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Rajasthan Political Crisis: दिल्ली पहुंचे सचिन के 'टच' में गहलोत खेमे के भी विधायक, क्या बनेंगे राजस्थान के 'पायलट'?
Rajasthan Political Crisis: पायलट अब अपने समर्थकों के अलावा गहलोत खेमे के विधायकों पर भी डोरे डाल रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि अशोक गहलोत के खिलाफ आलाकमान कोई एक्शन लेता है तो...
Rajasthan Political Crisis: कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत की ना-नुकुर बीते दो दिनों से सियासी घमासान का रूप ले चुका है। बात अब सिर्फ अध्यक्ष पद की नहीं रही बल्कि राजस्थान में नए मुख्यमंत्री की हो चली है। मौजूदा हालात ये हैं कि, अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) गुट के नेता अब सोनिया गांधी के 'दूत' अजय माकन पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत के विद्रोही रुख से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) खासी नाराज हैं। इस बीच सचिन पायलट दिल्ली पहुंच चुके हैं। उनकी आज सोनिया गांधी से मुलाकात होगी।
राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) मंगलवार (27 सितंबर 2022) को दिल्ली पहुंचे। इस बीच सचिन पायलट ने मीडिया के एक वर्ग में चल रही उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया है कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर पार्टी आलाकमान से उनकी बात हुई है। पायलट ने ट्वीट कर इस खबर को 'असत्य' बताया।
सचिन ने विधायकों को इंतजार करने को कहा
वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से कहा है कि राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत अगर पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने का फैसला करते हैं तो उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री नहीं रहना चाहिए। विधायकों को साथ लाना उनकी जिम्मेदारी है। दूसरी तरफ, एक समाचार एजेंसी के हवाले से दावा किया गया कि, कांग्रेस एमएलए जो सचिन पायलट का समर्थन कर रहे हैं वो अन्य विधायकों के भी लगातार संपर्क में हैं। सचिन ने अपने समर्थकों से आलाकमान के फैसले का इंतजार करने को कहा है।
गहलोत खेमे के विधायकों के 'टच' में सचिन
दरअसल, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने दिल्ली से आए सोनिया गांधी के 'दूतों' की बुलाई बैठक में न पहुंच कर खतरे की घंटी बजा दी थी। उन्होंने विधायकों के साथ अलग मीटिंग कर सारी हदें पार कर दी। एक तरफ, जहां सोनिया गांधी पर्यवेक्षकों अजय माकन और खड़गे की लिखित रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं, वहीं सचिन पायलट इस पूरे घटनाक्रम में अपने लिए मौका देख रहे हैं। आपको बता दें, सचिन पायलट अब अपने समर्थकों के अलावा गहलोत खेमे के विधायकों पर भी डोरे डाल रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि अशोक गहलोत के खिलाफ आलाकमान अगर कोई एक्शन लेता है तो उन्हें मौका मिल सकता है।
विधायकों के बदलने लगे सुर
पार्टी हाईकमान के दूत अजय माकन के बयान के बाद राजस्थान कांग्रेस विधायकों के सुर बदलने लगे हैं। रविवार को शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) के घर हुई बैठक में बसपा से कांग्रेस में आए विधायक संदीप यादव भी शामिल थे। लेकिन अब वो कह रहे हैं कि मैं किसी पक्ष के साथ नहीं हूं। यादव बोले, वे आलाकमान के साथ हैं। आलाकमान के निर्देश का पालन होगा। जो चल रहा है, यह कांग्रेस पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। संदीप यादव ने कहा, हमें सब चीजें पार्टी आलाकमान पर छोड़ देनी चाहिए।
बीजेपी के दरवाजे भी खुले हैं
राजस्थान में कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान पर बीजेपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने प्रतिक्रिया दी है। पूनिया ने कहा कि सचिन पायलट के लिए बीजेपी का दरवाजा बंद नहीं है। पूनिया ने आगे कहा कि इस पर आखिरी फैसला पार्टी आलाकमान लेगा।