TRENDING TAGS :
Rajasthan ED Raid: पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे से जुड़े ठिकानों पर ईडी की रेड, मनी लॉन्ड्रिंग का है मामला
Rajasthan ED Raid: चुनाव खत्म हो गए और कांग्रेस की सरकार भी चली गई लेकिन इसके बावजूद वैभव गहलोत प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर बने हुए हैं।
Rajasthan ED Raid: विधानसभा चुनाव के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था। जिसको लेकर उस दौरान भारी सियासी बवाल हुआ था। कांग्रेस ने तब भारतीय जनता पार्टी पर चुनाव लाभ के लिए केंद्रीय एजेंसी का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया था। चुनाव खत्म हो गए और कांग्रेस की सरकार भी चली गई लेकिन इसके बावजूद वैभव गहलोत प्रवर्तन निदेशालय के निशाने पर बने हुए हैं। बुधवार को उनसे जुड़े ठिकानों पर ईडी की टीम ने ताबड़तोड़ छापेमारी की है।
किस मामले में ईडी के निशाने पर हैं वैभव ?
कुछ माह पूर्व प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान टूरिज्म से जुड़े समूह ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नामक मुंबई स्थित फर्म के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में छापे मारे थे। उस दौरान विदेश मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) 1999 के तहत दिल्ली, जयपुर, मुंबई और उदयपुर में विभिन्न स्थानों की तलाशी ली गई थी। इस फर्म के निदेशक रतनकांत शर्मा हैं, जिन्होंने राजस्थान सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत की एक कंपनी में निवेश किया था।
ईडी में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत राजस्थान की नई भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने की थी। हालांकि, वैभव गहलोत अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि 12 साल पुराने मामले का कई बार जवाब दिया जा चुका है, इसके बावजूद जानबूझकर राजनीतिक वजहों से उन्हें टारगेट किया जा रहा है।
जोधपुर से फिर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं जूनियर गहलोत
वैभव गहलोत अपने पिता के राजनीतिक कद की वजह से हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जोधपुर से चुनाव लड़ा था लेकिन मौजूदा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के हाथों उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो एकबार फिर जोधपुर से आगामी आम चुनाव में वैभव गहलोत मैदान में उतर सकते हैं। वैभव गहलोत लगातार दूसरी बार राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने हैं। राजस्थान की राजनीति में सियासी भूचाल लाने वाले चर्चित लाल डायरी प्रकरण में उनका भी नाम उछला था।