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Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द, नए चेहरों को मिल सकता है अधिक मौका, जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने पर जोर
Rajasthan Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान के नए मंत्रिमंडल में भी नए चेहरों को ज्यादा मौका दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
Rajasthan Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब सबकी निगाहें राजस्थान में भजनलाल मंत्रिमंडल के विस्तार पर लगी हुई हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि एक-दो दिनों के भीतर राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान के नए मंत्रिमंडल में भी नए चेहरों को ज्यादा मौका दिए जाने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि इसके साथ ही अनुभवी नेताओं को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि भजनलाल मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने पर जोर दिया जाएगा। दरअसल लोकसभा चुनाव नजदीक होने के कारण पार्टी मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए चुनावी समीकरण साधने की कोशिश में भी जुटी हुई है। पार्टी के लिए कमजोर माने जाने वाले इलाकों के चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल करके पार्टी की सियासी स्थिति मजबूत बनाने की कोशिश की जा सकती है।
पहले चरण में 20 मंत्री बनने की संभावना
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे अन्य राज्यों के साथ 3 दिसंबर को घोषित किए गए थे। राज्य में कई दिनों की मशक्कत के बाद मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा की ताजपोशी हुई थी जबकि डिप्टी सीएम के रूप में दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को शपथ दिलाई गई थी। तीनों को शपथ लिए हुए कई दिन बीत चुके हैं मगर अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है जिसका बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।
राजस्थान में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम समेत तीन स्थान पहले ही भरे जा चुके हैं। ऐसे में अब अधिकतम 27 मंत्रियों का कोटा बचा हुआ है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पहले चरण में 20 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है। इनमें से 10 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री हो सकते हैं। बाकी बची हुई जगहों को लोकसभा चुनाव के बाद भरा जा सकता है।
नए चेहरों को मिलेगा अधिक मौका
राजस्थान मंत्रिमंडल में अधिकांश नए चेहरों को मौका दिए जाने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक ऐसे चेहरे मंत्री बनने में कामयाब हो सकते हैं जिन्हें अभी तक कभी मंत्री बनने का मौका नहीं मिला। हालांकि कुछ अनुभवी लोगों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना बनी हुई है।
मध्य प्रदेश में भी भाजपा ने इसी तरह का प्रयोग किया है और अनुभवी लोगों के साथ नए चेहरों को भी मौका दिया है। इस कारण पहली बार विधायक बनने वाले भी मंत्री बनने में कामयाब हुए हैं।
जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने पर जोर
मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए समीकरण साधने का भी प्रयास करेगी। इसलिए जातीय और क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे इलाकों के लोगों को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है जहां विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा है। इसके जरिए उसे क्षेत्र में भाजपा को मजबूत बनाने की कवायद की जाएगी।
राजस्थान में भाजपा ने ब्राह्मण चेहरे भजन लाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया है। डिप्टी सीएम दीया कुमारी का संबंध जयपुर के राजघराने से है जबकि दूसरे डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा दलित बिरादरी से जुड़े हुए हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा अन्य सभी जातियों के चेहरों को मंत्री बनाकर जातीय समीकरण साधने की कोशिश करेगी। खास तौर पर जाट, गुर्जर और वैश्य बिरादरी के लोगों को ज्यादा मौका मिल सकता है।
राज्य के नए गृहमंत्री के रूप में किरोड़ीलाल मीणा और पूर्व सांसद बाबा बालकनाथ के नाम चर्चाओं में हैं। माना जा रहा है कि हिंदूवादी छवि वाले नेता को बड़ी जिम्मेदारी देखकर पार्टी अपने एजेंडे को और मजबूत बनाने की कोशिश कर सकती है।