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राहुल गांधी को 20 साल बाद मिली बड़ी जिम्मेदारी, विपक्ष की आवाज बनने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य
Rahul Gandhi News: इंडिया गठबंधन की बैठक में उन्हें विपक्ष के नेता की बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया गया।
Rahul Gandhi News: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी 18वीं लोकसभा में विपक्ष के नेता होंगे। राहुल गांधी ने इस बार केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीटों से जीत हासिल की थी। हालांकि अब उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया है। अब वायनाड सीट से उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा चुनावी मैदान में उतरने वाली है। राहुल गांधी ने जय संविधान का नारा देते हुए मंगलवार को संसद सदस्य के रूप में शपथ ली थी।
इंडिया गठबंधन की बैठक में उन्हें विपक्ष के नेता की बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया गया और कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने इस बाबत प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र भेज कर जानकारी भी दे दी है। राहुल गांधी 2004 से चुनावी राजनीति में सक्रिय हैं मगर 20 साल बाद वे संसद में बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं। राहुल से पहले उनके पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी भी विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
कांग्रेस में संभाल चुके हैं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
अपने 20 साल के राजनीतिक सफर के दौरान राहुल गांधी कांग्रेस में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई प्रभारी से लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष और बाद में अध्यक्ष की भूमिका में उन्होंने काम किया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी के नेता उन्हें पिछले अध्यक्ष के चुनाव के समय एक बार फिर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपना चाहते थे मगर वे इसके लिए तैयार नहीं हुए।
बाद में गांधी परिवार के समर्थन से मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया था। इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की राजनीतिक वापसी के नायक के रूप में उभरे राहुल गांधी को पार्टी की ओर से अब बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया गया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद माना जाता है और अब इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी राहुल गांधी के मजबूत कंधों पर आ गई है।
महत्वपूर्ण नियुक्तियों के लिए पीएम को करना होगा मशविरा
2004 के लोकसभा चुनाव से चुनावी राजनीति में सक्रिय होने वाले राहुल गांधी पहली बार कोई बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले हैं। नेता प्रतिपक्ष को केंद्रीय मंत्री का दर्जा और वेतन मिलता है। इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष को संसद की विभिन्न समितियां में विशेष अधिकार और भूमिका भी मिलती है। नेता प्रतिपक्ष बनने के साथ ही प्रोटोकॉल लिस्ट में राहुल गांधी की स्थिति मजबूत होगी। इसके साथ ही वे भविष्य में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार भी बनाकर उभरेंगे।
विपक्ष के नेता बनने के साथ ही राहुल गांधी लोकपाल, सीबीआई प्रमुख, मुख्य चुनाव आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियों के अलावा केंद्रीय सतर्कता आयोग,केंद्रीय सूचना आयोग और एनएचआरसी प्रमुख के पद पर चयन के महत्वपूर्ण पैनल के सदस्य भी होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पैनल के प्रमुख हैं और उन्हें इन प्रमुख नियुक्तियों के लिए राहुल गांधी से भी चर्चा करनी होगी।
विपक्ष के नेता बनने वाले गांधी परिवार के तीसरे सदस्य
देश के संसदीय इतिहास में यह तीसरा मौका होगा जब गांधी परिवार का कोई सदस्य विपक्ष के नेता की भूमिका निभाएगा। राहुल गांधी से पहले उनके पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी भी विपक्ष के नेता की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 18 दिसंबर 1989 से 24 दिसंबर 1990 तक विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी संभाली थी। राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी ने 13 अक्टूबर 1999 से 6 फरवरी 2004 तक नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली थी। अब देश की राजनीति में राहुल गांधी विपक्ष के नेता की महत्वपूर्ण भूमिका में दिखेंगे।
दो दशक बाद मिली बड़ी जिम्मेदारी
राहुल गांधी ने 2004 में चुनावी राजनीति में पदार्पण किया था और वे पहली बार अमेठी से सांसद चुने गए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें अमेठी सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि वे वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। इस बार के लोकसभा चुनाव में उन्होंने रायबरेली और वायनाड दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था और उन्हें दोनों सीटों पर जीत हासिल हुई।
अब उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया है और इस सीट पर अब उनकी बहन प्रियंका गांधी चुनाव मैदान में उतरने वाली हैं। राहुल गांधी अब रायबरेली से सांसद बने रहेंगे और उत्तर प्रदेश समेत हिंदी बेल्ट में कांग्रेस को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।