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रोहिंग्या पर बोले राजनाथ- ये शरणार्थी नहीं हैं, बात की सच्चाई को समझो
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि म्यांमार से भाग कर भारत में घुसे रोहिंग्या लोग शरणार्थी नहीं हैं, बल्कि अवैध आव्रजक (Immigrant) हैं और उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि म्यांमार से भाग कर भारत में घुसे रोहिंग्या लोग शरणार्थी नहीं हैं, बल्कि अवैध आव्रजक (Immigrant) हैं और उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए।
सुशासन, विकास और मानवाधिकारों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हमें इस सच्चाई को समझने की जरूरत है कि म्यांमार से भारत आए रोहिंग्या शरणार्थी नहीं हैं। उन्हें शरणार्थियों का दर्जा पाने के लिए, प्रक्रिया का पालन करना होगा। उनमें से किसी ने भी प्रक्रिया का पालन नहीं किया है।
करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान भारत में रह रहे हैं। इनमें से अधिकांश जम्मू और हैदराबाद में हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भारत रोहिंग्या मुस्लिमों के मामले में कहा है कि भारत किसी भी अतंरराष्ट्रीय कानून का उल्लघंन नहीं कर रहा है।
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राजनाथ ने कहा कि भारत ने 1951 के यूएन रिफ्यूजी कन्वेंशन में रिफ्यूजियों के लिए किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया था। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि लोगों को यह समझना होगा कि रोहिंग्या का अवैध आना भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर बहुत बड़ा खतरा है। इसलिए देश उन्हें किसी भी हालत में शरण नहीं दे सकता है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि म्यांमार से भारत घुस आए रोहिंग्या रिफ्यूजी नहीं हैं, इस सच्चाई को समझना चाहिए। अगर कोई रिफ्यूजी है तो उसे रिफ्यूजी स्टेटस प्राप्त करने के लिए एक प्रोसेस से गुजरना होता है। रोहिंग्याओं में से किसी ने इस प्रोसेस को फॉलो नहीं किया है। भारत के संसाधनों पर सबसे पहला हक़ भारतीयों का है। इसलिए हर भारतीय के इस मानवाधिकार का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है।
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गृह मंत्रालय ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में रोहिंग्या लोगों को म्यांमार भेजने के लिए शपथ पत्र दाखिल किया है, जिसमें उन्हें 'भारत के लिए खतरा' बताया गया है। कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर को होगी।