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होशियार वसुंधरा! राम रहीम का अगला केस जयपुर में, फिर न कहना बताया नहीं
नई दिल्ली : 7 सितंबर! ये तारीख राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के लिए कयामत के दिन से कम नहीं होने वाली है। पंचकूला में जो कुछ भी हुआ अगर सीएम ने उससे सबक नहीं लिया तो, जयपुर भी ठीक ऐसे ही जलेगा। आखिर बाबा राम रहीम के समर्थक तो अपने बाबे के बारे में इतना तो जानते ही हैं, कि अगर खम्बे के भी साड़ी लपेट दी जाए तो उनका मन डोलने लगता है। इसी लिए वो मीठे में कुछ लेकर पंचकूला नहीं आए, बल्कि लाठी डंडों से लैस हो कर आए थे। तो सीएम साहिबा हाथ जोड़ कर निवेदन है, कि खट्टर साहेब वाली गलती आप मत करना। वर्ना कई बेचारे समय से पहले ही ईश्वर के दरबार में हाजरी देने लाइन लगा लेंगे।
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फिलहाल फ्री की सलाह बहुत हो गयी है। अब बताते हैं, इस रसिक रंगीले बाबा के इस वाले कांड के बारे में-
जयपुर के जगतपुरा में रहने वाले कमलेश रैगर इस राम रहीम के पक्के वाले भगत थे, तो अपनी पत्नी गुड्डी और बच्चों के साथ 24 मार्च 2015 को ‘डेरा सच्चा सौदा’ गए थे बाबा के दर्शन करने। वहां 5 दिन तक तो उनकी पत्नी उनके साथ थी, लेकिन 29 मार्च को बाबा का एक सेवादार आया और उसने कमलेश से कहा कि आपकी पत्नी को गुरुजी की सेवा में बुलाया गया है।
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अब पति-पत्नी तो बाबा के बड़े वाले भक्त थे, तो उन्होंने पत्नी गुड्डी को उस सेवादार के साथ भेज दिया। काफी देर तक जब पत्नी वापस नहीं लौटी तो कमलेश बेचैन हो गए। वो पत्नी को लेने गए तो उनसे कहा गया गुरुजी अभी ध्यान में हैं, और गुड्डी को उनकी सेवा का बड़ा मौका हाथ लगा है, गुड्डी जब भी सेवा से उठेगी वो आपके पास लौट आयेगी।
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कमलेश के मुताबिक उन्होंने कई दिनों तक गुड्डी का इंतजार किया, लेकिन वो वापस नहीं आई। जब उन्होंने डेरे में इस बारे में बात की तो उनसे कहा गया कि हंगामा मत करो। इसके बाद कमलेश के सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने 5 मई 2015 को सीजेएम कोर्ट, जयपुर को पूरी घटना का ब्यौरा दिया। जिसमें आरोप लगाया कि गुरमीत राम रहीम ने उनकी बीवी को बंधक बना लिया है।
कोर्ट ने मामले की गंभीरता देखते हुए 7 मई को जवाहर नगर थाने को इस मामले में केस दर्ज कर जाँच का आदेश दिया।
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तत्कालीन एसीपी शीला फोगावट ने मामले की जाँच कर अपनी रिपोर्ट में लिखा कि बाबा गुरमीत राम रहीम के खिलाफ रेप, हत्या के मामले हैं। उसके बाद भी जवाहर नगर पुलिस ने इस मामले में कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
इसके बाद कमलेश ने कोर्ट में प्रोटेस्ट पिटीशन दायर की। जिसकी गवाही 7 सितंबर को होनी है, जिसमें कमलेश और अन्य को हाजिर होना है।