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Railway Track Blast Case: उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक ब्लास्ट केस में पुलिस का ऐक्शन, UAPA के तहत दर्ज किया मामला

Railway Track Blast Case: धमाके के कारण क्षतिग्रस्त हुए रेलवे ट्रैक को मरम्मत के बाद सोमवार से उदयपुर – अहमदाबाद रेलखंड पर यातायात बहाल कर दी गई है।

Krishna Chaudhary
Published on: 14 Nov 2022 4:24 AM GMT
Railway Track Blast Case
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अहमदाबाद रेलवे ट्रैक ब्लास्ट केस (photo: social media ) 

Railway Track Blast Case: उदयपुर – अहमदाबाद रेलवे ट्रैक ब्लास्ट की घटना को राजस्थान पुलिस ने एक आतंकी वारदात माना है। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात अपराधियों के विरूद्ध गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत केस दर्ज किया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने यूएपीए एक्ट की धारा-16 और धारा -18 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, धमाके के कारण क्षतिग्रस्त हुए रेलवे ट्रैक को मरम्मत के बाद सोमवार से उदयपुर – अहमदाबाद रेलखंड पर यातायात बहाल कर दी गई है।

मालूम हो कि शनिवार रात को उदयपुर – अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर बने ओडा रेलवे पुल पर जोरदार ब्लास्ट हुआ था। धमाके की आवाज इतनी भयंकर थी कि आसपास के गांव के लोग सहम उठे थे। ब्लास्ट से रेलवे ट्रैक में दरार आ गई थी। ट्रैक को डेटोनेटर के जरिए निशाना बनाया गया था। अपराधियों की साजिश पुल को उड़ाने और रेलवे ट्रैक को बर्बाद करने की थी। इस रेलखंड का 31 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था।

अब तक की जांच में क्या आया सामने

धमाके की जांच राजस्थान एटीएस, एनआईए और रेल पुलिस कर रही है। अब तक के जांच के मुताबिक, रेलवे ट्रैक को उड़ाने के लिए 90 कैटेगरी के विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ब्लास्ट के लिए जिस विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है, वो एक मजबूत, हाई स्ट्रेंथ और खतरनाक डेटोनेटर है। इस विस्फोटक का इस्तेमाल नोएडा स्थित ट्विन टॉवर को जमींदोज करने में किया गया था।

स्थानीय लोगों की सतर्कता से टला बड़ा हादसा

रेलवे पुल पर धमाका शनिवार रात करीब 10 बजे के आसपास हुआ। विस्फोट की आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, घर के बर्तन तक हिलने लगे थे। इसके बाद गांव के कुछ युवक घटनास्थल पर पहुंचे और ट्रैक को क्षतिग्रस्त देख इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन और रेलवे को दी। साथ ही उन्होंने रेलवे ट्रैक पर एक लाल कपड़ा भी बांध दिया। इस तरह गांव वालों की सजगता से एक बड़ा हादसा टल गया। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि घटना से महज कुछ घंटे पहले असरवा-उदयपुर एक्सप्रेस ट्रेन गुजरी थी, जिसमें करीब 650 लोग सवार थे।

शक की सुई इन पर !

शनिवार रात हुई धमाके की खबर जब रविवार सुबह को पता चली तो पूरा राजस्थान हिल गया। रेलवे से लेकर सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जयपुर और दिल्ली से वरीय अधिकारियों का जत्था घटनास्थल की ओर रवाना हो गया। इस घटना को लेकर शक की सुई दो तरह के लोगों की तरफ है। सूत्रों के मुताबिक, शक के दायरे में पहले नंबर पर इस इलाके में सक्रिय कट्टरपंथी आदिवासी हैं, जो अलग आदिवासी राज्य की मांग कर रहे हैं। वहीं, दूसरे नंबर पर ऐसे लोग हैं, जो पीएफआई को बैन करने से नाराज चल रहे हैं। हालांकि, ये सिर्फ कयासबाजी है, पुलिस के पास अभी तक इनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं। रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियां जल्द आरोपियों तक पहुंचेगी।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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