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Rahul Gandhi Speech Video: लोकसभा में नहीं बोले राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने संभला मोर्चा
Rahul Gandhi Speech in Loksabha: अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरु हो गई है। इंडिया गठबंधन की ओर से अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी संसद में बोल रहे हैं।
Rahul Gandhi Speech in Loksabha: मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अविश्वास प्रस्ताव पर बोलना था, लेकिन उनकी जगह कांग्रेस ने स्पीकर्स में बदलाव किया। कांग्रेस की ओर से सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
पीएम का मौनव्रत तोड़ना चाहते हैं-
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, यह अविश्वास प्रस्ताव हम मणिपुर के लिए लेकर आए हैं। वहां का युवा आज इंसाफ मांगता है, वहां की बेटी इंसाफ मांगती है, वहां का किसान इंसाफ मांगता है। उन्होंने कहा कि अगर मणिपुर प्रभावित हुआ है तो पूरा भारत प्रभावित हुआ है। हम केवल मणिपुर की बात नहीं कर रहे हैं। बल्कि भारत की बात कर रहे हैं। हमारी अपेक्षा थी कि एक संदेश जाए कि इस दुख की घड़ी में पूरा देश मणिपुर के साथ है, लेकिन अफसोस की बात है कि ऐसा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री महोदय ने एक मौनव्रत लिया। ना लोकसभा में कुछ बोलेंगे ना राज्यसभा में कुछ बोलेंगे। इसलिए यह नौबत आ पड़ी है कि हम अविश्वास प्रस्ताव के द्वारा प्रधानमंत्री मोदीजी का मौन व्रत तोड़ना चाहते हैं।
गोगोई ने सवाल उठाया कि पीएम मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए। उन्हें मणिपुर पर कुछ बोलने के लिए 80 दिन क्यों लग गए। पीएम मोदी की तरफ से संवेदना का कोई शब्द या शांति की अपील क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा, मंत्री बोलें, कोई नहीं रोक रहा, लेकिन पीएम मोदी के शब्दों में जो वजन है, वह किसी मंत्री में नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम ने मणिपुर के मुख्यमंत्री को बर्खास्त क्यों नहीं किया। गुजरात में चुनाव से पहले दो बार मुख्यमंत्री बदल दिए, उत्तराखंड, त्रिपुरा में भी मुख्यमंत्री बदल दिए, लेकिन मणिपुर के मुख्यमंत्री को विशेष आशीर्वाद क्यों? उन्होंने कहा कि मणिपुर में बीजेपी का डबल इंजन फेल हो गया है। समाज के दो वर्गों के बीच ऐसा बंटवारा, इतना आक्रोश, इतना गुस्सा हमने पहले कभी नहीं देखा। प्रदेश में एक ऐसी लकीर खींच दी गई है कि पहाड़ पर एक वर्ग के लोग रहते हैं और वैली में एक वर्ग के लोग। गौरव गोगोई ने अटलबिहारी वाजपेयी को कोट करते हुए सरकार को राजधर्म याद दिलाया और मणिपुर की दो महिलाओं के वायरल वीडियो का भी जिक्र किया।‘
प्रधानमंत्री को केवल अपनी छवि से लगाव-
गोगोई ने संसद में कहा कि प्रधानमंत्री को केवल अपनी छवि से लगाव है। उन्हें ड्रग्स की समस्या या दूसरी समस्याओं से मतलब नहीं है। पीएम मोदी के मौन रहने का दूसरा कारण है कि गृह विभाग और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार विफल रहे हैं। पांच हजार से ज्यादा हथियार लोगों के हाथ में हैं। भीड़ थाने में घुसकर हथियार ले गई है, जिसमें इंसास, एके-47 के साथ ही 6 लाख गोलियां लोगों के बीच में हैं। क्या ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा नहीं है? ये गोलियां मणिपुर की पुलिस और निहत्थे लोगों पर चलाई जाएंगी। ये हथियार बस मणिपुर तक सीमित नहीं रहेंगे, भारत के अलग-अलग हिस्सों तक जाएंगे और अशांति फैलाएंगे। दुख की बात है कि मुख्यमंत्री केंद्र सरकार और असम राइफल्स पर निशाना साध रहे हैं। मुख्यमंत्री के घर के विधायक पूछ रहे हैं कि केंद्रीय बल क्या कर रहे हैं, ये हथियार कहां से आए। आज ऐसी स्थिति बन गई है कि मणिपुर पुलिस केंद्रीय बल और केंद्रीय बल मणिपुर पुलिस पर उंगली उठा रहे हैं।
...तब भी नहीं बोले पीएम-
गोगोई ने कहा कि पीएम मोदी के मौन की वजह भूल-कुबूल नहीं करने की नीति है। ये पहली बार नहीं है। कुश्ती में स्वर्ण पदक लाने वाले खिलाड़ी आंदोलन कर रहे थे, किसान आंदोलन, दिल्ली दंगों के समय, अडानी पर राहुल गांधी ने सवाल किया, प्रधानमंत्री तब भी मौन थे।