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Rahul Gandhi: राहुल गांधी ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का लिया इंटरव्यू लिया, पुलवामा से लेकर अडानी तक चर्चा की

Rahul Gandhi:कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर कुछ न कुछ नया करते हैं जिसकी वजह से सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। अब उन्होंने किसी पत्रकार की तरह जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का इंटरव्यू ले डाला और इसका विडियो एक्स पर शेयर कर दिया।

Neel Mani Lal
Published on: 25 Oct 2023 8:57 PM IST
Rahul Gandhi interviewed former Governor Satyapal Malik, discussed from Pulwama to Adani
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 राहुल गांधी ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का लिया इंटरव्यू लिया, पुलवामा से लेकर अडानी तक चर्चा की: Photo- Social Media

Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी अक्सर कुछ न कुछ नया करते हैं जिसकी वजह से सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। अब उन्होंने किसी पत्रकार की तरह जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का इंटरव्यू ले डाला और इसका विडियो एक्स पर शेयर कर दिया। राहुल गाँधी ने विडियो शेयर करते हुए एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा - "राज्यपाल, पूर्व सांसद और किसान नेता सत्यपाल मलिक के साथ पुलवामा, किसानों के विरोध और अग्निवीर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर दिलचस्प चर्चा!"

राजनीतिक जीवन और जम्मू-कश्मीर पर चर्चा

राहुल गांधी ने सत्यपाल मलिक के साथ बातचीत की शुरुआत उनसे उनके राजनीतिक जीवन की चर्चा से की और फिर जम्मू-कश्मीर पर उनकी राय पूछी। जब मालिक राज्यपाल थे उसी दौरान राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया था। राहुल गाँधी के सवाल के जवाब में मलिक ने कहा - जम्मू-कश्मीर को किसी ताकत या सेना द्वारा प्रबंधित नहीं किया जा सकता है।

Photo- Social Media

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का राज्य का दर्जा तुरंत वापस किया जाना चाहिए। अगस्त 2018 से अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे मलिक ने कहा - अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से उन्हें (राज्य के लोगों को) उतना नुकसान नहीं हुआ है जितना उनका राज्य का दर्जा छीनने और राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने से हुआ है। पूर्व राज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के बारे में भी बात की और कहा - घाटी में आतंकवादी सक्रिय हैं और हर जगह बहुत सारी आतंक संबंधी घटनाएं हो रही हैं।

पुलवामा पर अपनी राय रखी

सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को बताया कि सरकार ने पुलवामा में चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया और उसने हमले का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया। उन्होंने कहा - मैं यह नहीं कहता कि उन्होंने ऐसा किया लेकिन उन्होंने इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए किया। ऐसे भाषण हैं जिनमें नेताओं को यह कहते हुए सुना जाता है कि जब आप वोट डालने जाएं तो आपको पुलवामा में किए गए बलिदानों को याद रखना चाहिए।

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सुरक्षा चूक की बात कहते हुए, पूर्व राज्यपाल ने कहा कि विस्फोटक से भरा वाहन, जिसने सीआरपीएफ वाहन को टक्कर मार दी, जिससे 40 कर्मियों की मौत हो गई, वह लगभग 10 दिनों से इलाके में घूम रहा था, और उस पर नज़र रखने वाला कोई नहीं था। मलिक ने कहा - ड्राइवर और वाहन के मालिक का आतंकवादी रिकॉर्ड था। उन्हें कई बार गिरफ्तार किया गया और फिर रिहा किया गया। लेकिन वे खुफिया विभाग के रडार पर नहीं थे। विस्फोटक पाकिस्तान से लाए गए थे। बातचीत के क्रम में राहुल गाँधी ने कहा कि जैसे ही उन्हें हमले के बारे में पता चला, वह शहीद नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हवाईअड्डे गए। उन्होंने कहा - मुझे एक कमरे के अंदर बंद कर दिया गया था। मुझे ऐसा लगा जैसे यह कोई कार्यक्रम हो। पीएम मोदी वहां थे। मुझे कमरे से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करना पड़ा। यह काफी अप्रिय था।

मलिक ने कहा - प्रधानमंत्री को श्रीनगर जाना चाहिए था। (रक्षा मंत्री) राजनाथ सिंह वहां आए थे। मैं वहां था। हमने श्रद्धांजलि दी। जिस दिन ये हुआ, ये (पीएम मोदी) नेशनल कॉर्बेट में शूटिंग कर रहे ते। तो मैंने इनसे बात करने की कोशिश की, लेकिन बता नहीं हुई। पांच-छह बजे उनका फोन कॉल आया, क्या हुआ? मैंने घटना के बारे में बताया। मैंने कहा, हमारी गलती से इतने लोग मर गए हैं। तो उन्होंने मुझसे कहा, आपको कुछ नहीं बोलना है। इसके बाद मेरे पास (राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत) डोभाल का फोन आया, उन्होंने कहा कि आपको कुछ नहीं बोलना है। मैंने कहा ठीक है। इस मामले की जांच करानी होगी, शायद उस पर कुछ असर होगा। उसमें कुछ भी नहीं हुआ, न ही होना है।

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एमएसपी और अडानी

बातचीत के दौरान सत्यपाल मलिक ने अडानी और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) मुद्दे पर भी बात की। उन्होंने दावा किया कि केंद्र एमएसपी पर अपना वादा निभाने में विफल रहा क्योंकि "अडानी ने बड़े गोदाम बनाए, सस्ती कीमत पर फसलें खरीदीं।" जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने कहा - अडानी का नाम अब सरकार के पास है और इसकी चर्चा हर गांव में हो रही है। लोग कहते हैं कि सारा सरकारी पैसा अडानी पास है। उन्होंने कहा - अगले साल उनकी कीमतें बढ़ेंगी और वह उन्हें बेचेंगे। अगर एमएसपी लागू होता है, तो किसान अपने उत्पाद उन्हें सस्ती दर पर नहीं बेचेंगे।

बता दें कि केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के दो महीने बाद, मलिक को गोवा स्थानांतरित कर दिया गया जहां उन्होंने अगस्त 2020 तक राज्यपाल के रूप में कार्य किया। अगस्त 2020 से अक्टूबर 2022 तक, वह मेघालय के राज्यपाल थे।

महिला आरक्षण विधेयक

सत्यपाल मलिक ने कहा, ये किसी भी चीज को इवेंट बना देते हैं। फिर अपने पक्ष में लाभ उठाते हैं। महिला आरक्षण विधेयक का भी यही किया। महिलाओं को कुछ मिलना नहीं है, लेकिन इस तरह से दिखाया कि न जाने कितना बड़ा काम करा दिया। उन्होंने कहा, नई इमारत (संसद) की कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन इन्हें (पीएम मोदी) अपना पत्थर लगाना था कि इन्होंने बनवाई है। वो पुरानी इमारत तो अभी भी कई साल चलती।

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राहुल ने भी अपनी बात कही

बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा, भारत की राजनीति में दो विचारधाराओं की लड़ाई है, एक गांधीवादी और दूसरी आरएसएस की। दोनों हिंदुत्व के दृष्टिकोण हैं। एक अहिंसा और भाईचारे की विचारधारा है। दूसरी नफरत और हिंसा की। इस बारे में आपका क्या कहना है? इस पर मलिक ने कहा, मेरा सोचना है कि हिंदुस्तान देश के दौर पर तभी चलेगा, जब उदार हिंदुत्व के रास्ते पर चलेगा। यह गांधी का दृष्टिकोण था। वे गांव-गांव गए थे। तब इस दृष्टिकोण पर पहुंचे थे। अगर इसी विचारधारा पर देश चलेगा, तभी चल पाएगा, नहीं तो टुकड़े हो जाएगा।

हमें मिल-जुल कर बिना लड़ाई-झगड़े के रहना होगा। मेरी राय है कि अपने लोगों में (महात्मा) गांधी और का कांग्रेस का दृष्टिकोण प्रसारित हो। लोगों को पता चले कि उनसे कितना अलग हैं। भारत में कोई भी व्यक्ति राजनीति में सक्रि है, वह अपने तक सक्रिय है, वह देश के बारे में नहीं सोचता। देश के बारे में राय नहीं बनाता। उसको प्रसारित नहीं करता। मलिक ने कहा, एक अच्छी बात यह है कि लोगों ने टीवी देखना बंद कर दिया है। हमारे पास अब सोशल मीडिया है। लेकिन ये लोग उस पर भी लगाम लगाने की कोशिश कर रहे हैं।



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Shashi kant gautam

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