36 राफेल विमान क्यों? 136 क्यों नहीं? प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय को बाइपास करके ऐलान क्यों किया?'

ऑफसेट के लिए 2013 की UPA की पॉलिसी का पालन: निर्मला

कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने स्पष्टीकरण के वक्त जिन सवालों को उठाया, उनका जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑफसेट के लिए 2013 की यूपीए की पॉलिसी का ही पालन किया गया, हमने इसमें कोई बदलाव नहीं किया। उन्होंने कहा कि ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट में किसी भी भारतीय निजी या सरकारी कंपनी का पहले से जिक्र नहीं है।

'किसी खानदान से कम नहीं हमारा भी सम्मान'

दरअसल, निर्मला सीतारमण जब बोल रही थी, उस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपना जिक्र आने पर उसी वक्त जवाब देना चाहते थे। उस पर स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उन्हें कहा था कि जब एक बार मंत्री अपनी बात पूरी कर लें तो कांग्रेस अध्यक्ष को फिर से अपनी बात रखने का समय मिलेगा। बाद में राहुल को मौका मिला भी। लेकिन इसके बाद निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर गांधी और कांग्रेस पर तीखा पलटवार किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि भाषण के दौरान सिर्फ नाम आने पर फिर से बोलने की जिद की गई, लेकिन हमारा क्या, उन्होंने तो हमारे लिए क्या-क्या नहीं कहा।

सीतारमण ने कहा कि मुझे झूठा कहा गया, बहस के दौरान कागज के जहाज उड़ाए गए, पीएम को चोर कहा गया। उन्होंने कहा कि हम साधारण पृष्ठभूमि से आए हैं इसका मतलब यह नहीं कि कोई भी हमारे सम्मान से खेल सके। उन्होंने कहा, 'किसी खास खानदान से होने की वजह से कोई पीएम को चोर नहीं कह सकता, मुझे झूठा नहीं कह सकता।'

सदन से बाहर भी राहुल ने उठाए सवाल

लोकसभा में राफेल पर बहस खत्म होने के बाद संसद परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर कहा कि रक्षा मंत्री ने ढाई घंटे तक जवाब दिया, लेकिन उनके सवालों का सीधा जवाब नहीं दिया। राहुल ने कहा, 'मेरा सवाल था कि नरेंद्र मोदी ने जब रक्षा मंत्रालय को बाइपास किया तो मंत्रालय ने और डिफेंस के अधिकारियों ने तब सवाल उठाया या नहीं। ढाई घंटे के भाषण में कोई जवाब नहीं दिया। नरेंद्र मोदी ने कॉन्ट्रैंक्ट को झट से 2 मिनट में बदला, उस पर क्या डिफेंस मिनिस्ट्री ने आपत्ति जताई थी।

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