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Rajasthan New CM: एमपी-छत्तीसगढ़ के बाद राजस्थान में भी आ सकता है चौंकाने वाला नाम, CM पद के दावेदारों की उड़ी नींद
Rajasthan New CM: अब राजस्थान में भाजपा की ओर से सामान्य वर्ग से जुड़े किसी चेहरे की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी की जा सकती है। किसी महिला को भी मुख्यमंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
Rajasthan New CM: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद अब राजस्थान में भी मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा की ओर से चौंकाने वाला फैसला लिए जाने की संभावना है। माना जा रहा है कि भाजपा राजस्थान में भी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की जगह किसी नए चेहरे पर मुहर लगाएगी। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के पैटर्न ने राजस्थान के दिग्गज नेताओं की नींद उड़ा दी है। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने आदिवासी चेहरे और मध्य प्रदेश में ओबीसी चेहरे पर दांव लगाया है। ऐसे में अब राजस्थान में भाजपा की ओर से सामान्य वर्ग से जुड़े किसी चेहरे की मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी की जा सकती है। किसी महिला को भी मुख्यमंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चौंकाने वाले फैसले के बाद अब राजस्थान में वसुंधरा राजे की फिर ताजपोशी की संभावना काफी कम हो गई है। वसुंधरा की ओर से पहले ही दबाव की राजनीति किए जाने के कारण हाईकमान नाराज चल रहा है। वसुंधरा के साथ ही ऐसे नेताओं को भी मुख्यमंत्री पद मिलने की संभावना काफी कम हो गई है जिनके नाम अभी तक मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल बताए जा रहे हैं। राजस्थान में भाजपा विधायक दल की बैठक आज होने वाली है और इस बैठक पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।
भाजपा ने पीएम मोदी के चेहरे पर जीता चुनाव
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाजपा इस बार बिना किसी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किए चुनावी अखाड़े में उतरी थी। वसुंधरा समर्थकों की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने की मांग की जा रही थी मगर भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा है। यही कारण हि कि राजस्थान में भाजपा की चुनावी जीत में पीएम मोदी की सबसे बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को घोषित किए गए थे और तभी से मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। हालांकि वसुंधरा ने भाजपा की चुनावी जीत के बाद ही अपनी सक्रियता बढ़ा दी थी। चुनाव नतीजे की घोषणा के बाद वे लगातार विधायकों से मुलाकात करती रही हैं। इस बीच उन्होंने दिल्ली की यात्रा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से भी मुलाकात की थी।
वसुंधरा ने चली नई चाल
इस बीच जानकार सूत्रों का कहना है कि वसुंधरा ने पार्टी अध्यक्ष नड्डा से टेलीफोन पर बातचीत करके एक साल तक मुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से कहा है कि एक साल बाद वे खुद मुख्यमंत्री पर छोड़ देंगी।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व की ओर से वसुंधरा को विधानसभा का स्पीकर बनाने का प्रस्ताव दिया गया है मगर वे इसके लिए तैयार नहीं है। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। राजस्थान में वसुंधरा की सीएम पद को लेकर जारी जिद पार्टी हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बनकर उभरी है।
राजस्थान में वसुंधरा राजे को 2003 से ही भाजपा का चेहरा माना जाता रहा है। 2003 से 2018 तक के हर चुनाव में वसुंधरा भाजपा का चेहरा रही हैं मगर इस बार भाजपा ने उन्हें चेहरा न बनाकर राज्य में बड़े बदलाव का संकेत पहले ही दे दिया था। भाजपा की ओर से पहले चेहरा न घोषित करने के इस कदम को नया चेहरा लाने का बड़ा संकेत माना जा रहा है।
आज होगी भाजपा विधायक दल की बैठक
राजस्थान में भाजपा विधायक दल की बैठक पहले सोमवार को होने वाली थी मगर बाद में इसे मंगलवार तक के लिए टाल दिया गया। राजस्थान में भाजपा हाईकमान की ओर से केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे को केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाया गया है।
भाजपा विधायक दल की बैठक आज जयपुर स्थित पार्टी मुख्यालय में होने वाली है। इस बैठक के दौरान ही नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाई जाएगी विधायकों को पहले ही जयपुर पहुंचने के निर्देश दिए जा चुके हैं। माना जा रहा है कि बैठक से पूर्व केंद्रीय पर्यवेक्षक राज्य के विधायकों और पार्टी के बड़े नेताओं से चर्चा भी करेंगे।
सीएम पद की दौड़ में कई सियासी दिग्गज
छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विष्णुदेव साय और मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे में माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में भी भाजपा किसी नए चेहरे को सामने ला सकती है। राजस्थान में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अलावा सांसद बालकनाथ, दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अश्वनी वैष्णव के नाम शामिल बताए जा रहे हैं।
हालांकि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में किए गए प्रयोग के बाद किसी नए चेहरे को भी सामने लाया जा सकता है। फायर ब्रांड हिंदू नेता बालकनाथ की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है। हालांकि उन्होंने पिछले दिनों पीएम मोदी के मार्गदर्शन में अभी काम सीखने और करने की बात कही थी।
भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राजस्थान में बड़ी कामयाबी हासिल की थी और माना जा रहा है कि 2024 के सियासी समीकरण को ध्यान में रखकर ही मुख्यमंत्री पद का फैसला किया जाएगा।
लागू हो सकता है दो डिप्टी सीएम का फार्मूला
राजस्थान में भी मध्य प्रदेश की तरह दो डिप्टी सीएम के फार्मूले को अपनाया जा सकता है। डिप्टी सीएम पद पर ऐसे नेताओं की ताजपोशी हो सकती है जिनका नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल बताया जा रहा है। इस कारण डिप्टी सीएम के रूप में किरोड़ी लाल मीणा और सांसद बालकनाथ को मौका दिए जाने की संभावना भी जताई जा रही है।
राजस्थान में इस बार विधानसभा की 200 में से 199 सीटों पर चुनाव कराए गए थे। भाजपा ने 115 सीटों पर जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है। कांग्रेस इस बार सिर्फ 69 सीटों पर सिमट गई है। चुनाव नतीजे की घोषणा के नौ दिन बाद तक मुख्यमंत्री पद को लेकर फंसा पेंच नहीं सुलझ पाया है और ऐसे में सबकी निगाहें आज होने वाली विधायक दल की बैठक पर लगी हुई है।