Rahul Gandhi in Manipur: राहुल गांधी पहुंचे चुराचांदपुर के राहत शिविर, हिंसा प्रभावित बच्चों के साथ खाया खाना...हुआ बवाल

Rahul Gandhi in Manipur: राहुल गांधी के मणिपुर यात्रा के दौरान करीब बीस किमी पहले सुरक्षा बलों ने सुरक्षा हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया। इस दौरान उनके समर्थकों ने जमकर बवाल काटा और बैरिकेटिंग तोड़ने की कोशिश की। मौके पर मौजूद पुलिस ने शक्ति का प्रयोग करते हुए उन्हे रोक दिया .

Anant Shukla
Published on: 29 Jun 2023 8:52 AM GMT (Updated on: 29 Jun 2023 1:10 PM GMT)
Rahul Gandhi in Manipur: राहुल गांधी पहुंचे चुराचांदपुर के राहत शिविर, हिंसा प्रभावित बच्चों के साथ खाया खाना...हुआ बवाल
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Rahul Gandhi in Manipur

Rahul Gandhi in Manipur: हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर का दौरा करने कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार (29 जून) को हिंसाग्रस्त राज्य पहुंचे। राहुल गांधी 29 और 30 जून को मणिपुर में ही रहेंगे। कांग्रेस नेता आज चुराचांदपुर के राहत शिविरों में पहुंच वहां जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों से मिले। हालांकि, विष्णुपुर के पास पुलिस ने राहुल के काफिले को आगे जाने से रोक दिया था। आख़िरकार, राहुल को इंफाल लौटना पड़ा था। चुराचांदपुर के एक स्कूल में बनाए गए राहत शिविर (Churachandpur Relief Camp) में राहुल ने बच्चों के साथ दोपहर का खाना भी खाया।

इससे पहले, राहुल गांधी के मणिपुर यात्रा के दौरान बवाल समर्थकों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए रोक दिया। राहुल गांधी गुरुवार को मणिपुर की राजधानी पहुंचे वहां से वो हिंसाग्रस्त क्षेत्र शरणार्थियों शिविर में जा रहे थे। इसी दौरान करीब 20 किलोमीटर पहले सुरक्षा बलों ने सुरक्षा हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया। इस दौरान उनके समर्थकों ने जमकर बवाल काटा और बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की।

राहुल गांधी ने किया ट्वीट

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) मणिपुर दौरे के बीच ट्वीट भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं मणिपुर के अपने सभी भाइयों-बहनों को सुनने आया हूं। सभी समुदायों के लोग बहुत स्वागत और प्यार कर रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही है। मणिपुर को उपचार की जरूरत है। शांति हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए।'

मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा बलों नें इंफाल से लगभग 20 किलोमीटर पहले राहुल गांधी के काफिले को रोक लिया। पुलिस ने सुरक्षा का हवाला देते हुए इससे आगे जाने की इजाजत नहीं दी। काफी देत तक इंतजार करने के बाद राहुल इंफाल वापस लौट गए। इसी बीच नाराज कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा काटा। पुलिस बैरिकेटिंग तोड़ने की कोशिश भी की। पुलिस ने कार्यकर्ताओं को भगाने के लिए आंशू गैस के गोले दागे।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राहुल गांधी के काफिले को रोके जाने पर राहुल गांधी का स्वागत करने वाले सड़क के दोनो तरफ खड़े थे। हमें नहीं पता कि क्यों रोका गया। राहुल गांधी ने दौरा हिंसाग्रस्त लोगों से मुलाकात के लिए शुरू की थी। हम लोगों ने करीब 20 से 25 किमी की यात्रा तय की लेकिन कहीं भी रोड जाम हुई। स्थानीय पुलिस किसके निर्देश पर रोकी हमें नहीं पता।

जैराम रमेश ने पीएम मोदी पर साधा निशाना

वहीं जैराम रमेश ने कहा कि पीएम मोदी ने मणिपुर पर अपनी चुप्पी तोड़ने की जहमत नहीं उठाई है। उन्होंने राज्य को अपने हाल पर छोड़ दिया है। अब, उनकी डबल इंजन वाली विनाशकारी सरकारें राहुल गांधी की दयालु पहुंच को रोकने के लिए निरंकुश तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और सभी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मानदंडों को तोड़ता है। मणिपुर को शांति की जरूरत है, टकराव की नहीं।

Shri @RahulGandhi’s convoy in Manipur has been stopped by the police near Bishnupur.


He is going there to meet the people suffering in relief camps and to provide a healing touch in the strife-torn state.

PM Modi has not bothered to break his silence on Manipur. He has left…

— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 29, 2023

मणिपुर पुलिस ने जारी किया बयान

मणिपुर पुलिस ने भी इस मामले में अपनी सफाई पेश की है। अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया। उन्होंने कहा कि विष्णुपुर जिले के उटलू गांव के पास हाइवे पर टायर जलाकर काफिले पर पत्थर बरसाए गए। इस घटना को नहीं दोहराना चाहते। यही कारण है कि राहुल गांधी के काफिले को विष्णुपुर के पास रुकने का आग्रह किया।

अमित मालवीय ने साधा निशाना

भाजपा आईटी सेल के मुखिया अमित मालविय ने राहुल गांधी के मणिपुर दौरे पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कांग्रेस सरकार में हिंसा भड़कती थी उस समय राहुल गांधी नहीं जाते थे। उस समय 9 युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी तब कहां थे राहुल गांधी। उस समय क्यों मिलने नहीं गए। प्रदर्शनकारियों ने सालों तक अंतिम संस्कार के लिए मना कर दिया था।

    

Anant Shukla

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