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Agneepath Scheme Protest: रेल मंत्री ने संसद को बताया, प्रदर्शन में रेलवे को कितना हुआ नुकसान
Agneepath Scheme Protest: संसद में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध में देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ में रेलवे को 259.44 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
Agneepath Scheme Protest: सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme Protest) का देशभर में कई दिनों तक भारी विरोध हुआ था। कुछ राज्यों में प्रदर्शन काफी हिंसक हो गया था। स्थिति को कंट्रोल करने के लिए इंटरनेट तक ठप करना पड़ा। हिंसक विरोध – प्रदर्शन के दौरान जमकर आगजनी की घटनाएं हुई और प्रदर्शनकारियों का सबसे शिकार रेलवे बनी। बिहार, यूपी और तेलंगानी में कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया, इसके अलावा कई जगहों पर स्टेशनों पर तोड़फोड़ और लूटपाट तक की गई।
रेलवे को 259.44 करोड़ रुपए का नुकसान: अश्विनी वैष्णव
उस उपद्रव में भारतीय रेलवे (Indian Railway) को कितना नुकसान हुआ, इसका खुलासा आज संसद में हुआ है। शुक्रवार को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने एक प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए बताया कि अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के विरोध में देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ में रेलवे को 259.44 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि, ये आंकड़ा केवल संपत्ति के नुकसान का है।
प्रदर्शनों के दौरान रेलवे परिसरों में दो लोगों की मौत और 35 लोग घायल
रेल मंत्री ने बताया कि इस दौरान रद्द हुई ट्रेनों (मालगाड़ी और पैसेंजर) की वजह से भी रेलवे को बहुत नुकसान हुआ है। 14 जून से 22 जून तक ट्रेनें रद्द करने की वजह से 102.96 करोड़ रूपये किराये के रूप में वापस की गई थी। इन विरोध – प्रदर्शनों के दौरान रेलवे परिसरों में दो लोगों की मौत और 35 लोग घायल भी हुए। रेलवे परिसरों में हुई हिंसा और आगजनी को लेकर देशभर में 2,642 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
आंदोलनों के कारण रेलवे को होता है बड़ा नुकसान
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने सदन में बताया कि हड़ताल और आंदोलनों की वजह से रेलवे को 2019 से अब तक 1376 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। रेलवे को 2019-20 में 151 करोड़ रूपये 2020-21 में 904 करोड़ और 2021-22 में 62 करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के सिलसिले में दर्ज मामलों की संख्या 2019 में 95, 2020 में 30 और 2021 में 34 रही। रेल मंत्री ने बताया कि अग्निपथ योजना के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के दौरान रेलवे को सबसे अधिक नुकसान बिहार और तेलंगाना में हुआ था।