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हमारी लाइफ लाइन रेलवे: अब तक हुए हैं 39 मंत्री, प्रधानमंत्रियों ने भी संभाला है ये पद

Railway Ministry: रेलवे हमेशा से एक महत्वपूर्ण महकमा रहा है और इस महकमे के मुखिया यानी रेल मंत्री से बहुत उम्मीदें लगीं रहती हैं। इस बार भले ही नई एनडीए सरकार में रेल मंत्री के तौर पर अश्विनी वैष्णव को रिपीट किया गया है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 14 Jun 2024 5:35 PM GMT
Our Life Line Railway: There have been 39 ministers till now, Prime Ministers have also held this post
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हमारी लाइफ लाइन रेलवे: अब तक हुए हैं 39 मंत्री, प्रधानमंत्रियों ने भी संभाला है ये पद: Photo- Social Media

Railway Ministry: रेलवे भारत की लाइफ लाइन है जिससे रोजाना लाखों लोग यात्रा करते हैं, जिससे लाखों लोगों की रोजी रोटी जुड़ी है और जिस पर करोड़ों लोगों की जिंदगी टिकी हुई है। रेलवे सिर्फ लोगों को ही नहीं बल्कि जिंदगियों के लिए जरूरी चीजों पहुंचाने का साधन भी है। रेलवे हमेशा से एक महत्वपूर्ण महकमा रहा है और इस महकमे के मुखिया यानी रेल मंत्री से बहुत उम्मीदें लगीं रहती हैं। इस बार भले ही नई एनडीए सरकार में रेल मंत्री के तौर पर अश्विनी वैष्णव को रिपीट किया गया है लेकिन उनसे आम जन को बहुत आस लगी हुई है कि उसके सफर को आरामदायक बना दिया जाए। रेलवे को देखने के लिए अब तक कुल 39 मंत्री हुए हैं।

पहले मंत्री

रेल मंत्री का पद पहली बार 1947 में स्वतंत्रता के बाद परिवहन मंत्री के रूप में अस्तित्व में आया। जॉन मथाई ने 1947 से 1948 तक पहले परिवहन मंत्री के रूप में कार्य किया। 22 सितंबर 1948 को मंत्रालय का नाम बदलकर "रेल और परिवहन मंत्रालय" कर दिया गया और एन. गोपालस्वामी अयंगर को इस मंत्रालय का पहला मंत्री नियुक्त किया गया।

रेल मंत्रालय का बदलता अस्तित्व

- 17 अप्रैल 1957 को मंत्रालय का नाम बदलकर "रेल मंत्रालय" कर दिया गया और जगजीवन राम आधिकारिक रूप से रेल मंत्री का पद धारण करने वाले पहले व्यक्ति बन गए।

- 25 सितंबर 1985 को रेल मंत्रालय को शिपिंग और परिवहन मंत्रालय और नागरिक उड्डयन विभाग के साथ मिला दिया गया ताकि परिवहन के लिए जिम्मेदार एक आम मंत्रालय बनाया जा सके और इसका नाम भूतल परिवहन मंत्रालय रखा गया। बंसी लाल विलय से पहले रेल मंत्री थे और बाद में भूतल परिवहन मंत्री भी बने रहे। - 22 अक्टूबर 1986 को रेल मंत्रालय को भूतल परिवहन मंत्रालय से अलग कर दिया गया और तबसे ये एक स्वतंत्र मंत्रालय बना हुआ है।

परिवहन मंत्रालय

- जॉन मथाई (मद्रास) : 15 अगस्त 47 से 22 सितंबर 1948 (एक वर्ष 38 दिन)

परिवहन एवं रेलवे मंत्रालय

- इन गोपालासामी आयंगर (मद्रास से सांसद) : 22 सितंबर 48 से 13 मई 1952 (तीन वर्ष 234 दिन)

- लाल बहादुर शास्त्री (यूपी से राज्यसभा सांसद) : 13 मई 52 से 7 दिसम्बर 56 (4 वर्ष 208 दिन)

- जगजीवन राम (बिहार से सांसद) : 7 दिसंबर 56 से 17 अप्रैल 57 (131 दिन)

रेल मंत्रालय

- जगजीवन राम : 17 अप्रैल 57 से 10 अप्रैल 62 (4 वर्ष 358 दिन)

- स्वर्ण सिंह (पंजाब से सांसद) : 10 अप्रैल 62 से 1 सितंबर 1963 (1 वर्ष 144 दिन) (1 वर्ष 144 दिन)

- एचसी दासप्पा (कर्णाटक से सांसद) : 1 सितम्बर 63 से 9 जून 64 (282 दिन)

- एसके पाटील (मुम्बई से सांसद) : 9 जून 64 से 13 मार्च 67 (दो वर्ष 277 दिन)

- सीएम पूनाचा (कर्नाटक से सांसद) : 13 मार्च 67 से 14 फरवरी 69 (एक वर्ष 338 दिन)

- राम सुभग सिंह (बिहार से सांसद) : 14 फरवरी 69 से 4 नवम्बर 69 (263 दिन)

- पी गोविंद मेनन (केरल से सांसद) : 4 नवम्बर 69 से 18 फरवरी 70 (106 दिन)

- गुलजारी लाल नन्दा (हरियाणा से सांसद) : 18 फरवरी 70 से 18 मार्च 71 (एक साल 28 दिन)

- केंगल हनुमंतैया (कर्नाटक से सांसद) : 18 मार्च 71 से 22 जुलाई 72 (एक वर्ष 126 दिन)

- टीए पई (कर्नाटक से राज्यसभा सांसद) : 22 जुलाई 1972 से 5 फरवरी 73 (198 दिन)

- ललित नारायण मिश्र (बिहार से सांसद) : 5 फरवरी 73 से 3 जनवरी 75 (एक वर्ष 332 दिन)

- कमलापति त्रिपाठी (यूपी से राज्यसभा सांसद) : 10 फरवरी 75 – 23 मार्च 77 (2 वर्ष 41 दिन)

- मधु दंडवते (महाराष्ट्र से सांसद) : 26 मार्च 77 से 28 जुलाई 79 (2 वर्ष 124 दिन)

- टीए पई (कर्नाटक से सांसद) : 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 80 (170 दिन)

- कमलापति त्रिपाठी (यूपी से राज्यसभा सांसद) : 14 जनवरी 80 – 12 नवम्बर 80 (303 दिन)

- केदार पाण्डेय (बिहार से सांसद) : 12 नवम्बर 80 – 15 जनवरी 82 (एक वर्ष 64 दिन)

- प्रकाश चन्द्र सेठी (मध्य प्रदेश से सांसद) : 15 जनवरी 82 – 2 सितम्बर 82 (230 दिन)

- एबीए गनी खान चौधरी (बंगाल से सांसद) : 2 सितम्बर 82 – 31 दिसंबर 84 (दो साल 116 दिन)

- बंसी लाल (हरियाणा से सांसद) : 31 दिसंबर 84 – 25 सितम्बर 85 (268 दिन)

परिवहन मंत्रालय

- बंसी लाल : 25 सितम्बर 85 – 4 जून 86 (252 दिन)

- राजीव गाँधी (यूपी से सांसद) : 4 जून 86 – 24 जून 86 (20 दिन)

- मोहसिना किदवई (यूपी से सांसद) : 24 जून 86 – 22 अक्तूबर 86 (120 दिन)

रेलवे मंत्रालय

- माधव राव सिंधिया (मध्य प्रदेश से सांसद) : 22 अक्टूबर 86 – 2 दिसंबर 89 (3 वर्ष 41 दिन)

- जॉर्ज फर्नांडिस (बिहार से सांसद) : 6 दिसंबर 89 – 10 नवम्बर 90 (339 दिन)

- जनेश्वर मिश्र (यूपी से सांसद) : 21 नवम्बर – 21 जून 91 (212 दिन)

- सीके जाफर शरीफ (कर्नाटक से सांसद) : 21 जून 91 – 17 अगस्त 95 (4 वर्ष 57 दिन)

- पीवी नरसिम्हा राव (आंध्र से सांसद) : 18 अगस्त – 16 मई 96 (272 दिन)

- अटल बिहारी वाजपेयी (यूपी से सांसद) : 16 मई 96 – 1 जून 96 (16 दिन)

- राम विलास पासवान (बिहार से सांसद) : 1 जून 96 – 19 मार्च 98 ( 1 वर्ष 291 दिन)

- नीतीश कुमार (बिहार से सांसद) : 19 मार्च 98 – 5 अगस्त 99 (1 साल 139 दिन)

- राम नाइक (महाराष्ट्र से सांसद) : 6 अगस्त 99 – 13 अक्टूबर 99 (161 दिन)

- ममता बनर्जी (बंगाल से सांसद) : 13 अक्टूबर 99 – 16 मार्च 2001 (1 वर्ष 154 दिन)

- अटल बिहारी वाजपेयी (यूपी से सांसद) : 16 मार्च 2001 – 20 मार्च 2001 (16 दिन)

- नीतीश कुमार (बिहार से सांसद) : 20 मार्च 2001 – 22 मई 2004 (3 वर्ष 63 दिन)

- लालू प्रसाद यादव (बिहार से सांसद) : 23 मई 2004 – 22 मई 2009 (4 वर्ष 364 दिन)

- ममता बनर्जी (बंगाल से सांसद) : 23 मई 2009 – 19 मई 11 (1 साल 361 दिन)

- मनमोहन सिंह (असम से राज्यसभा सांसद) : 19 मई 11 – 12 जुलाई 11 (54 दिन)

- दिनेश त्रिवेदी (बंगाल से सांसद) : 12 जुलाई 11 – 19 मार्च 12 (251 दिन)

- मुकुल रॉय (बंगाल से राज्यसभा सांसद) : 20 मार्च 12 – 22 सितम्बर 12 (186 दिन)

- सीपी जोशी (राजस्थान से सांसद) : 22 सितम्बर 12 – 28 अक्टूबर 12 (36 दिन)

- पवन कुमार बंसल (चंडीगढ़ से सांसद) : 28 अक्टूबर – 11 मई 13 (195 दिन)

- सीपी जोशी : 11 मई 13 – 15 जून 13 (35 दिन)

- मनमोहन सिंह : 15 जून 13 – 17 जून 13 (दो दिन)

- मल्लिकार्जुन खड्गे (कर्नाटक से सांसद) : 17 जून 13 – 26 मई 26 (343 दिन)

- डीवी सदानंद गौड़ा (कर्नाटक से सांसद) : 27 मई 14 – 9 नवम्बर 14 (166 दिन)

- सुरेश प्रभु (हरियाणा और बाद में आंध्र से राज्यसभा सांसद) : 9 नवम्बर – 3 सितम्बर 17 (दो साल 359 दिन)

- पियूष गोयल (महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद) : 3 सितम्बर 17 – 7 जुलाई 21 (3 साल 307 दिन)

- अश्विनी वैष्णव (ओडिशा से राज्यसभा सांसद) : 7 जुलाई 21 से अब तक

Shashi kant gautam

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