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थलैवा ! मैदान खाली है, जनता आपको बुलाती है...CM की कुर्सी पक्की !!
चेन्नई: सुपरस्टार कहा जाए या सिनेमा का भगवान। यह आप तय करिए। हम तो आपको बता रहे हैं कि रजनीकांत ने इंतजार खत्म करते हुए राजनीति में एंट्री का ऐलान कर दिया है। चेन्नई के राघवेंद्र हॉल में अपने फैंस के बीच उन्होंने कहा कि वो खुद की पार्टी बनाएंगे। तमिलनाडु की सभी 234 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
अब इसके बाद तमिलनाडु में सभी नेताओं के हाथ पैर फूल गए हैं। आईए आपको बताते हैं कि आखिर रजनी की राजनीति क्या गुल खिला सकती है। इससे पहले ये जान लीजिए की उन्होंने आज के कार्यक्रम में क्या विशेष कहा....
यदि सत्ता में आने के तीन साल के अन्दर चुनावी वादों को पूरा करने में असमर्थ होते हैं, तो इस्तीफा दे देंगे।
वो कायर नहीं हैं, इसलिए पीछे नहीं हटेंगे।
तमिलनाडु की जनता को नीचे नहीं जाने देंगे।
पार्टी में कैडर नहीं गार्ड चाहिए जो गलत होने से रोक सकें। मैं उनका सिर्फ सुपरवाइजर रहूंगा।
सत्ता के लालच में राजनीति में प्रवेश नहीं कर रहे हैं।
सीएम का पद मेरे पास बहुत समय पहले आया था, लेकिन मैं इससे दूर रहा।
यहां सब कुछ बदलने की जरूरत है और वह अब समय आ गया है।
हम सिस्टम को बदल देंगे। मैं सुशासन को सुनिश्चित करना चाहता हूं।
उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी का नारा होगा, 'अच्छा करो, अच्छा बोलो तो केवल अच्छा ही होगा'।
किसी दौलतमंद के पीछे भागने की बजाय आपने मां-बाप की सेवा करनी चाहिए।
अब करते हैं मुद्दे की बात.. रजनीकांत की राजनीति में एंट्री के बाद से राज्य की राजनीति अब पूरी तरह से बदली हुई नजर आने वाली है। पूर्व सीएम जयललिता की असमय मृत्यु के बाद राज्य की राजनीति में जो खालीपन था उसे भरने के लिए रजनीकांत ने अपने को पेश कर दिया है।
वैसे शायद देश का एक मात्र राज्य तमिलनाडु ही होगा। जहां सितारों का राजनीति में प्रवेश कोई नई बात नहीं है। यहां जब भी कोई फिल्म स्टार नेता बनता है तो वोटर उसे अपने सिर आखों आर बैठा लेता है। ऐसे में रजनी आगे चल कर सूबे की कमान थाम लेते हैं तो कोई बड़ी बात नहीं होने वाली है। एमजी रामचंद्रन और जयललिता इस बात का सबसे सटीक उदहारण हैं।
रजनी ने अपनी ग्रैंड इंट्री का जो समय और काल चुना वो उन्हें सबसे अधिक फायदा देने वाला साबित होगा। क्योंकि जयललिता की मौत के बाद उनकी पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम में कुछ भी सही नहीं चल रहा है। पार्टी की हालत बद से बद्तर हो चुकी है। भले ही राज्य में सरकार उनकी हो लेकिन आगे चल कर पार्टी का भविष्य अंधेरे में ही नजर आ रहा है। सीएम पलनिसामी और ओ. पन्नीरसेल्वम एक साथ खड़े हैं, जबकि शशिकला ने अलग झंडा लहरा दिया है।
हाँ! ए. राजा और कनिमोझी को 2जी घोटाले में क्लीनचिट से डीएमके हौसले जरुर बुलंद हुए हैं। लेकिन वो कुछ खास करती नजर नहीं आती। बीजेपी राज्य में सत्ता पाने की जुगत में है। उसे ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम का साथ मिल सकता है। अंदर खाने में दोनों दलों के नेता कुछ पकाने में लगे हैं। लेकिन ये कितना पक सकेगा ये भविष्य के गर्भ में है।
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए अभी काफी समय है और रजनीकांत के लिए पूरा मैदान खाली है। वो जहां से चाहे बैटिंग कर सकते हैं। अपना प्लेइंग इलेवन तय करने के लिए उनके पास समय की कमी नहीं है। रजनी चाहे तो 2021 तक सूबे की हर एक विधानसभा सीट पर स्वयं जाकर अपनी पकड बना सकते हैं।
तमिलनाडु की राजनीति पर करीब से नजर रखने वाले पत्रकार अजीत के मुताबिक, रजनी की फैन फालोइंग और उनकी जनता में स्वीकृति को देखते हुए अन्य दलों के नेताओं के साथ ही कई बड़े चेहरे पार्टी की सदस्यता जल्द ही लेंगे। वहीं जब चुनाव प्रचार का समय आएगा। उस समय साऊथ और हिंदी सिनेमा के बड़े चेहरे उनके लिए वोट मांगते नजर आएंगे।
अजीत के मुताबिक पिछले 6 महीने में वो तमिलनाडु के जिस भी इलाके में गए। वहां चर्चा सिर्फ रजनी की ही थी। जनता उन्हें अपना अगला सीएम मान चुकी है। सिर्फ चुनाव का इंतजार है।
यहां एक बात और अजीत कहते हैं, अभी जो रुझान देखने को मिला उसमें जयललिता के उत्तराधिकारी अधिक समय तक उनकी विरासत को सुरक्षित नहीं रख सकेंगे आर के नगर के चुनाव परिणाम भी ऐसे संकेत दे चुके हैं। रुझानों में रजनी सबसे आगे नजर आ रहे हैं इसमें उनके स्टारडम और उनके सादे जीवन का भी बड़ा योगदान है।