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Rajkot Game Zone Fire: 27 मौतों पर हाईकोर्ट सख्त, बोला-यह मानव निर्मित आपदा, पूछा-कैसे दी गई गेमिंग जोन को अनुमति?
Rajkot Game Zone Fire: गुजरात में टीआरपी गेम ज़ोन में भीषण आग लगने से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार को इस मामले में हाईकोर्ट की स्पेशल ब्रांच के समक्ष सुनवाई हुई
Rajkot Game Zone Fire: गुजरात के राजकोट में टीआरपी गेम ज़ोन में शनिवार को भीषण आग लग गई थी, जिसमें अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले में रविवार को गुजरात हाईकोर्ट की स्पेशल ब्रांच के सामने सुनवाई हुई। जस्टिस बीरेन वैष्णव और देवेन देसाई की बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने सख्त रूख दिखाते हुए कहा कि यह मानव निर्मित आपदा है। बता दें कि राजकोट अग्निकांड में 9 मासूम बच्चों की जान जाने पर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है।
नगर निगम से मांगा स्पष्टीकरण
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया। इसके साथ ही कहा कि अहमदाबाद में सिंधुभवन रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं। हाईकोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट नगर निगम से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने कहा कि निगम को ये बताना होगा कि कानून के किस प्रावधान के तहत इस गेमिंग जोन को संचालित करने की अनुमति दी गई थी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि निगम ये जानकारी एक दिन में मुहैया कराए। इसके साथ ही कोर्ट ने अग्नि सुरक्षा नियमों के अनुपालन के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा है। बता दें कि इस मामले में अगली सुनवाई कल यानी सोमवार को होगी। कोर्ट ने कल राज्य सरकार के साथ ही सभी नगर निगमों को तलब किया है।
सरकार ने गठित की 5 सदस्यीय एसआईटी
राजकोट के टीआरपी गेम जोन में भीषण आग की घटना में अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 9 बच्चों की भी जान चली गई। गेमिंग जोन में आग लगने के समय अच्छी-खासी संख्या में लोग वहां मौजूद थे, क्योंकि शनिवार को छुट्टी का दिन था, इतना ही नहीं वीकेंड पर भीड़ जुटाने के लिए गेमिंग जोन के मैनेजमेंट ने 99 रुपये एंट्री फीस की स्कीम दी थी। वहीं इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने 5 सदस्यीय एसआईटी गठित की है, जो घटना की जांच करने के साथ ही 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
शवों की पहचान को परिजनों के लिए डीएनए सैंपल
सूत्रों के मुताबिक रविवार सुबह एसआईटी की टीम ने स्थानीय प्रशासन के साथ एक मीटिंग की। अधिकारियों ने बताया कि हादसे में शव बुरी तरह से जल गए हैं, लिहाजा मृतकों की पहचान के लिए शवों और पीड़ित के रिश्तेदारों के डीएनए सैंपल कलेक्ट किए गए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने रविवार सुबह नाना-मावा रोड पर घटनास्थल और एक अस्पताल का दौरा किया, जहां घायल व्यक्तियों को भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने बताया कि गेम जोन के मालिक और मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसआईटी चीफ बोले- सभी पहलुओं की गहन जांच करेंगे
गुजरात एसआईटी के प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सुभाष त्रिवेदी ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने के लिए तुरंत जांच शुरू की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो। त्रिवेदी ने कहा कि हम घटना के सभी पहलुओं की गहन जांच करेंगे। हम उन बच्चों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्धता और पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करेंगे, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है। वहीं, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (एसीपी) विनायक पटेल ने कहा कि घटना स्थल से 27 शव बरामद किए गए और उन्हें शहर के सिविल अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि घटना में तीन लोग घायल हो गए और उनकी हालत स्थिर है।