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पूर्व PM राजीव गांधी की हत्या का आरोपी एजी पेरारिवलन जेल से छूटा, सुप्रीम कोर्ट ने दी रिहाई

Rajiv Gandhi Assassination: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी की बम धमाके में हुई हत्या के दोषी एजी पेरारिवलन को आज सर्वोच्च न्यायालय ने सजा अवधि खत्म होने के बाद रिहाई का आदेश दी दिया है।

Rajat Verma
Report Rajat VermaPublished By Vidushi Mishra
Published on: 18 May 2022 8:08 AM GMT (Updated on: 18 May 2022 8:16 AM GMT)
Rajiv Gandhi Hatya Kand AG Perarivalan
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राजीव गांधी की हत्या का आरोपी (फोटो-सोशल मीडिया)

Rajiv Gandhi Assassination: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी की बम धमाके में हुई हत्या के दोषी(Rajiv Gandhi Hatya Kand) एजी पेरारिवलन(AG Perarivalan) को आज सर्वोच्च न्यायालय ने सजा अवधि खत्म होने के बाद रिहाई का आदेश दी दिया है।

आपको बता दें की राजीव गांधी हत्याकांड(Rajiv Gandhi Hatya Kand) में दोषी पाए जाने के बाद एजी पेरारिवलन को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद आज 30 साल बाद चलते सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने अपनी विशेष ताकतों का प्रयोग कर उन्हें रिहा कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय से तमिलनाडु के राज्यपाल के पास लंबित एजी पेरारिवलन की रिहाई याचिका में देरी के चलते स्वयं संज्ञान लेते हुए यह फैसला सुनाया है। दरअसल, एजी पेरारिवलन 30 साल से ज़्यादा समय से राजीव गांधी की हत्या में शामिल होने के आरोपों पर सजा काट रहे हैं। जेल में सजा के दौरान राज्य सरकार ने उन्हें रिहा करने का आदेश सुनाया था, जो कि अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल की अनुमति के लिए लंबे समय से उनके पास लंबित पड़ा था।

जिसके चलते अब मामले को संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच ने एजी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दे दिया है।

उम्र कैद में तब्दील हुई फांसी की सजा

पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी एजी पेरारिवलन पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने 1999 में उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। फांसी की सजा होने के बाद पेरारिवलन ने तमिलनाडु के राज्यपाल को दया याचिका का पत्र लिखा था तथा राज्यपाल द्वारा इस याचिका को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक दया याचिका पर लम्बा समय व्यतीत हो चुका है तथा राज्यपाल के पास अनुच्छेद 161 के तहत अंतिम फैसला लेने की पूर्ण शक्ति है, इसलिए दया याचिका को राष्ट्रपति के पास भेजने की कोई ज़रूरत नहीं थी।

हालांकि, 2014 में पेरारिवलन की सजा को उम्र कैद में तब्दील करने के साथ ही आज सुप्रीम कोर्ट ने उनकी रिहाई के आदेश भी पारित कर दिए हैं।

क्या था मामला

आपको बता दें कि 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक बम धमाके में हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद 11 जून 1991 को पुलिस ने एजी पेरारिवलन को हत्या के मास्टरमाइंड शिवरासन का साथ देने के आरोपों में गिरफ्तार किया था।

Vidushi Mishra

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