Railway News: अब सुधि आई, रेलवे जनरल और स्लीपर कोच का प्रोडक्शन बढ़ाएगा

Railway News: रेलवे का अभी तक इरादा था कि लंबी दूरी की ट्रेनों से स्लीपर और सामान्य श्रेणी के डिब्बों को चरणबद्ध तरीके से हटाकर ज्यादा थर्ड एसी के डिब्बों का उत्पादन करने का था।

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Published on: 1 July 2024 2:26 PM GMT (Updated on: 1 July 2024 2:38 PM GMT)
Railway News ( Social- Media- photo)
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Railway News ( Social- Media- photo)

Railway News: देशभर की ट्रेनों में रिजर्वेशन वाले डिब्बों की हालत अचानक बहुत खराब हो चली है। खासकर एसी डिब्बों में बिना टिकट या बिना रिज़र्वेशन वाले यात्रियों की भरमार होने लगी है।जनरल श्रेणी के यात्रियों द्वारा एसी आरक्षित डिब्बों में कब्जा करने की बार-बार की घटनाओं के चलते रेलवे ने अब जनरल/सेकंड क्लास के डिब्बों का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है। रेलवे का अभी तक इरादा था कि लंबी दूरी की ट्रेनों से स्लीपर और सामान्य श्रेणी के डिब्बों को चरणबद्ध तरीके से हटाकर ज्यादा थर्ड एसी के डिब्बों का उत्पादन करने का था। अब बदली हुई योजना के तहत वर्ष 2024-25 के लिए उत्पादित किए जाने वाले 6,325 एलएचबी डिब्बों में से 4,075 डिब्बे स्लीपर और सामान्य श्रेणी के होंगे।

नया प्लान

रेलवे बोर्ड द्वारा 27 जून को जारी संशोधित योजना के अनुसार, 2024-25 के लिए जनरल श्रेणी या सेकंड क्लास के डिब्बों की संख्या 1,171 से बढ़ाकर 2,000 की जाएगी। इन डिब्बों का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (चेन्नई), रेल कोच फैक्ट्री (कपूरथला) और मॉडर्न कोच फैक्ट्री (रायबरेली) द्वारा किया जाएगा। अकेले आईसीएफ 440 कोच बनाएगी। रेलवे ने इस साल 1,030 स्लीपर कोच बनाने का भी फैसला किया है। गौरतलब है कि 2023-24 के दौरान रेलवे ने 438 सामान्य श्रेणी/द्वितीय श्रेणी के डिब्बे और 704 स्लीपर कोच बनाने का प्रस्ताव रखा है।

इसके अलावा, लंबी दूरी के मार्गों पर गैर-एसी यात्रियों के लिए बनाई गई प्रमुख ट्रेन अमृत भारत एक्सप्रेस के लिए सामान्य डिब्बों की संख्या 440 से बढ़कर 605 हो जाएगी। इन उत्पादन इकाइयों द्वारा कुल 55 अमृत भारत रेक का उत्पादन किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक में सामान्य श्रेणी के डिब्बों की संख्या अधिक होगी। वर्तमान में, मालदा-एसएमवीटी बेंगलुरु और दरभंगा-आनंद विहार सेक्शन पर अमृत भारत के दो रेक चालू हैं।

ये वजह गिनाई

हाल के वर्षों में उत्तरी और पूर्वोत्तर राज्यों से तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में कामगारों के बड़े पैमाने पर प्रवास के कारण जनरल डिब्बों की मांग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इन तीन दक्षिणी राज्यों से शालीमार (हावड़ा), गुवाहाटी, सिलचर, पटना, बोकारो, लखनऊ, मुजफ्फरपुर और धनपुर जैसे गंतव्यों के लिए ट्रेनें अक्सर यात्रियों से भरी होती हैं, और स्लीपर श्रेणी के डिब्बों में पूरी यात्रा के दौरान अनधिकृत यात्री बैठे रहते हैं। वैसे असलियत ये है कि ढेरों ट्रेनों में जनरल और स्लीपर के डिब्बे काफी कम कर दिए गए हैं। रेलवे ने न ही इसे स्वीकार किया है न इसका कारण बताया है। जब जनरल और स्लीपर डिब्बे हैं नहीं तो यात्री एसी डिब्बों में कब्जा जमा लेते हैं। इन मंजर की अनेकों फोटो सोशल मीडिया पर आए दिन देखने को मिलती हैं। रेलवे ने अभी भी लम्बी दूरी की ट्रेनों में स्लीपर और जनरल डिब्बे बढ़ाने की घोषणा नहीं की है।

ये कदम उठाए

रेलवे अधिकारियों ने बस इतना ही माना है कि त्योहारों के दौरान यात्रियों की डिमांड बढ़ जाती है और इसे सुलझाने के लिए कदम उठाने की बात की जा रही है। सुलझाने के कदम के तहत रिजर्व डिब्बों से अनधिकृत यात्रियों को बाहर निकालने के लिए विशेष अभियान चलाए जाने का दावा किया जा रहा है।इस बीच, रेलवे ने एसी इकॉनमी 3-टियर कोच का उत्पादन फिर से शुरू करने का फैसला किया है, जिसे इस साल बंद करने का प्रस्ताव है। मूल रूप से, 2024-25 के लिए 787 थर्ड एसी कोच की योजना बनाई गई थी। आधिकारिक आदेश के अनुसार, संशोधन के बाद, कुल 300 एसी इकॉनमी 3-टियर और 460 नियमित एसी 3-टियर कोच का उत्पादन किया जाएगा।

Shalini singh

Shalini singh

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