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राहुल-येचुरी मुलाकात: 2019 की तैयारी, भाजपा विरोधी राष्ट्रीय मोर्चे की रूपरेखा पर चर्चा

राहुल गांधी की विपक्षी नेताओं से वार्ता प्रकिया का पूरा एजेंडा इस बात पर केंद्रित है कि हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा को इसलिए बढ़त मिली है क्योंकि विपक्षी दल अलग अलग बैनरों के नीचे चुनाव लड़ रहे हैं।

zafar
Published on: 5 April 2017 9:00 PM GMT
राहुल-येचुरी मुलाकात: 2019 की तैयारी, भाजपा विरोधी राष्ट्रीय मोर्चे की रूपरेखा पर चर्चा
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उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली: राहुल गांधी व सीताराम येचुरी के बीच संसद भवन में बुधवार को हुई अहम मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। यूपी व उत्तराखंड में भाजपा की भारी जीत व विपक्षी दलों को मिली करारी शिकस्त के बाद इस बातचीत को आने वाले दिनों में विपक्ष की राजनीति में नये मोड़ के तौर पर देखा जा रहा है।

भाजपा का विकल्प

सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं ने संसद सत्र के बाद भाजपा के खिलाफ देश में एक नया राजनीतिक विकल्प खड़ा करने की संभावनाओं पर प्रारंभिक रूपरेखा पर चर्चा की है। कोशिश हो रही है 2019 के आम चुनावों की तैयारी के लिए सबसे पहले यूपी में बसपा व सपा को एक दूसरे के करीब लाया जाए।

इस कदम को कांग्रेस व चौधरी अजित सिंह के साथ सपा-बसपा को मिलाकर मोर्चा बनाने व भाजपा विरोधी वोटों के विभाजन को रोकने की बड़ी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी विधानसभा चुनाव नतीजे आने से एक दिन पहले 11 मार्च को विपक्षी पार्टियों की एकता के सवाल पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार से लंबी बातचीत कर चुके हैं। ऐसे संकेत हैं कि राहुल गांधी की विपक्षी नेताओं से वार्ता प्रकिया का पूरा एजेंडा इस बात पर केंद्रित है कि हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा को इसलिए बढ़त मिली है क्योंकि विपक्षी दल अलग अलग बैनरों के नीचे चुनाव लड़ रहे हैं।

विपक्ष की एकजुटता का लक्ष्य

इसलिए सबसे पहले इस बात पर सारा फोकस किया जा रहा है कि विभिन्न प्रदेशों में भाजपा विरोधी सभी दलों को मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने के लिए प्रेरित किया जाए। कांग्रेस व बाकी दलों के नेता इस बात का जोड़-भाग लगाने में जुटे हैं कि यदि विपक्ष के वोटों में विभाजन को रोकने में सफलता मिल जाए तो एकजुट विपक्ष के आगे यूपी व बाकी कई अहम प्रदेशों में उसी तर्ज पर भाजपा को बुरी तरह हराया जा सकता है जिस तरह 2015 के अंत में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार की दोबारा ताजपोशी हुई थी।

राज्यसभा में जीएसटी पर रणनीति के सवाल पर विपक्षी दल एकसाथ आने को तैयार हैं। बकौल येचुरी उन्होंने राहुल गांधी के साथ वित्त विधेयक की तर्ज पर जीएसटी मामले में सरकार संशोधन लाने के सवाल पर चर्चा की। लेकिन कांग्रेस व विपक्षी दलों में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि दोनों ही नेताओं के बीच भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय मोर्चा बनाने के सवाल पर गंभीर बातचीत हुई है।

बतादें कि बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व आरजेडी नेता लालू प्रसाद पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि भाजपा का मुकाबला करने को विपक्षी पार्टियों के बीच पूरे देश में उसी तरह का भाजपा विरोधी मोर्चा बनना जरूरी है जिस तरह से तीन साल पहले जदयू, आरजेडी व कांग्रेस का चुनावपूर्व गठबंधन बना था।

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