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‘भूख लग रही है’... दलित परिवार के किचन में पहुंचे राहुल गांधी, बनाया साग और बैगन
Rahul Gandhi: राहुल गाँधी कोल्हापुर के एक दलित परिवार के किचन में जाकर खाना बनाये हैं। जिसकी वीडियो उन्होंने एक्स पर शेयर की है।
Rahul Gandhi: पिछले दिनों राहुल गाँधी महाराष्ट्र के दौरे पर थे। अपने दौरे के बाद राहुल गांधी कोल्हापुर में एक दलित परिवार के घर पहुंचे थे। जहाँ का अनुभव उन्होंने अब अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिये शेयर किया है। दरअसल जब राहुल गाँधी कोल्हापुर में दलित परिवार के घर पहुंचे तो न सिर्फ उन्होंने वहां खाना खाया बल्कि उनके किचन में जाके खाना भी बनाया था। जिसकी वीडियो उन्होंने एक्स पर शेयर की है। वीडियो में राहुल गाँधी दलित परिवारवालों के साथ किचन में बैठे नजर आ रहें है।
बिना सूचना दिए तुकाराम सनदे के घर पहुंचे राहुल
महाराष्ट्र दौर के समय राहुल गाँधी अपने हेलीकाप्टर से कोल्हापुर गए थे। जहाँ कांग्रेस के बड़े नेताओं और सुरक्षाकर्मियों के साथ सीधे 50,000 की आबादी वाले उंचगांव गांव पहुंचे। बिना किसी पूर्व सूचना के वह अजय कुमार तुकाराम सनदे के घर पहुंचे तो हर कोई हैरान रह गया। सनदे के घर पर राहुल गांधी ने पहले चाय पी। उसके बाद उन्होंने अचानक से कहा कि उन्हें ‘भूख लग रही है’ वे कुछ खाना चाहते हैं। तभी सनदे परिवार ने पूछा कि क्या खाना पसंद करें
राहुल गाँधी ने वीडियो शेयर कर क्या कहा
कोल्हापुर में अपने अनुभव को लेकर राहुल गाँधी ने एक्स पर वीडियो शेयर किया जिसमें उन्होंने लिखा, "दलित किचन के बारे में आज भी बहुत कम लोग जानते हैं। जैसा शाहू पटोले जी ने कहा, “दलित क्या खाते हैं, कोई नहीं जानता।” वो क्या खाते हैं, कैसे पकाते हैं, और इसका सामाजिक और राजनीतिक महत्व क्या है, इस जिज्ञासा के साथ, मैंने अजय तुकाराम सनदे जी और अंजना तुकाराम सनदे जी के साथ एक दोपहर बिताई। उन्होंने कोल्हापुर, महाराष्ट्र में मुझे अपने घर सम्मान के साथ बुलाकर रसोई में हाथ बंटाने का मौका दिया। हमने मिलकर चने के साग की सब्ज़ी 'हरभऱ्याची भाजी' और बैंगन के साथ तुवर दाल बनाई।"
राहुल गाँधी ने पोस्ट में आगे लिखा, "पटोले जी और सनदे परिवार के जाति और भेदभाव के निजी अनुभवों पर बात करते हुए, हमने दलित खानपान के प्रति जागरूकता की कमी और इस संस्कृति के documentation के महत्व पर चर्चा की। बहुजनों को हिस्सेदारी और अधिकार संविधान देता है, और उस संविधान की रक्षा हम करेंगे। लेकिन समाज में सभी की सच्ची समावेशिता और समानता तभी संभव होगी जब हर एक भारतीय दिल में भाईचारे की भावना के साथ प्रयास करे।"