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Srilanka Crisis : राहुल गांधी ने फिर भारत की तुलना खस्ताहाल श्रीलंका से की, इस बार ग्राफिक्स से समझाया
राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत की तुलना श्रीलंका से की है। कांग्रेस नेता ने अपनी बात समझाने के लिए ग्राफिक्स की मदद ली। राहुल ने ट्विटर पर उस ग्राफिक्स को शेयर किया।
Rahul Gandhi Compare India With Sri Lanka : कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत की तुलना खस्ताहाल श्रीलंका से की है। इस बार कांग्रेस नेता ने अपनी बात को समझाने के लिए ग्राफिक्स की मदद ली। राहुल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर उस ग्राफिक्स को शेयर किया।
ग्राफिक्स के जरिये राहुल गांधी ने समझाने का प्रयास किया है कि किस तरह भारत, श्रीलंका की राह पर अग्रसर है। राहुल ने तीन विषयों पर श्रीलंका से तुलना की है। ग्राफिक्स में बेरोजगारी, पेट्रोल की कीमतों और सांप्रदायिक दंगे को दिखाया गया है। इन तीनों मुद्दों पर भारत और श्रीलंका का तुलनात्मक विवरण किया गया है। ग्राफिक्स में राहुल ने साल 2012 से 2021 तक का आंकड़ा दिखाया है। वर्ष 2012 में ग्राफ को बढ़ते हुए दिखाया गया है जबकि, 20219 से ग्राफ गिरता दिख रहा है। बता दें कि, साल 2012 केंद्र में कांग्रेस नीत मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार थी।
श्रीलंका की तरह जनता से सच छुपाया
आपको बता दें कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इससे पहले भी श्रीलंका से भारत की आर्थिक स्थिति की तुलना की थी। पिछली बार राहुल ने कहा था, कि 'जैसे श्रीलंका में जनता से सच छिपाया गया, वैसे ही भारत में भी भारतीय जनता पार्टी (BJP) और RSS के लोगों ने देश की जनता से सच छुपाया। अब वो सच सबके सामने आएगा।'
सच सामने आएगा
राहुल गांधी ने कहा था, कि 'पिछले 2-3 वर्षों में मीडिया, संस्थान, इंडियन आर्मी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने सच छुपाया है। ये सब सच धीरे-धीरे सामने आएगा। श्रीलंका में यही हो रहा है। वहां सच्चाई सामने आई है। भारत में सच सामने आएगा।'
'दो-तीन साल और रुक जाओ, फिर देख लेना'
राहुल गांधी ने आगे कहा, कि 'भारत को बांटा गया है। भारत पहले एक देश हुआ करता था। हम एकजुट थे। अब इसमें अलग-अलग देश बना दिए गए हैं। सभी को एक-दूसरे से लड़ाया जा रहा है। जब यह दर्द आएगा, तो हिंसा भी आएगी। अभी मत मानो मेरी बात। बस, दो-तीन साल और रुक जाओ। फिर देख लेना।'
रूस का उदाहरण देकर भारत-चीन रिश्ते बताए
इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि, 'जैसे रूस, यूक्रेन को कह रहा है कि डोनबास और लुहांस्क आपका नहीं है। ठीक उसी तरह चीन भारत को कह रहा है, कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश आपका है ही नहीं। इसलिए उन्होंने अपनी फौज वहां बैठा रखी है। जो मॉडल वहां लागू हुआ है, वह यहां भी किया जा सकता है।'