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Lateral Entry: 'संविधान व आरक्षण को नष्ट कर रहा भाजपा का रामराज्य’, 'लेटरल एंट्री' मुद्दे पर राहुल गांधी का बागी रूप

Lateral Entry Controversy: केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।

Viren Singh
Published on: 19 Aug 2024 2:27 PM IST (Updated on: 19 Aug 2024 2:31 PM IST)
Lateral Entry Controversy
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Lateral Entry Controversy (सोशल मीडिया) 

Lateral Entry Controversy: केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त की जाएगी। नियुक्तियां तो अभी दूर की बात है, लेकिन सरकार के इस फैसले पर राजनीतिक रार अभी से छिड़ गई है। कांग्रेस-इंडिया गठबंधन ‘लेटरल एंट्री’ से होने वाली विशेषज्ञों की भर्ती को संविधान और आरक्षण विरोधी बताते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावार है। अब इस मुद्दे पर लोकसभा नेता प्रतिपक्ष एवं रायबरेली से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी कूद पड़े हैं और इसको ओबीसी, एससी, एसटी आरक्षण के खिलाफ बताते हुए लेकर सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा का रामराज्य संविधान को नष्ट करने में तुला हुआ है।

भाजपा का रामराज्य संविधान को नष्ट करना

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर सोमवार को लैटरल एंट्री के मुद्दे पर एक पोस्ट किया। इस पोस्ट में राहुल गांधी ने कहा कि लेटरल एंट्री दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है।


खुलेआम आरक्षण छीना जा रहा है

इससे मुद्दे पर राहुल गांधी पहले भी पोस्ट किया था। इसमें कहा था कि नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।

देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं

उन्होंने आगे कहा था कि मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।

अखिलेश, मायावती ने भी कड़ी आचोलन

केंद्र सरकार के इस फैसले पर इंडिया गठबंधन सहित बसपा प्रमुख मायावती भी विरोध में उतर आई हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव इस कदम को देश के खिलाफ "बड़ी साजिश" बताया। सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि लेटरल एंट्री पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) से आरक्षण और अधिकार छीनने की योजना है। भाजपा द्वारा यूपीएससी में पिछले दरवाजे से अपने वैचारिक सहयोगियों को उच्च सरकारी पदों पर बिठाने की साजिश के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का समय आ गया है।

जानिए क्यों मचा है बवाल

बता दें कि हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने लेटरल एंट्री के जरिए विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिवों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की। इसके अधिसूचना जारी होती, इसमें बवाल मच गया है। देश के तमाम विरोध दल केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया है।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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