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क्या अब पाटीदार लगाएगें कांग्रेस की नैया पार ?
कुल देवी के चौखट पर मत्था टेकने का मतलब कुल खानदान के बृद्धि विकास की कामना करना। राहुल गांधी को अब धीरे धीरे समझ आने लगा है
अनूप ओझा
लखनऊ: कुल देवी के चौखट पर मत्था टेकने का मतलब कुल खानदान के बृद्धि विकास की कामना करना। राहुल गांधी को अब धीरे धीरे समझ आने लगा है कि भारत में कई ऐसे चौखट हैं जहां माथा टेकने से राजनीति फलती फूलती है। अपने तीन दिवसीय गुजरात के दौरे में राहुल को वहां के शक्तिपीठ अपनी ओर खीचतें रहे। आखिरी दिन राहुल राजकोट में चामुंडा माता मंदिर में दर्शन किए। चामुंडा देवी पाटीदारों की कुल देवी हैं।
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ये कांग्रेस उपाध्यक्ष का फिर एक नया प्रयोग है। गांव गरीब से जुड़ने का भरसक प्रयास वो कर रहें है। असर कितना होगा वो तो चुनाव के नतीजों के आने के बाद पता चलेगा। इसके पहले राहुल गांधी ने यूपी चुनाव में खाट चौपाल का प्रयोग किया था। पर उनका यह प्रयोग बेअसर रहा। इसी तरह वो अपने गुजरात दौरे में बैलगाड़ी की रैली निकाल कर खेत किसान से अपील कर कांग्रेस को उसकी खोई हुई जमीन वापस दिलाने का वादा कर रहें है। राहुल पूरे मूड़ में गरीब किसानों से जुड़ना चाहते है। यह अलग बात है कि देश का किसान उन्हे अपने में मिक्सप नहीं कर रहा है। वोट के लिहाज से गुजरात में पाटीदार तख्ता पलटने में भूमिका निभा सकतें है पर मोदी के गुजरात में यह कितना वास्तविक होगा इसमें संशय है।
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क्या अब पाटीदार लगाएगें कांग्रेस की नैया पार ?
दरअसल मंदसौर जनसंघ के जमाने से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का गढ़ रहा है। अब यह राजनीति के केंद्र में आ गया है और यह पाटीदार बाहुल्य इलाका भी कहा जाता है। सौराष्ट्र पहुंचने पर पटेल आरक्षण आंदोलन के अगुवा रहे हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर उनका स्वागत किया। राहुल के मैनेजरों ने उनको बता दिया है कि सौराष्ट में पटेलों का बर्चस्व है और वो कंग्रेस की हिचकोले खाती नैया को पार को पर लगा सकतें है।
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क्या अब पाटीदार लगाएगें कांग्रेस की नैया पार ?
गुजरात विधान सभा की 182 सीटों में 52 सीटें सौराष्ट के आबोहवा से नियंत्रित होती है। पाटीदारों का परचम वहां लहराता रहता है। पिछले चुनावों के नतीजों का जिताउ संख्या बल बीजेपी इसी इलाके से ले कर आती रही। ये इलाका भाजपा का गढ़ रहा है। केशूभाई पटेल इसी क्षेत्र के समर्थन से मुख्यमंत्री बने। इस समय मोदी सबसे बड़ा चेहरा हैं। पटेल आरक्षण की मांग को भुनाने के लिए नाराज पाटीदारों के बीच राहुल गांधी उनके कुल देवी के जरिए पहुुुंचना चाहतें है। कांग्रेस उपाध्यक्ष को लग गया है कि अबकी बार पाटीदार ही कांग्रेस के असली खेवनहार होगें।