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Rajasthan New CM: राजनाथ समेत तीनों पर्यवेक्षक आज पहुंचेंगे जयपुर, वसुंधरा ने बढ़ाई सक्रियता, विधायकों से की मुलाकात
Rajasthan News: सीएम का नाम तय करने के लिए पार्टी नेतृत्व की ओर से तय किए गए पर्यवेक्षक केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे आज जयपुर पहुंचने वाले हैं।
Rajasthan News: राजस्थान में भाजपा की चुनावी जीत के बाद कई दिन बीत चुके हैं मगर अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी चेहरे पर मुहर नहीं लगाई जा सकी है। इस बीच सीएम का नाम तय करने के लिए पार्टी नेतृत्व की ओर से तय किए गए पर्यवेक्षक केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय और राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे आज जयपुर पहुंचने वाले हैं। चुनाव जीतने वाले भाजपा विधायकों को अगले दो दिन तक जयपुर में रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी आज दिल्ली से जयपुर पहुंच गई हैं।
भाजपा विधायक दल की बैठक सोमवार को होगी जिसमें राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के नाम का खुलासा होगा। माना जा रहा है कि बैठक से पहले पर्यवेक्षक विधायकों से नए मुख्यमंत्री के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। शनिवार रात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नवनिर्वाचित विधायकों के साथ चर्चा की है। पार्टी नेतृत्व की ओर से उठाया गया यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पार्टी अध्यक्ष ने पहली बार इस तरह विधायकों से चर्चा की है।
वसुंधरा ने की विधायकों से मुलाकात
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे फिर राजस्थान की कमान संभालने के लिए अभी भी सक्रिय बनी हुई हैं। वे बुधवार की रात ही दिल्ली पहुंच गई थीं। दिल्ली पहुंचने के बाद उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा से मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी दावेदारी पेश की है। राजधानी दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने के बाद वसुंधरा आज सुबह जयपुर पहुंचीं।
जयपुर पहुंचने के बाद उन्होंने भाजपा के कई विधायकों से अपने आवास पर मुलाकात की। माना जा रहा है कि इन विधायकों ने मुख्यमंत्री पद पर राजे की दावेदारी का समर्थन किया है। इससे पूर्व दिल्ली रवाना होने से पूर्व भी वसुंधरा ने जयपुर में नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात की थी। उनके इस कदम को हाई कमान पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा गया था। उनके इस कदम से हाईकमान में नाराजगी भी दिखी है। ऐसे में दबाव बनाने की वसुंधरा की रणनीति उनके खिलाफ भी जा सकती है।
बालकनाथ ने अटकलों को किया खारिज
इस बीच मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे महंत बालकनाथ ने खुद को सीएम बनाए जाने की अटकलें को खारिज कर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर साफ तौर पर लिखा कि मेरे बारे में लगाए जा रहे कयासों को पूरी तरह नजरअंदाज करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता जनार्दन ने पहली बार सांसद व विधायक बनकर राष्ट्र की सेवा का अवसर दिया है। अभी मुझे प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में अनुभव प्राप्त करना है।
बालकनाथ की इस टिप्पणी के बाद माना जा रहा है कि वे मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर हो गए हैं। हालांकि अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है मगर बालकनाथ के इस बयान को मुख्यमंत्री पद पर उनकी दावेदारी कटने का बड़ा संकेत जरूर माना जा रहा है।
दो डिप्टी सीएम के फॉर्मूले पर विचार
राजस्थान में मुख्यमंत्री के अलावा दो डिप्टी सीएम के फॉर्मूले की गूंज भी सुनी जा रही है। जानकार सूत्रों का कहना है कि यदि इस फॉर्मूले को लागू किया गया तो एक महिला को डिप्टी सीएम बनाया जाना तय माना जा रहा है। इसके जरिए आधी आबादी के समीकरण को सेट करने की कोशिश की जाएगी।
इसके साथ ही आदिवासी और राजपूत समीकरण को सेट करने का प्रयास भी किया जा सकता है। हालांकि डिप्टी सीएम का जातीय समीकरण मुख्यमंत्री पद का फैसला होने के बाद ही तय करने की दिशा में कदम उठाया जाएगा। इसके साथ ही सीएम के साथ दो डिप्टी सीएम बनाकर सभी वर्गों को साधने का प्रयास भी किया जाएगा।
गहलोत ने कसा भाजपा पर तंज
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा की ओर से अभी तक मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला न किए जाने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस पांच-छह दिनों तक मुख्यमंत्री पद का फैसला न कर पाई होती तो भाजपा नेताओं ने हमला करना शुरू कर दिया होता। वे पता नहीं क्या-क्या चिल्लाते की कांग्रेस में झगड़ा है और आपस में फूट है। अब इन लोगों से पूछा जाना चाहिए कि यह आपके यहां क्या हो रहा है। भाजपा नेतृत्व छह दिनों तक मुख्यमंत्री पद को लेकर फैसला नहीं कर पाया है।
गहलोत का जवाब देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि गहलोत खुद को बहुत काबिल और बाकी सबको नकारा समझते हैं। अगर उनके भीतर इतनी काबिलियत है तो कांग्रेस ने उन्हें सीएम चेहरा क्यों नहीं घोषित किया। अगर आप इतने ही काबिल हैं तो विपक्ष के नेता पद को लेकर अभी तक फैसला क्यों नहीं हो पाया।