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Rain This Year In August: इस अगस्त ने देखी 100 साल में सबसे कम बारिश

Rain This Year In August: इस अगस्त में भारत ने 100 वर्षों में सबसे कम बारिश देखी है। भारत में इस महीने में आमतौर पर होने वाली बारिश की तुलना में 36 फीसदी कम बारिश हुई।

Neel Mani Lal
Published on: 2 Sep 2023 5:51 PM GMT
Rain This Year In August: इस अगस्त ने देखी 100 साल में सबसे कम बारिश
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इस अगस्त ने देखी 100 साल में सबसे कम बारिश : Photo- Social Media

Rain This Year In August: इस अगस्त में भारत ने 100 वर्षों में सबसे कम बारिश देखी है। भारत में इस महीने में आमतौर पर होने वाली बारिश की तुलना में 36 फीसदी कम बारिश हुई। चार मानसून महीनों में से आमतौर पर जुलाई के 28 सेमी के बाद अगस्त में सबसे अधिक वर्षा (25.4 सेमी) होती है।

असर अल नीनो का

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के अनुसार, अल नीनो के मजबूत होने और अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों में प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण, पूर्वोत्तर भारत, हिमालयी राज्यों और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों को छोड़कर, भारत के अधिकांश हिस्सों में अगस्त में वर्षा में उल्लेखनीय कमी आई है। ।अल नीनो मध्य प्रशांत क्षेत्र के गर्म होने को कहते हैं, जिसका मतलब आमतौर पर भारत में कम मानसूनी वर्षा होती है।

पिछली बार भारत ने अगस्त में वर्षा में इतनी गंभीर कमी 2005 में दर्ज की थी, जब सामान्य से लगभग 25 फीसदी कम वर्षा हुई थी। 2009 में भारत ने आधी सदी में अपना सबसे बड़ा सूखा देखा था।जून-अगस्त में वर्षा निर्धारित मात्रा से 24 फीसदी कम थी।

अगस्त में बारिश के कारण कुल मिलाकर राष्ट्रीय डेफिसिट 10 फीसदी हो गया है, जबकि क्षेत्रीय घाटा पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत में 17 फीसदी मध्य भारत में 10 फीसदी और दक्षिणी भारत में 17 फीसदी है।

आईएमडी ने 31 जुलाई को संकेत दिया था कि अगस्त में बारिश "सामान्य से कम" होगी। लेकिन उसके मौसम मॉडल ने यह संकेत नहीं दिया था कि बरसात में कमी उतनी तेज होगी जितनी अनुभव की गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार,चार मानसून महीनों में से आखिरी महीने सितंबर में मानसून की वर्षा सामान्य 16.7 सेमी की 10 फीसदी विंडो के भीतर होने की संभावना है। हिंद महासागर में अनुकूल परिस्थितियों और बंगाल की खाड़ी में दो बारिश वाले कम दबाव वाले क्षेत्रों के कारण सामान्य बारिश की उचित संभावना है। लेकिन अतिरिक्त बारिश होना काफी मुश्किल है।

वैज्ञानिक इन हालातों के लिए क्लाइमेट चेंज को भी जिम्मेदार ठहराते हैं, जिसे बनाने में इंसानों का भी हाथ है।

Neel Mani Lal

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